Saturday 26th of July 2025

खत्म हुई दिल्ली और महानगरों की दौड़, जिलों में ही उपलब्ध होगी आईसीयू की सुविधा

Reported by: Gyanendra Kumar Shukla, Editor, PTC News UP  |  Edited by: Mangala Tiwari  |  July 26th 2025 12:31 AM  |  Updated: July 26th 2025 12:31 AM

खत्म हुई दिल्ली और महानगरों की दौड़, जिलों में ही उपलब्ध होगी आईसीयू की सुविधा

Lucknow: योगी सरकार ने पिछले अाठ वर्षों में प्रदेश के स्वास्थ्य के बुनियादी ढांचे को मजबूत करने में उल्लेखनीय प्रगति की है, विशेष रूप से गहन चिकित्सा के क्षेत्र में। योगी सरकार ने एक महत्वपूर्ण पहल के रूप में प्रदेश भर के 40 जिला अस्पतालों में गहन चिकित्सा इकाइयों (आईसीयू) को सक्रिय किया गया है, जिससे लोगों के लिए विशेष चिकित्सा उपचार तक पहुंच में बड़ा सुधार हुआ है। सवा साल पहले शुरू हुई यह परिवर्तनकारी पहल 2,100 से अधिक गंभीर रूप से बीमार रोगियों को उनके अपने जिलों में समय पर और उचित उपचार प्राप्त करने में उपयोगी साबित हुई है। इससे इन रोगियों व उनके परिवारीजनों को लखनऊ या दिल्ली दौड़ने में होने वाली आर्थिक व मानसिक पीड़ा से काफी राहत मिली है।  

डॉक्टर्स और नर्स काे दिया गया आईसीयू प्रबंधन का प्रशिक्षण

इस पहल से पहले, कई ज़िला अस्पतालों के सामने एक आम चुनौती मौजूदा आईसीयू सुविधाओं का कम उपयोग थी। हालांकि इन अस्पतालों में अक्सर आईसीयू का भौतिक ढांचा मौजूद होता था, लेकिन इन इकाइयों के प्रभावी संचालन और रखरखाव के लिए आवश्यक प्रशिक्षित विशेषज्ञों और पर्याप्त कुशल कर्मचारियों का अक्सर अभाव रहता था। इस कमी के कारण गंभीर रूप से बीमार मरीजों को अक्सर बड़े शहरों के अस्पतालों में रेफर करना पड़ता था। इस महत्वपूर्ण कमी को दूर करने के लिए योगी सरकार ने ज़िला अस्पतालों में डाॅक्टरों व नर्स को प्रभावी आईसीयू प्रबंधन के लिए आवश्यक ज्ञान और कौशल से सशक्त बनाने के उद्देश्य से व्यापक प्रशिक्षण कार्यक्रम शुरू किया।

इस विशेष प्रशिक्षण कार्यक्रम का नेतृत्व महारानी लक्ष्मी बाई (एमएलबी) मेडिकल कॉलेज, झांसी के प्रोफेसर अंशुल जैन ने किया, जो क्रिटिकल केयर मेडिसिन के प्रसिद्ध विशेषज्ञ हैं। यह कार्यक्रम केयर-अप पहल के तहत कार्यान्वित किया गया था, जिसका अर्थ है आगामी आईसीयू पेशेवरों के लिए क्रिटिकल केयर एडवांसमेंट एंड रेडीनेस एन्हांसमेंट। इस सावधानीपूर्वक डिज़ाइन किए गए कार्यक्रम ने प्रदेश के ज़िला अस्पतालों के डॉक्टरों, नर्सों और लैब टेक्नीशियनों सहित स्वास्थ्य सेवा प्रदाताओं के विविध समूह को गहन प्रशिक्षण प्रदान किया। पाठ्यक्रम में वेंटिलेटर प्रबंधन, रोगी निगरानी, संक्रमण नियंत्रण और आईसीयू देखभाल के अन्य महत्वपूर्ण पहलुओं सहित कई आवश्यक विषय शामिल थे।

इन जिलों में मरीजों को दी जा रही आईसीयू की सुविधा:

वर्तमान में राजधानी लखनऊ के कई अस्पतालों में पूरी तरह से चालू और सक्रिय आईसीयू मरीजों की सेवा कर रहे हैं। इनमें बलरामपुर अस्पताल, सिविल अस्पताल, रानी लक्ष्मीबाई अस्पताल, लोकबंधु अस्पताल और राम सागर मिश्रा अस्पताल शामिल हैं, जो शहर के निवासियों को महत्वपूर्ण गहन देखभाल सेवाएं प्रदान करते हैं। इसके अलावा बाराबंकी, अयोध्या, सीतापुर, उन्नाव, कानपुर नगर, वाराणसी, प्रयागराज, अंबेडकर नगर, बलिया, आजमगढ़, मऊ, गोरखपुर और बस्ती के जिला अस्पतालों में भी आईसीयू प्रभावी ढंग से काम कर रहे हैं, जिससे गहन देखभाल सेवाओं की पहुंच व्यापक भौगोलिक क्षेत्र तक बढ़ रही है। पश्चिमी में इटावा, बांदा, चित्रकूट, आगरा, मथुरा, फिरोजाबाद, अलीगढ़, बुलंदशहर, कन्नौज, झांसी, बरेली, मुरादाबाद, मेरठ, गाजियाबाद, मुजफ्फरनगर और शामली के जिला अस्पतालों में सक्रिय आईसीयू आवश्यक देखभाल प्रदान कर रहे हैं। 

लोकबंधु में एक माह में 150 मरीजों को मिला आईसीयू का इलाज 

प्रोफेसर जैन ने इस बात पर ज़ोर दिया कि प्रशिक्षण कार्यक्रम चक्रीय आधार पर जारी रहेगा, जिससे यह सुनिश्चित होगा कि राज्य भर के स्वास्थ्य सेवा पेशेवरों को गहन चिकित्सा संबंधी नवीनतम ज्ञान और कौशल प्राप्त हो सकें। अंतिम लक्ष्य वर्ष के अंत तक सभी जिला अस्पतालों के आईसीयू को पूरी तरह से सक्रिय करना है, जिससे पूरे प्रदेश में व्यापक गहन चिकित्सा कवरेज सुनिश्चित हो सके। लोकबंधु अस्पताल के आईसीयू प्रभारी डॉ. दीपक कुमार मौर्य ने बताया कि उनके 11 बेड वाले आईसीयू ने पिछले महीने ही 150 से ज़्यादा मरीज़ों का सफलतापूर्वक इलाज किया है। उन्होंने कहा कि प्रशिक्षित कर्मचारी अब वेंटिलेटर और अन्य अत्याधुनिक उपकरणों का प्रभावी ढंग से प्रबंधन करने में सक्षम हैं, जिससे वे गंभीर रूप से बीमार मरीज़ों को सर्वोत्तम देखभाल प्रदान कर पा रहे हैं। सिविल अस्पताल के आईसीयू प्रभारी डॉ. अभिषेक सिंह ने भी इन विचारों को दोहराया और प्रशिक्षित कर्मचारियों के बेहतर कौशल और ज्ञान के परिणामस्वरूप बढ़ी हुई रोगी क्षमता पर प्रकाश डाला। इससे अस्पताल में गंभीर रूप से बीमार मरीज़ों की संख्या में वृद्धि हुई है, जिससे यह सुनिश्चित हुआ है कि ज़्यादा से ज़्यादा लोगों को समय पर और उचित देखभाल मिल सके।

क्रिटिकल केयर यूनिट ने कम किया आर्थिक बोझ

प्रमुख सचिव स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा पार्थ सारथी सेन शर्मा ने बताया कि प्रदेश के विभिन्न जिला अस्पताल के डॉक्टर, नर्स और पैरामेडिकल स्टाफ को वेंटीलेटर एवं अन्य आधुनिक चिकित्सा उपकरणों के उपयोग में पारंगत करने के लिए प्रशिक्षण इस मंशा से कराया गया कि इसका लाभ प्रदेश की जनता को मिले। यह मंशा अब कामयाब होती दिख रही है। पूर्वी उत्तर प्रदेश से लेकर पश्चिम के कई जिला अस्पतालों में क्रिटिकल केयर यूनिट सक्रिय हैं और मरीजों को इसका लाभ स्थानीय तौर पर मिल रहा है जिससे उनपर वित्तीय बोझ भी कम हो रहा है।

डाक्टरों को आईसीयू एक्सपर्ट बनाएगी यह पुस्तक:

प्रमुख सचिव पार्थ सारथी सेन शर्मा ने डॉ. अंशुल जैन द्वारा संपादित एक बहुमूल्य संसाधन, 'क्रिटिकल केयर रिफ्रेशर मैनुअल' का आधिकारिक विमोचन किया। इस व्यापक पुस्तक में उत्तर प्रदेश और दिल्ली के मेडिकल कॉलेजों के 36 प्रमुख विशेषज्ञों द्वारा लिखे गए लेख शामिल हैं। यह मैनुअल विशेष रूप से एक व्यावहारिक मार्गदर्शिका के रूप में तैयार किया गया है।

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