Tuesday 6th of May 2025

UP Mock Drill: पाकिस्तान से तनाव के बीच 7 मई को प्रदेश में बजेंगे सायरन, जानें- आपको क्या करना है?

Reported by: PTC News उत्तर प्रदेश Desk  |  Edited by: Md Saif  |  May 06th 2025 11:50 AM  |  Updated: May 06th 2025 11:50 AM

UP Mock Drill: पाकिस्तान से तनाव के बीच 7 मई को प्रदेश में बजेंगे सायरन, जानें- आपको क्या करना है?

ब्यूरो: UP Mock Drill News: गृह मंत्रालय के निर्देश पर उत्तर प्रदेश में युद्ध बचाव के लिए मॉक ड्रिल की तैयारी शुरू हो गई। बुधवार, 7 मई को पूरे प्रदेश में यह अभ्यास किया जाएगा, जिसमें आम जनता को हवाई हमले, ड्रोन हमले और मिसाइल हमले जैसी घटनाओं को टालने के बारे में जानकारी दी जाएगी।

इस अभ्यास को किए हुए करीब 54 साल हो चुके हैं। इससे पहले 1971 के भारत-पाक युद्ध के दौरान भी इसी तरह की मॉक ड्रिल कराई गई थी। एक बार फिर केंद्र सरकार ने राज्य को आदेश दिया है कि वह नागरिकों को आपातकाल या संभावित संघर्ष की स्थिति में उनकी सुरक्षा की गारंटी के लिए प्रशिक्षण प्रदान करे।

 

ब्लैकआउट की भी होगी तैयारी  

इस नकली अभ्यास के दौरान ब्लैकआउट रणनीति का भी इस्तेमाल किया जाएगा, जिसमें पूर्ण अंधकार शामिल है। हमले के दौरान दुश्मन का ध्यान भटकाने के लिए सभी घरों, कार्यस्थलों और सार्वजनिक क्षेत्रों की लाइटें बंद कर दी जाएंगी। साथ ही चेतावनी के तौर पर सायरन भी बजेगा। लोगों को सतर्क रहना चाहिए और सायरन सुनते ही सुरक्षित कमरे, बंकर और खुले क्षेत्रों जैसे सुरक्षित स्थानों से बचना चाहिए।

 

प्रशिक्षण में छात्र और आम लोग भाग लेंगे  

आम लोग, खास तौर पर छात्र, नागरिक सुरक्षा विभाग द्वारा आयोजित इस अभ्यास के माध्यम से नागरिक सुरक्षा के मूल सिद्धांतों को सीखेंगे। इनमें प्राथमिक उपचार देना, आग बुझाना, संवाद करना, आश्रय लेना और दूसरों की मदद करना शामिल है।

 

प्रदेश के 15 जिलों में है सिविल डिफेंस का नेटवर्क  

विभाग के महानिदेशक अभय प्रसाद के अनुसार, नागरिक सुरक्षा विभाग के राज्य के 15 जिलों में कार्यालय हैं, जो कुल 26 जिलों को कवर करते हैं। लखनऊ, कानपुर, आगरा, वाराणसी, मेरठ, गोरखपुर और प्रयागराज जैसे शहर मुख्य रूप से इन जिलों में पाए जाते हैं। घायल व्यक्तियों को अस्पताल ले जाने, प्राथमिक उपचार देने और उन्हें आपातकालीन सेवाओं के संपर्क में लाने की प्रणाली की प्रभावशीलता का भी पूरे अभ्यास के दौरान मूल्यांकन किया जाएगा। विभाग का लक्ष्य लोगों के जीवन को बचाना और उन्हें युद्ध जैसी स्थिति के लिए मनोवैज्ञानिक रूप से तैयार करना है।

इस अभ्यास से आम लोगों के ज्ञान और भागीदारी के साथ-साथ सरकार की तत्परता का भी परीक्षण होता है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पहले भी नागरिक सुरक्षा और आपदा प्रबंधन को प्राथमिकता देने पर चर्चा कर चुके हैं।

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