Sunday 19th of January 2025

इंडिया(I.N.D.I.A) गठबंधनः अगुवाई को लेकर छिड़ी रार!

Reported by: PTC News उत्तर प्रदेश Desk  |  Edited by: Md Saif  |  December 10th 2024 05:48 PM  |  Updated: December 10th 2024 05:48 PM

इंडिया(I.N.D.I.A) गठबंधनः अगुवाई को लेकर छिड़ी रार!

ब्यूरो: आज से कोई दो साल पहले मध्यप्रदेश कांग्रेस के सीनियर लीडर और पूर्व केंद्रीय मंत्री अरुण यादव ने राहुल गांधी को टैग करते हुए एक ट्वीट किया था, जिसमें कहा था कि किसको है ये फिक्र कि कबीले का क्या हुआ, सब इस पर लड़ रहे हैं कि सरदार कौन है। मेराज फैजाबादी का ये शेर दरअसल मौजूदा दौर में इंडिया गठबंधन को लेकर एकदम सटीक बैठ रहा है। जहां हंगामा इस बात पर बरपा है कि इस विपक्षी महागठबंधन की अगुवाई कौन करेगा, कौन इसका रहबर होगा............देश की दूसरे नंबर की पार्टी कांग्रेस के पहले नंबर के नेता राहुल गांधी मुखिया होंगे या रहनुमाई पश्चिमी बंगाल की सुप्रीमो ममता बनर्जी के हिस्से में जाएगी।

    

टीएमसी मुखिया ममता बनर्जी ने  उठाया था विपक्षी महागठबंधन की अगुवाई का मुद्दा

बीते छह दिसंबर को विपक्षी गठबंधन इंडिया(I.N.D.I.A.) के कामकाज को लेकर असंतोष जताते हुए तृणमूल कांग्रेस की प्रमुख और पश्चिमी बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने इस गठबंधन के नेतृत्व का मुद्दा छेड़ा था। उन्होंने कहा था कि हमने ही इंडिया ब्लॉक को बनाया है। अब इसे संभालने की जिम्मेदारी नेतृत्व करने वालों पर हैं। अगर वे इसे नहीं चला सकते तो मैं क्या कर सकती हूं? उन्होंने साफ लहजे में कहा था कि वह बंगाल की मुख्यमंत्री के रूप में अपनी भूमिका जारी रखते हुए विपक्षी मोर्चे के नेतृत्व के साथ दोहरी जिम्मेदारी संभालने में सक्षम होंगी। उनसे यह सवाल पूछा गया कि उनकी साख बीजेपी के खिलाफ एक मजबूती विपक्षी ताकत के तौर पर है तो वह महागठबंधन की कमान खुद क्यों नहीं संभालती। इस पर ममता बनर्जी ने कहा था कि अगर मौका दिया गया तो वह इस दायित्व का सुचारू संचालन सुनिश्चित करेंगी। टीएमसी सांसद कीर्ति आजाद ने इस मुद्दे को बढ़ाते हुए कहा कि ममता बनर्जी इस पद के लिए 'सबसे उपयुक्त' हैं क्योंकि वह एकमात्र नेता हैं जिन्होंने अपने राज्य - पश्चिम बंगाल में बीजेपी को बार-बार हराया है।

   

यूपी की समाजवादी पार्टी ने इंडिया गठबंधन के लीडरशिप के मुद्दे को हवा दी

ममता बनर्जी के बयान पर टिप्पणी करते हुए सपा महासचिव प्रो. रामगोपाल यादव ने बयान दिया था कि राजनीति में तो कोई साधु संत बनकर तो आते नहीं हैं। सब पद चाहते हैं, ममता बनर्जी यह देख-कह रही होंगी कि कांग्रेस ने लोकसभा चुनाव हो या विधानसभा चुनाव, कहीं भी अच्छा प्रदर्शन नहीं किया है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस की सरकार हिमाचल प्रदेश में है, लोकसभा चुनाव में चार की चारों सीटें हार गए। तेलंगाना और कर्नाटक में कांग्रेस सरकार है, वहां भी आधी सीटें हार गए। मध्य प्रदेश-छत्तीसगढ़ में वे एक सीट नहीं जीत पाए। प्रो. यादव ने ये भी जोड़ा कि जिन प्रदेशों में कांग्रेस सरकार है, वहां अच्छा प्रदर्शन हो जाता तो आज नरेंद्र मोदी प्रधानमंत्री होते ही नहीं। राहुल गांधी तो हमारे नेता हैं नहीं। इंडिया गठबंधन के भी वे नेता नहीं हैं। सपा नेता उदयवीर सिंह ने तो ये कह दिया, “ ममता बनर्जी एक सीनियर लीडर हैं, उनके पास बहुत अनुभव है। वह सक्षम हैं, हमारी पार्टी के उनके साथ संबंध अच्छे हैं और हमें उनके नेतृत्व पर भरोसा है। इंडिया ब्लॉक के नेताओं को मिलकर तय करना होगा कि क्या किया जाना चाहिए। अगर ऐसा कोई निर्णय लिया जाता है, तो हम इसका समर्थन करेंगे”।

   

महाराष्ट्र के कद्दावर नेता शरद पवार ने भी ममता बनर्जी के नेतृत्व के पक्ष में संकेत दिया

एनसीपी सुप्रीमो शरद पवार ने कोल्हापुर में बयान दिया कि, “ ममता बनर्जी में इंडिया अलायंस का नेतृत्व करने की क्षमता है। उन्होंने जो रुख अपनाया वह आक्रामक है, उन्होंने कई लोगों को खड़ा किया. उन्हें ऐसा कहने का पूरा अधिकार है”।  एनसीपी की दूसरे नंबर की नेता और पवार की बेटी सुप्रिया सुले ने भी ममता बनर्जी के बयान का स्वागत करते हुए कहा, "ममता बनर्जी पूरी तरह से इंडिया गठबंधन का अभिन्न अंग हैं. वह भारत की सबसे बड़ी नेताओं में से एक हैं और एक जीवंत लोकतंत्र में विपक्ष की बड़ी भूमिका और जिम्मेदारी होती है इसलिए अगर वे अधिक जिम्मेदारी लेना चाहें तो हम उनके साथ हैं."

   

कांग्रेस के रुख से असंतुष्ट वाम दल और दूसरे सहयोगी घटक मिलीजुली प्रतिक्रिया दे रहे हैं

भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के महासचिव डी राजा ने गठबंधन के नेतृत्व के मुद्दे पर कहा, “एग्जिट पोल आने के बाद इंडिया अलायंस की केवल एक बैठक हुई थी। यह एक तथ्य है लेकिन किसी को यह समझना चाहिए कि इंडिया का उद्देश्य क्या है। देश बचाओ, बीजेपी हटाओ एक साझा संकल्प था। यहां बात यह है कि हर राज्य में स्थिति एक जैसी नहीं है”। इंडिया गठबंधन के सहयोगी उद्धव ठाकरे गुट वाली शिवसेना के नेता संजय राउत ने बयान दिया, “राहुल गांधी के नेतृत्व पर कोई सवाल नहीं उठा रहा है। वे हम सबके नेता हैं। इंडिया गठबंधन के बारे में अगर हमारे कुछ साथी चाहे टीएमसी हो, चाहे लालू जी, अखिलेश जी हो, उनकी एक अलग राय बनती है। हम सबने मिलकर इंडिया गठबंधन बनाया है। अगर कोई  नई बात रखना चाहता है और गठबंधन को ताकत देना चाहता है। तो उसपर विचार होना चाहिए और कांग्रेस को चर्चा में शामिल होकर अपनी बात रखनी चाहिए”। जम्मू कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने कहा कि लोकसभा चुनाव के बाद इंडिया की कोई बैठक नहीं हुई है, इसलिए नेतृत्व परिवर्तन का सवाल ही नहीं उठता. एक बैठक होने दीजिए और अगर ममता बनर्जी चाहें तो उन्हें नेतृत्व का दावा करने दीजिए. इस बारे में कोई चर्चा नहीं हुई है.

   

कांग्रेस को अपने पुराने सहयोगी राजद संस्थापक लालू यादव के रुख से झटका लगा 

राष्ट्रीय जनता दल प्रमुख और इंडिया गठबंधन के वरिष्ठतम सदस्य लालू प्रसाद यादव ने भी विपक्षी एकता समूह की कमान ममता बनर्जी द्वारा संभाले जाने की वकालत की। लालू ने कहा कि ममता बनर्जी को नेतृत्व मिलना चाहिए. कांग्रेस के विरोध का मतलब नहीं बनता। हम ममता का समर्थन करेंगे। ममता बनर्जी को इंडिया ब्लॉक का नेतृत्व दिया जाना चाहिए। राजद सुप्रीमो का ये बयान कांग्रेस के लिए बड़ा सिरदर्द है।

वह सोनिया-राहुल के नजदीकी माने जाते हैं। उनके द्वारा ऐसी बात कहना गठबंधन में कांग्रेस की अगुवाई को लेकर गंभीर सवाल खड़े कर देती है।  बिहार प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष अखिलेश प्रसाद सिंह ने टिप्पणी की है कि ममता बनर्जी की पार्टी बंगाल तक ही सीमित है। राष्ट्रीय परिप्रेक्ष्य में उनकी पार्टी और उनका व्यक्तित्व उतना बड़ा नहीं है। हालांकि सियासत की  बड़ी खिलाड़ी कांग्रेस के राष्ट्रीय स्तर के  किसी नेता ने इस मुद्दे पर प्रतिक्रिया नहीं है, शीर्ष नेतृत्व चुप्पी साधकर हवा का रुख भांप रहा है।  

     

विपक्षी गठबंधन की लीडरशिप को लेकर कोलकाता से उठी आवाज की धमक दिल्ली तक गूंज रही है

गौरतलब है कि पिछले साल जुलाई में बेंगलुरु की बैठक में विपक्षी दलों ने मिलकर इंडिया गठबंधन तैयार किया था। अब तक इस गठबंधन के चेयरमैन का पद खाली है। इसी साल जनवरी में नीतीश कुमार को इस पद का ऑफर दिया गया था पर वे इंकार करते रहे और एनडीए में शामिल हो गए। अब इस पद को लेकर ही खींचतान शुरू हो गई है। चूंकि कांग्रेस खुद को बड़ी पार्टी के साथ ही राहुल गांधी को पीएम इन वेटिंग के तौर पर मानती है ऐसे में विपक्षी गठबंधन की कमान किसी दूसरे को सौंपना उनके लिए असहज स्थिति होगी। इंडिया गठबंधन में शामिल सपा के एक बड़े नेता ने नाम न उजागर करने की शर्त पर कहा कि मंगलवार की शाम दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल और एनसीपी प्रमुख शरद पवार की बैठक में गठबंधन की चर्चा होगी। इसके बाद तस्वीर कुछ साफ हो सकेगी। बहरहाल, इस मुद्दे को लेकर सियासत गरमा गई है और इस वजह से विपक्षी सियासत की धार दो ध्रुवों में बंटती नजर आने लगी है।

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