हमनें 2 लाख रुपये नहीं दिए तो हमारे मकान गिरा दिए गए
प्रतापगढ़: उत्तर प्रदेश के प्रतापगढ़ ज़िले में अवैध अतिक्रमण हटवाने को लेकर जमकर बवाल होने का सनसनीख़ेज़ मामला सामने आया है। मौक़े पर मौजूद ग्रामीणों ने प्रशासन पर आरोप लगाते हुए लखनऊ-प्रयागराज नेशनल हाईवे को जाम कर दिया और जमकर हंगामा किया।
सूचना के बाद भारी पुलिस बल ने मौक़े पर पहुंच कर कड़ी मशक्कत के बाद हाईवे को खाली कराया। इस बाबत महिलाओं की पुलिस से तीखी झड़प भी देखी गई, जिसकी वजह से कई किलोमीटर तक जाम लगा रहा। ग्रामीणों का आरोप है कि उनकी पुश्तैनी ज़मीन और उनके मकान को ध्वस्त करने के लिए ज़िला प्रशासन उनके साथ नाइंसाफ़ी कर रहा है, तो वहीं प्रशासनिक अधिकारियों का दावा है कि बंजर ज़मीन पर निर्माण पर ग़ैरक़ानूनी तौर पर निर्माण हो रहा था, जिसे रोकने की कोशिश की गई।
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आपको बता दें कि ये मामला कुंडा कोतवाली के महंगू के पुरवा गांव का है, जहां की रहने वाली निर्मला देवी का आरोप है कि वह अपनी पुश्तैनी ज़मीन पर नवनिर्माण कर रही थी। इसके एवज में गांव के लेखपाल और प्रधान ने दो ₹2 लाख की रिश्वत मांगी थी, जिसे ना दे पाने की स्थिति में जब उन्होंने निर्माण शुरू किया, तो आज जेसीबी और बुलडोजर लेकर उच्च अधिकारी पहुंच गए और उनके निर्माण को ढहा दिया गया। इससे नाराज़ होकर ग्रामीणों ने नेशनल हाईवे को जाम कर दिया और जमकर बवाल काटा। घंटों तक हाईवे पर जाम लगा रहा और जाम हटवाने के लिए पुलिस को काफ़ी जद्दोजहद करनी पड़ी।
जानकारी के मुताबिक़ पुश्तैनी ज़मीन पर हो रहे निर्माण को ढहाने के बाद हाइवे पर लगे जाम की सूचना पर मौक़े पर एसडीएम भी पहुंचे और किसी तरीक़े से ग्रामीणों को समझा-बुझाकर यातायात को बहाल कराया जा सका। इस बाबत एसडीएम कुंडा सतीश त्रिपाठी ने कहा कि यह बंजर ज़मीन सरकारी है, जिसकी शिकायत मिली थी और इस मामले की जांच कराने के बाद नायब तहसीलदार और थानाध्यक्ष को अवैध निर्माण हटवाने के लिए निर्देशित किया गया था। प्रशासन के निर्देश पर आज टीम ने गांव में पहुंचकर हो रहे अवैध निर्माण को हटा दिया और जो लोग हंगामा कर रहे हैं उनके ख़िलाफ़ क़ानूनी कार्रवाई भी की जाएगी।