वाराणसी के इस मंदिर में भगवान शिव ने यमराज को दिए थे दर्शन, कड़ी तपस्या कर मिला था फल

By  Shagun Kochhar July 31st 2023 12:58 PM

वाराणसी: वाराणसी में एक ऐसा मंदिर है जहां भोलेनाथ स्वयं प्रकट हुए थे. इस मंदिर में शिव जी ने यमराज की कड़ी तपस्या के बाद उन्हें दर्शन दिए थे. 



यमराज ने स्थापना की थी शिवलिंग 

कहा जाता है कि काशी में काल के देवता यमराज ने कड़ी तपस्या कर शिवलिंग की स्थापना की थी. यम के इस महादेव को धर्मेश्वर महादेव के नाम से जाना जाता है. काशी विशेश्वर खण्ड में धर्मेश्वर महादेव का अति प्राचीन मंदिर है. धार्मिक मान्यताओं के अनुसार यहां किए गए जप और तप का हजार गुना फल मिलता है.



मंदिर से जुड़ी धार्मिक कथा

मंदिर से जुड़ी धार्मिक कथा है कि सूर्य पुत्र यम ने शिवलिंग की स्थापना कर यहां सैकड़ों साल तक तपस्या की थी. उनके तपस्या से भगवान भोले प्रसन्न हुए थे और फिर उन्होंने यमराज को जीवन मृत्यु के काल के लेखे जोखे की जिम्मेदारी यमराज को दी और उनका नामकरण भी किया.



'बाबा के जलाभिषेक से दूर होता है अकाल मृत्यु का भय' 

मंदिर के महंत उमाशंकर उपाध्यय ने बताया कि यहां दर्शन पूजन और बाबा के जलाभिषेक से अकाल मृत्यु का भय दूर हो जाता है. इसके अलावा दर्शन मात्र से 1000 गायत्री जप का फल भी मिलता है. यही वजह है कि काशी के तंग गलियों में मीर घातक करीब स्थित इस प्राचीन मंदिर में दूर दराज से भक्त दर्शन को आते है.


चार युगों के कठिन तप के बाद भगवान भोले हुए थे प्रसन्न

इस स्थान पर यमराज ने चार चौकड़ी तक भगवान शिव का तप किया था. चार चौकड़ी यानी चार युगों के कठिन तप के बाद भगवान भोले उनसे प्रसन्न हुए थे और उनसे वरदान मांगने को कहा था. जिसपर यमराज ने उनसे जिम्मेदारी मांगी तो महाकाल भोले ने उन्हें काल की ही जिम्मेदारी सौंप दी.


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