अतीक़-अशरफ़ की हत्या नहीं थी, राक्षसों का वध होता है - निर्भयानंद
लखनऊ: माफिया डॉन अतीक़ अहमद और उसके भाई अशरफ़ अहमद की हत्या की जा चुकी है। दोनों को प्रयागराज के कसारी-मसारी क़ब्रिस्तान में सुपुर्द-ए-खाक़ किया जा चुका है। सीएम योगी आदित्यनाथ हत्या की जांच के आदेश दे चुके हैं। कुल-मिलाकर सियासी गलियारों से लेकर, मीडिया हलकों में अतीक़-अशरफ़ को लेकर बहस-मुबाहिसों का दौर जारी है। आरोप-प्रत्यारोप का सिलसिला भी जारी है।
इसी कड़ी में महामंडलेश्वर यति नरसिंहानंद गिरि के शिष्य यति निर्भयानंद सरस्वती उर्फ डा. अरविंद अकेला ने अतीक़-अशरफ़ के तीनों हत्यारोपियों की क़ानूनी और आर्थिक तौर पर मदद करने की घोषणा कर दी है। उन्होंने बेलागलपेट कहा है कि वे इसके लिए सोशल मीडिया के ज़रिये क्राउड फंडिंग अभियान चलाएंगे और जल्द ही तीनों परिवारों से मुलाक़ात करने भी जाएंगे और जितनी हो सकेगी, तीनों परिवारों की मदद की जाएगी।
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आपको बता दें कि दिल्ली से सटे ग़ाज़ियाबाद के डासना स्थित शिव शक्ति धाम में एक बयान में यति निर्भयानंद सरस्वती ने कहा, “अतीक़-अशरफ़ की हत्या नहीं थी, राक्षसों का वध होता है, अभी उन दोनों के तीनों हत्यारोपी दोषी सिद्ध नहीं हुए हैं, क़ानून अपना काम करेगा, लेकिन सनातन और हिन्दू धर्म से होने के नाते हम अपना काम करेंगे, क़ानूनी सहायता उपलब्ध कराएंगे और पीड़ित परिवारों को भी आर्थिक मदद देंगे।”
यति निर्भयानंद सरस्वती ने दो टूक कहा, “दो गुंडों का वध हुआ है, इसमें टेंशन लेने की ज़रूरत नहीं है, पुलिस अभिरक्षा में पहले भी तमाम बड़े लोग मारे जा चुके हैं, जो राक्षसों का वध करता है, उसका सहयोग करना चाहिए, अगर सहयोग नहीं करेंगे तो उसका मनोबल घटेगा और राक्षसों की संख्या बढ़ जाएगी, इसलिए हमने फैसला लिया है कि अरुण मौर्य, सन्नी और लवलेश तिवारी के घर जाकर परिवारों से मिलकर उन्हें हर प्रकार की मदद दी जाएगी।”