Tuesday 12th of August 2025

यूपी में अब 67.50 लाख बुजुर्गों को मिलेगा वृद्धावस्था पेंशन का लाभ, गरीब बुजुर्गों का होगा आर्थिक सशक्तीकरण

Reported by: Gyanendra Kumar Shukla, Editor, PTC News UP  |  Edited by: Mangala Tiwari  |  August 12th 2025 03:46 PM  |  Updated: August 12th 2025 03:46 PM

यूपी में अब 67.50 लाख बुजुर्गों को मिलेगा वृद्धावस्था पेंशन का लाभ, गरीब बुजुर्गों का होगा आर्थिक सशक्तीकरण

Lucknow: यूपी सरकार ने प्रदेश के 61 लाख गरीब बुजुर्गों को वृद्धा पेंशन देने के अपने वादे को वित्तीय वर्ष की पहली तिमाही में ही पूरा कर लिया है। अब योगी सरकार चालू वित्तीय वर्ष में 67.50 लाख पात्र बुजुर्गों तक पेंशन की राशि पहुंचाने का लक्ष्य निर्धारित किया है। इससे पहले बीते वित्तीय वर्ष की पहली तिमाही में ही सरकार ने अपने लक्ष्य के अनुरूप 56 लाख गरीब बुजुर्गों के खाते में 1000 रुपये प्रतिमाह की दर से पेंशन की राशि देकर उनका आर्थिक सहायता कर चुकी है।

योगी सरकार ने समाज कल्याण विभाग द्वारा संचालित वर्ष 2025-26 में वृद्धावस्था पेंशन योजना में पेंशनरों का लक्ष्य 61 लाख निर्धारित किया था, जिसे पहले ही वित्तीय वर्ष में प्राप्त कर आगे का नया लक्ष्य तय किया है। इस महत्वपूर्ण फैसले से योगी सरकार ने प्रदेश के बुजुर्गों के प्रति अपनी प्रतिबद्धता को मजबूत किया है। साथ ही सिंगल नोडल एकाउंट (SNA) प्रणाली ने पेंशन की प्रक्रिया को डिजिटल और पारदर्शी बनाया है, जहां पेंशन सीधे आधार-लिंक्ड खातों में जाती है, बिना किसी मध्यस्थ के। इससे सरकारी धन का सदुपयोग सुनिश्चित होता है और लाभार्थी बिना देरी के लाभ पाते हैं। SNA प्रणाली का इस्तेमाल न केवल वितरण को तेज करता है, बल्कि ऑडिट और ट्रैकिंग को आसान बनाता है। इससे भ्रष्टाचार पर अंकुश लगता है और हर पैसे का हिसाब रखा जाता है।

गरीब बुजुर्गों का ख्याल रख रही योगी सरकार:

वृद्धावस्था पेंशन योजना योगी सरकार की जनकल्याणकारी नीतियों का प्रमुख हिस्सा है, जो बुजुर्गों को आर्थिक रूप से स्वावलंबी बनाने पर केंद्रित है। इस योजना के तहत 60 वर्ष से अधिक उम्र के आर्थिक रूप से कमजोर वृद्धजनों को प्रतिमाह 1,000 रुपये की पेंशन प्रदान की जाती है, जिससे उनके जीवन के अंतिम वर्षों में वित्तीय परेशानियां कम होती हैं। योगी सरकार ने इस योजना को शुरू से ही प्राथमिकता दी है। 2017 में जब योजना का विस्तार शुरू हुआ, तब लाभार्थियों की संख्या 37.47 लाख थी, जो आज 67.50 लाख के लक्ष्य तक पहुंच गई है। यह वृद्धि सरकार की सक्रियता का नतीजा है, जहां विकासखंड और ग्राम पंचायत स्तर पर पात्र बुजुर्गों को चिह्नित किया गया। मुख्यमंत्री के निर्देश पर यदि तय लक्ष्य से अधिक पात्र मिलते हैं, तो उन्हें भी योजना में शामिल किया जाता है। 

गरीब बुजुर्गों के लिए वरदान बनी योजना:

इस योजना के तहत पिछले कुछ वर्षों में लाभार्थियों की संख्या में लगातार वृद्धि देखी गई है। वर्ष 2018-19 में 40,71,580 वृद्धजनों को इस योजना का लाभ मिला, जिसमें ₹187913.10 लाख की धनराशि खर्च की गई। 2019-20 में यह संख्या बढ़कर 47,99,480 हो गई और ₹269774.45 लाख का व्यय हुआ। 2020-21 में 51,24,155 लाभार्थियों को ₹369449.13 लाख की पेंशन मिली। 2021-22 में 51,92,779 वृद्धजनों को ₹427790.56 लाख की पेंशन दी गई। 2022-23 में यह संख्या 54,97,237 तक पहुंच गई, और इस पर कुल ₹608374.50 लाख खर्च हुए। 2023-24 में 55,68,590 वृद्धजनों को इस योजना का लाभ मिला है और इस पर कुल ₹646434.06 लाख की धनराशि खर्च हो चुकी है। वहीं वर्ष 2024-25 में 55,99,997 लाख लाभार्थियों को पेंशन का लाभ मिला। इस वर्ष की पहली तिमाही में ही लक्ष्य प्राप्ति से साफ है कि योगी सरकार बुजुर्गों के आत्मसम्मान और आर्थिक सुरक्षा को प्राथमिकता दे रही है। 

डिजिटल और पारदर्शी प्रक्रिया के तहत पात्र बुजुर्गों को मिल रहा लाभ:

ऑनलाइन आवेदन प्रक्रिया ने योजना को और सुलभ बनाया है। https://sspy-up.gov.in वेबसाइट पर कोई भी पात्र व्यक्ति आवेदन कर सकता है, जहां ग्रामीण क्षेत्रों में खंड विकास अधिकारी और शहरी क्षेत्रों में उप जिलाधिकारी आवेदन की पुष्टि करते हैं। शहरी क्षेत्रों में वार्षिक आय सीमा 56,460 रुपये और ग्रामीण में 46,080 रुपये है। यह योजना गरीब बुजुर्गों के लिए वरदान साबित हो रही है।

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