ब्यूरो: UP News: योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व वाली उत्तर प्रदेश सरकार अब राज्य के जलाशयों और बांधों को पर्यटक आकर्षण बनाने की योजना बना रही है। सरकार इन प्राकृतिक संपदाओं का लाभ उठाकर इकोटूरिज्म को बढ़ावा देना चाहती है, जिससे न केवल पर्यटक आकर्षित होंगे, बल्कि स्थानीय लोगों को रोजगार भी मिलेगा।
सरकार की रणनीति में राज्य के सात मुख्य जिलों चित्रकूट, महोबा, सोनभद्र, हमीरपुर, झांसी, सिद्धार्थनगर और बांदा में स्थित बांधों और जलाशयों पर पर्यटन संचालन शुरू करने की बात कही गई है। इसके लिए निम्नलिखित को चुना गया है: सिद्धार्थनगर का मझौली सागर, बांदा का नवाब टैंक, सोनभद्र का धंधरौल बांध, हमीरपुर का मौदहा बांध, चित्रकूट का गुंटा बांध और महोबा का अर्जुन बांध।
जल क्रीड़ा और नौका विहार की सुविधाएं बनाई जाएंगी
सरकार इन स्थानों पर नौका विहार, जल क्रीड़ा, पैदल यात्रा, कैंपिंग और रिसॉर्ट सहित आधुनिक सुविधाएं बनाएगी। प्राकृतिक सुंदरता के अलावा, यह यात्रियों को एक साहसिक अनुभव भी प्रदान करेगा। सरकार के अनुसार, इस प्रयास से ग्रामीण अर्थव्यवस्था को बढ़ावा मिलेगा और क्षेत्र के युवाओं के लिए रोजगार के नए अवसर उपलब्ध होंगे।
सिंचाई एवं जल संसाधन विभाग इस योजना की सफलता सुनिश्चित करने के लिए तकनीकी सहायता प्रदान कर रहा है। विभाग यह सुनिश्चित करेगा कि सभी पर्यटन गतिविधियाँ सुरक्षा और पर्यावरण नियमों का पालन करें और बांधों की संरचनात्मक अखंडता या सुरक्षा पर कोई प्रभाव न पड़े।
जलाशयों के विकसित होने से रोजगार में वृद्धि होगी
उत्तर प्रदेश पहले से ही धार्मिक और सांस्कृतिक पर्यटकों के लिए एक लोकप्रिय गंतव्य है। सरकार अब इन जलाशयों को उनके लुभावने प्राकृतिक परिवेश के साथ पर्यटन स्थलों के मानचित्र पर लाना चाहती है। पर्यटन विभाग के अनुसार, स्थानीय स्तर पर, इससे होटल, रेस्तरां, टैक्सी, गाइड, हस्तशिल्प और लोक कला जैसे क्षेत्रों में रोजगार को बढ़ावा मिलेगा। साथ ही, गांवों की पहचान राष्ट्रीय और विश्व स्तर पर विकसित की जाएगी।
काशी, अयोध्या और मथुरा जैसे शहरों में पहले से ही योगी सरकार की ओर से महत्वपूर्ण पर्यटन विकास और निवेश देखा गया है। अब, सरकार की नई योजना दर्शाती है कि इसका उद्देश्य धार्मिक पर्यटन के अलावा साहसिक और पारिस्थितिक पर्यटन को बढ़ावा देना है। यह अनुमान लगाया जा रहा है कि आगामी वर्षों में उत्तर प्रदेश प्राकृतिक पर्यटन का केन्द्र बन जाएगा, जिससे राज्य की ग्रामीण आबादी को काफी लाभ होगा।