01 अगस्त से योगी सरकार शुरू करेगी 'विशेष प्रशिक्षण कार्यक्रम'

By  Mohd. Zuber Khan July 19th 2025 07:55 PM

लखनऊ : कभी मुफलिसी, कभी बेबसी, कभी परिस्थितियों की कठोर दीवारों ने उन मासूम कदमों को रोक दिया था जो स्कूल की ओर बढ़ रहे थे। कंधे पर बस्ता लटकाने का सपना अधूरा रह गया था। अब वही रुके हुए कदम दोबारा चलने को तैयार हैं, क्योंकि आउट ऑफ़ स्कूल बच्चों के कदम जहाँ थम गए थे, वहीं से उनके भविष्य की नई उड़ान शुरू होगी।

उत्तर प्रदेश की योगी सरकार अब उन लाखों बच्चों को दोबारा शिक्षा से जोड़ने जा रही है, जो किसी न किसी कारणवश विद्यालयी शिक्षा से वंचित रह गए थे। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में बेसिक शिक्षा विभाग द्वारा 01 अगस्त से 'विशेष प्रशिक्षण कार्यक्रम' प्रारंभ किया जा रहा है। 

क्या है विशेष प्रशिक्षण कार्यक्रम?

यह कार्यक्रम उन बच्चों के लिए है जो नियमित रूप से स्कूल नहीं जा पा रहे थे या शिक्षा व्यवस्था से पूरी तरह बाहर हो गए थे। 6 से 14 आयु वर्ग के इन बच्चों को प्राथमिक स्तर की शिक्षा से दोबारा जोड़ने के लिए राज्य सरकार द्वारा 'शिक्षा की मुख्यधारा में पुनः प्रवेश' की रणनीति बनाई गई है। इसमें बच्चों को उनकी उम्र के अनुरूप आयु संगत कक्षा में नामांकित कर शिक्षा दी जाएगी। शारदा कार्यक्रम के अंतर्गत उन्हें नियमित स्कूल शिक्षा के लिए तैयार किया जाएगा। बता दें कि पहचान किये गये आउट ऑफ़ स्कूल स्कूल बच्चों को विशेष रूप से प्रशिक्षित शिक्षकों द्वारा 9 माह का विशेष प्रशिक्षण प्रदान किया जाएगा।

शिक्षकों को मिलेगा विशेष प्रशिक्षण

इन बच्चों को पढ़ाने के लिए शिक्षकों को विशेष मॉड्यूल पर प्रशिक्षित किया जायेगा है। समावेशी शिक्षा, मनोवैज्ञानिक सहयोग और उम्र के अनुकूल पाठ्यवस्तु को केंद्र में रखते हुए टीचिंग लर्निंग मैटेरियल (TLM) भी तैयार किया गया है। इधर, एडी बेसिक, जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी और खंड शिक्षा अधिकारियों को नोडल अधिकारी नामित किया गया है। जनपद स्तर से लेकर विकासखंड स्तर तक शिक्षा अधिकारियों को नोडल के रूप में दायित्व सौंपे गए हैं, ताकि योजना का प्रभावी संचालन सुनिश्चित किया जा सके।

एसएमसी के माध्यम से विशेष प्रशिक्षकों की नियुक्ति होगी

योजना के अंतर्गत, ऐसे विद्यालय जहां 5 या उससे अधिक आउट ऑफ स्कूल बच्चे हैं, वहां विद्यालय प्रबंध समिति (SMC) के माध्यम से विशेष प्रशिक्षकों का चयन किया जायेगा। जिनमें सेवानिवृत्त अध्यापक या स्वैच्छिक सेवा देने वाले योग्य वॉलिंटियर्स को वरियता दी जाएगी। ये प्रशिक्षक बच्चों को आवश्यक विशेष प्रशिक्षण प्रदान करेंगे, जिससे वे कक्षा के अनुरूप मुख्यधारा की शिक्षा से जुड़ सकें।

बेसिक शिक्षा मंत्री संदीप सिंह का कहना है कि सरकार बच्चों को फिर से पढ़ने का अवसर दे रही है, जिनकी शिक्षा किसी कारणवश रुक गई थी। अब वे उत्साह के साथ फिर से स्कूल से जोड़े जाएंगे। यह प्रयास केवल उन्हें स्कूल ले आने भर का उपक्रम नहीं है, यह उनके सपनों को नई उड़ान देने वाला भी है। अपनी पढ़ाई पूरी कर वे आत्मनिर्भरता की ओर आसानी से बढ़ेंगे।

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