PM मोदी ने लखनऊ की महिला से समझी खेती की बारीकी, बोले- आत्मनिर्भरता की बनी मिसाल

By  Dishant Kumar October 13th 2025 05:02 PM -- Updated: October 13th 2025 05:11 PM

लखनऊ: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की प्रेरणा से राजधानी लखनऊ की एक महिला ने ऐसा काम कर दिखाया है, जिससे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तक प्रभावित हुए बिना नहीं रह सके। इन्होंने एक तरह से ‘मोरिंगा आर्मी’ खड़ी कर प्रदेश की महिला किसानों को न सिर्फ आत्मनिर्भर बनाया, बल्कि ग्रामीण अर्थव्यवस्था में भी नई ऊर्जा भर दी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लखनऊ की इस महिला की सफलता की सराहना करते हुए उन्हें दिल्ली बुलाया और मुलाकात की। पीएम मोदी ने उत्सुकता से मोरिंगा की खेती की बारीकी भी समझी।

महिलाओं को जोड़कर बना दी आत्मनिर्भर टीम

लखनऊ की रहने वाली डॉक्टर कामिनी सिंह ने एफपीओ के माध्यम से एक हजार से अधिक महिला किसानों को जोड़कर एक नई शुरुआत की। उन्होंने महिलाओं को मोरिंगा यानी सहजन की खेती के लिए प्रेरित किया और फिर उसके वैल्यू एडिशन के माध्यम से बाजार तक पहुंच दिलाई। आज एफपीओ की अधिकांश सदस्य महिलाएं हैं, जो मोरिंगा की खेती के साथ-साथ प्रोसेसिंग और पैकेजिंग का काम भी करती हैं।





मोरिंगा से बन रहे 18 प्रकार के उत्पाद

महिलाओं की मेहनत का परिणाम है कि आज ये सभी मिलकर डेढ़ दर्जन से अधिक उत्पाद तैयार कर रही हैं।इनकी कंपनी डॉक्टर मोरिंगा में मोरिंगा पाउडर, टैबलेट, चाय, हैंडमेड साबुन, मोरिंगा सीड ऑयल, बिस्कुट और चर्चित मोरिंगा लड्डू शामिल हैं।

इन उत्पादों की बिक्री न केवल ऑफलाइन मार्केट में हो रही है, बल्कि ऑनलाइन प्लेटफॉर्म्स पर भी इनकी भारी मांग है। स्थानीय स्तर पर रोजगार सृजन के साथ ग्रामीण महिलाओं की आमदनी में कई गुना वृद्धि हुई पूरा प्रोजेक्ट एग्रीकल्चर इंफ्रास्ट्रक्चर फंड (AIF) योजना के अंतर्गत चल रहा है।

इसके तहत एफपीओ ने प्राइमरी प्रोसेसिंग यूनिट स्थापित की है, जहां मोरिंगा की पत्तियों, बीजों और छाल से उत्पाद तैयार किए जा रहे हैं। इससे स्थानीय स्तर पर रोजगार सृजन हुआ है और ग्रामीण महिलाओं की आमदनी में कई गुना वृद्धि हुई है।

सीएम योगी के प्रयास से बदल रही ग्रामीण बेटियों की जिंदगी

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर प्रदेश में आर्थिक रूप से कमजोर परिवारों की बेटियों को आत्मनिर्भर बनाने के लिए निरंतर प्रयास किए जा रहे हैं। यह टीम उसी सोच का सशक्त उदाहरण बन गई है। अब ये महिलाएं न सिर्फ अपनी आजीविका चला रही हैं बल्कि अन्य महिलाओं को भी प्रशिक्षण देकर रोजगार के अवसर प्रदान कर रही हैं।

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