ब्यूरो: कानपुर में लगातार जारी अधिवक्ताओं की हड़ताल पर हाई कोर्ट ने सख्त रुख अख्तियार किया है. इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने कानपुर बार एसोसिएशन की हड़ताल को गंभीरता से लेते हुए इसके पदाधिकारियों को शुक्रवार को पेश होने का निर्देश दिए हैं.
12 दिनों से जारी है हड़ताल
आपको बता दें अधिवक्ताओं की ये हड़ताल कानपुर में पिछले 12 दिनों से चल रही है, लेकिन अब कोर्ट ने अधिवक्ताओं को तुरंत कामकाज पर लौटने के निर्देश दे दिए हैं. अन्यथा उनपर अवमानना की कार्रवाई करने की बात कही गई है.
शुक्रवार को होना होगा हाजिर
आपको बता दें सात न्यायमूर्तियों की बेंच के सामने बार एंव लॉयर्स एसोसिएशन के अध्यक्षों और महामंत्रियों को कोर्ट में पेश होने को कहा गया है. अध्यक्षों और महामंत्रियों को शुक्रवार को सुबह 10 बजे व्यक्तिगत रुप से उपस्थित होना है. सात जजों की इस बेंच में मुख्य न्यायाधीश प्रीतिंकर दिवाकर, जस्टिस सुनीता अग्रवाल, सूर्य प्रकाश केसरवानी, मनोज कुमार गुप्ता, अंजनी कुमार मिश्रा, डॉ. कौशल जयेंद्र ठाकर, महेश चंद्र त्रिपाठी शामिल हैं.
क्या है इस हड़ताल का कारण?
बता दें वकीलों की ये हड़ताल 12 दिनों से लगातार जारी है. पहले सिर्फ जिला एवं सत्र न्यायाधीश, कानपुर नगर के न्यायालय का बहिष्कार कर रहे थे, लेकिन 25 मार्च, 2023 से पूरे न्यायिक कार्य को बाधित करते हुए कानपुर न्यायपालिका के पूरे न्यायालयों का बहिष्कार किया गया. ये हड़ताल जिल जज के बदली की मांग को लेकर किया जा रहा है.