UP Supplementary Budget: यूपी का अनुपूरक बजट: विकास को मिलेगी रफ्तार!
ब्यूरो: UP Assembly Winter Session: यूपी विधानमंडल के शीतकालीन सत्र के दूसरे दिन योगी सरकार ने विधानसभा में मौजूदा वित्तीय वर्ष का दूसरा अनुपूरक बजट पेश किया। सत्रह हजार आठ सौ करोड़ से अधिक के इस अनुपूरक बजट में तकरीबन आठ सौ करोड़ के नए प्रस्ताव भी शामिल किए गए हैं। ये अनुपूरक बजट मूल बजट का 2.42 फीसदी है। मूल बजट के साथ ही दोनों अनुपूरक बजट की सम्मिलित राशि सात लाख छाछठ हजार पांच सौ तेरह करोड़ तक पहुंच गई है। उर्जा विभाग के लिए सर्वाधिक मद का इंतजाम इस बजट में किया गया है वहीं, वित्त, स्वास्थ्य, पशुधन और आधारभूत ढांचे की मजबूती के लिए इसमें प्रावधान किए गए हैं।
नई योजनाओँ के साथ ही पूर्व में जारी योजनाओं के लिए भी धन का इंतजाम किया गया है
यूपी के वित्त एवं संसदीय कार्य मंत्री सुरेश खन्ना ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की मौजूदगी में विधानसभा में द्वितीय अनुपूरक बजट पेश किया। वित्तीय वर्ष 2023-24 के लिए प्रस्तुत इस अनुपूरक बजट का आकार 17,865.72 करोड़ रुपए है। यह मूल बजट (7 लाख 36 हजार 437.71 करोड़ रुपए) का 2.42 प्रतिशत है। इसमें 790.49 करोड़ रुपए के नए प्रस्ताव शामिल किए गए हैं। इसमें केंद्रीय योजनाओं में 422.56 करोड़ रुपए के केंद्रांश की राशि भी अनुमानित है। इसके अलावा, कंटिजेंसी से जो 30 करोड़ 48 लाख रुपए का धन लिया गया था, उसकी भी प्रतिपूर्ति का भी प्रस्ताव इसमें शामिल किया गया है।
दूसरे अनुपूरक बजट में सर्वाधिक राशि उर्जा महकमे लिए रखी गई है
मंगलवार को पेश किए गए अनुपूरक बजट में ऊर्जा विभाग के लिए सबसे अधिक 8587.27 करोड़ रुपए का प्रावधान किया गया है। वित्त विभाग के लिए 2438.63 करोड़ रुपए तो परिवार कल्याण विभाग के लिए 1592.28 करोड़ रुपए प्रावधानित किए गए हैं। पशुधन विभाग के लिए 1001 करोड़ रुपए, पीडब्लूडी के लिए 805 करोड़ रुपए हैं। प्राथमिक शिक्षा विभाग के लिए 515 करोड़ रुपए, पंचायती राज विभाग के लिए 454.01 करोड़ रुपए और चिकित्सा शिक्षा एवं प्रशिक्षण विभाग के लिए 354.54 करोड़ रुपए का बजट रखा गया है। सूचना महमके के लिए सूचना विभाग के लिए 505 करोड़ रुपए का बंदोबस्त किया जा रहा है।
भारीभरकम आकार के बजट के जरिए यूपी के विकास से जुड़ी कई योजनाओं को मिलेगी रफ्तार
गौरतलब है कि मौजूदा वित्तीय वर्ष 2024-25 के लिए इसी साल फरवरी महीने में योगी सरकार ने 73643.71 करोड़ रुपये के मूल बजट का ऐलान किया था। इसके बाद 30 जुलाई को पहला अनुपूरक बजट पेश किया गया था। जिसका 12209.92 करोड़ रुपये था। अब दूसरा अनुपूरक बजट आने के बाद इस वित्तीय वर्ष के लिए बजट का आकार बढ़कर 7.50 लाख करोड़ रुपए के आंकड़े तक जा पहुंचा है। अब उम्मीद जताई जा रही है कि बिजली महकमे के इंफ्रास्ट्रक्चर को मजबूती मिल सकेगी। महाकुंभ के लिए भी धन का प्रवाह बना रहेगा। तो वहीं, औद्योगिक विकास, एमएसएमई की योजनाओ का संचालन सुचारू तौर से हो सकेगा। वहीं, अस्पतालों व सड़कों के निर्माण की दिशा में भी तेज प्रगति हो सकेगी।
अनुपूरक बजट पेश होने से पहले सीएम योगी की अध्यक्षता में कैबिनेट की बैठक हुई
मंगलवार को विधानसभा में बजट पेश किये जाने से पहले लखनऊ में कालीदास मार्ग स्थित सीएम आवास पर सुबह साढ़े नौ बजे योगी सरकार की कैबिनेट की बैठक आयोजित की गई। जिसमें अनुपूरक बजट की विभिन्न मदों के बाबत चर्चा की गई। वित्त मंत्री की ओर से इन मदों से जुड़े औचित्य और जरूरतों को बताया गया। सूबे की वित्तीय दशा और तमाम योजनाओं के विकास की गति को लेकर समीक्षा की गई। इसके बाद कैबिनेट ने बजट प्रस्तावों को हरी झंडी दे दी।
मूल बजट में प्रावधानित धन से अधिक की जरूरत पड़ने पर अनुपूरक बजट लाया जाता है
भारतीय संविधान के अनुच्छेद 205 के जरिए अतिरिक्त, अनुपूरक अनुदान प्राप्ति करने की प्रक्रिया निर्धारित की गई है। अनुपूरक बजट एक ऐसा वित्तीय दस्तावेज है जिसे संबंधित सरकार किसी वित्तीय वर्ष के दौरान तब लाती है जब उसे अपने पहले से स्वीकृत बजट में अतिरिक्त धन की जरूरत होती है। अनुपूरक बजट के जरिए उन बढ़े हुए खर्चों के लिए राशि का प्रावधान किया जाता है, जिन्हें मूल बजट में अनुमानित न हो पाने की वजह से शामिल नहीं किया जा सका था, या जो नई परिस्थितियों के कारण आवश्यक हो जाते हैं।
योगी 2.0 सरकार में अनुपूरक बजट के जरिए कई क्षेत्रों की प्रगति के लिए प्रावधान किए गए
दो वर्ष पूर्व दूसरी बार शासन संभालने के बाद योगी 2.0 सरकार ने छह दिसंबर को पहला अनुपूरक बजट पेश किया था। 33,769 करोड़ रुपए के आकार के इस अनुपूरक बजट में 14 हजार करोड़ की नई योजनाएं शामिल थीं। इसमें ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट के लिए के लिए खासतौर से प्रावधान किया गया था। पिछले साल नवंबर में योगी सरकार वित्तीय वर्ष 2023-24 के लिए 26760.67 करोड़ का अनुपूरक बजट लाई थी। जिसमें किसानों को मुफ्त बिजली देने के लिए 900 करोड़ रुपए का प्रावधान किया गया था। जबकि गन्ना किसानों के बकाया भुगतान के लिए 400 करोड़ का इंतजाम किया गया था। इस अनुपूरक बजट के साल 2024 के लोकसभा चुनाव से जोड़कर देखा गया था।
बहरहाल, योगी सरकार ने इस साल के लिए साढ़े सात लाख करोड़ से अधिक आकार के बजट का इंतजाम कर दिया है। सरकार की दलील है कि देश की 5 ट्रिलियन डॉलर की आर्थिक प्रगति के सपने को सकार करने के लिए यूपी को 1 ट्रिलियन डॉलर का योगदान देना होगा। फिलहाल बजटीय प्रावधानों के जरिए यूपी की विकास योजनाओं को नए पंख मिल सकेंगे तो देश की तरक्की की राह भी आसान हो सकेगी।