ब्यूरो: UP NEWS: आज सर्किट हाउस में राम मंदिर भवन निर्माण समिति की बैठक हुई। कल की बैठक के बारे में जानकारी देने वाले भवन निर्माण समिति के अध्यक्ष नृपेंद्र मिश्र के अनुसार, प्रथम तल के द्वार के लिए सोना इस्तेमाल किया जाए या नहीं, इस पर अभी भी विचार चल रहा है। जिन लोगों ने राम मंदिर को सोना भेंट किया है, उसका अभी अनुमान लगाया जा रहा है। उन्होंने बताया कि उसके अनुसार ही हम बता पाएंगे कि मंदिर में कुल कितना सोना लगाया जा रहा है। उसी के आधार पर हम मंदिर में इस्तेमाल होने वाले सोने की मात्रा का निर्धारण कर पाएंगे।
भवन निर्माण समिति के अध्यक्ष नृपेंद्र मिश्र ने कहा कि राम मंदिर को परकोटा से जोड़ने के लिए पुल और लिफ्ट का निर्माण मुख्य बाधा है। मंदिर के पश्चिमी हिस्से में अब लिफ्ट और पुल का निर्माण किया जा रहा है। इसके अलावा, श्रद्धालुओं के लिए अस्थायी मंदिर में आने की योजना बनाई जाएगी, जिस पर कल की बैठक में चर्चा हुई थी। अस्थायी मंदिर की ऊंचाई कम करना जरूरी होगा। इसके अलावा, अस्थायी मंदिर के लिए इस्तेमाल की जाने वाली लकड़ी की मजबूती को भी ध्यान में रखा जा रहा है।
भगवान के टेंट को रखा जाएगा सुरक्षित
नृपेंद्र मिश्र ने कहा कि भगवान पहले एक टेंट में थे। भगवान जिस टेंट में थे, वह टेंट ट्रस्ट के पास सुरक्षित है। साथ ही भगवान साल 1949 में जिस सिंहासन पर विराजमान थे, वह भी मिल गया है। दोनों को याददाश्त के लिए सुरक्षित रूप से रखा जाएगा।
कब तक पूरा होगा काम
नृपेंद्र मिश्रा ने बताया कि राम मंदिर के शिखर पर दो लाइट लगाई जा रही हैं। इनमें से एक एविएशन सिग्नल लाइट है, जोकि हवाई जहाज के लिए संकेतक के तौर पर काम करेगी और दूसरी लाइट आकाशीय बिजली से राम मंदिर को सुरक्षित करेगी। इस लाइट को अरेस्टर लाइट कहते हैं। अब शिखर पर सिर्फ ध्वज लगाने का काम बाकी रह गया है। यह कार्य तीन से चार महीने में पूरा हो जाएगा। शिखर का निर्माण 30 तक पूरा हो जाएगा।