Monday 6th of January 2025

चर्चित चंदन गुप्ता केस: हत्यारों को उम्रकैद

Reported by: PTC News उत्तर प्रदेश Desk  |  Edited by: Md Saif  |  January 03rd 2025 04:55 PM  |  Updated: January 03rd 2025 06:25 PM

चर्चित चंदन गुप्ता केस: हत्यारों को उम्रकैद

ब्यूरो: Chandan Gupta Murder Case: 6 साल 11 महीने 7 दिन के बाद यूपी के कासगंज के बहुचर्चित चंदन गुप्ता हत्याकांड में अदालत ने अपना फैसला सुना दिया है। लखनऊ में स्पेशल एनआईए अदालत ने इस मामले के 28 आरोपियों को उम्रकैद की सजा सुनाई है। इस मामले में एक आरोपी की सुनवाई के दौरान मौत हो गई जबकि दो आरोपियों को सबूतों के अभाव में बरी कर दिया गया। परिजनों ने कहा कि इँसाफ अभी अधूरा है, इन हत्यारों को फांसी की सजा दी जानी चाहिए।

 

 

तिरंगा यात्रा रोके जाने को लेकर विवाद गहराया जिसने खूनी रंग अख्तियार कर लिया

घटना आज से तकरीबन सात वर्ष पूर्व की है। कासगंज जिले में तमाम संस्थाओं व संगठनों ने गणतंत्र दिवस मनाने की अपने अपने लिहाज से तैयारियां की थीं। इसी कड़ी में विश्व हिंदू परिषद, अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद और हिंदू वाहिनी के कार्यकर्ताओं ने तिरंगा यात्रा का आयोजन किया था। इस यात्रा के लिए सौ से अधिक बाइक पर भगवा ध्वज और तिरंगा लेकर युवाओं की टोली निकली। सुबह 9:30 बजे निकली एक टोली में चंदन गुप्ता भी शामिल था। अपने माता पिता की तीन संतानों में सबसे छोटा चंदन गुप्ता बीकॉम का छात्र था और कई सामाजिक संस्थाओं से भी जुड़ा था। जैसे ही यात्रा सुबह 10:30 पर शहर के बड्डूनगर इलाके में पहुंची वहां मौजूद अल्पसंख्यक बिरादरी के युवकों ने अवरोध पैदा किया। ये लोग यात्रा आगे न बढ़ने को लेकर अड़ गए।

  

यात्रा रोके जाने से उपजे विवाद के बीच ही चंदन को गोली मार दी गई

तिरंगा यात्रा रोकी गई तो माहौल बिगड़ने लगा। बहस हुई जो देखते देखते झड़प और मारपीट में तब्दील हो गई। तब तक यात्रा पर पथराव होने लगा, इसी बीच फायरिंग शुरू हो गई। इस अफरातफरी में जब तक लोग कुछ समझ पाते तब तक भीड़ के बीच आवाज आई कि चंदन को गोली लग गई है। आनन-फानन में चंदन को जिला अस्पताल ले जाया गया। जहां दोपहर करीब 12:25 बजे चंदन को मृत घोषित कर दिया गया। इसके बाद कासगंज में तनाव फैलने लगा। माहौल नाजुक होता देख बाजार बंद हो गए। इस दौरान आक्रोशित लोगों ने प्रदर्शन व नारेबाजी शुरू कर दी।

 

स्थानीय सांसद द्वारा परिजनों की सीएम से बात कराई तब चंदन का अंतिम संस्कार हो सका

माहौल की गंभीरता भांप कर जिले के सांसद राजवीर सिंह और आईजी व प्रशासनिक अफसर मौके पर पहुंचे। इनके समझाने और आरोपियों पर सख्त कार्रवाई करने का भरोसा दिलाने के बाद दोपहर 2 बजे चंदन का शव पोस्टमार्टम के लिए भेजा गया। जहां से शाम 7 बजे शव चंदन के घर भेज दिया गया। लोगों में आक्रोश बढ़ता जा रहा था, जिले में पीएसी और पुलिस फोर्स तैनात कर दिया गया। रात 12:17  बजे चंदन के पिता सुशील गुप्ता की तहरीर पर शहर कोतवाली में मुकदमा दर्ज किया गया जिसमें तीन भाईयों सलीम, वसीम और नसीम सहित 20 लोगों को आरोपी बनाया गया। इस घटना के अगले दिन 27 जनवरी को सुबह 8:30 बजे भारी पुलिस बंदोबस्त के बीच चंदन का शव अंतिम संस्कार के लिए ले जाया गया। पर मृतक के परिजन आरोपियों पर त्वरित कार्रवाई के लिए अड़ गए। जिसके बाद 10 बजे तत्कालीन सांसद राजवीर सिंह ने सीएम योगी से परिजनों की अपने फोन से बात करवाई। उनसे मिले आश्वासन के बाद ही चंदन के शव का अंतिम संस्कार कराने को परिजन तैयार हुए।

  

चंदन की चिता की अग्नि शांत भी नहीं हुई कि कासगंज सुलग उठा

चंदन गुप्ता के अंतिम संस्कार होने के बाद से ही जिले का माहौल बिगड़ने लगा। सुबह 11:30 बजे अराजक तत्वों ने पुरानी चुंगी इलाके में खड़ी बसों और गाड़ियों में आग लगा दी। एक घंटे के बाद ही बारहद्वारी इलाके में कुछ दुकानें भी आग के हवाले कर दी गईँ। हालत बेकाबू होते देखकर आरएएफ की तैनाती की गई और शहर में कर्फ्यू लगा दिया गया, बढ़ती अफवाहों पर नकेल लगाने के लिए इंटरनेट सेवाएं बंद कर दी गईं। हालांकि देर रात तक छिटपुट हिंसा, आगजनी की घटनाएं होती रहीं। करीब एक हफ्ते तक कासगंज हिंसा की आग में झुलसता रहा। शहर में उपद्रव और आगजनी हुई। इस सिलसिले में पुलिस ने कुल 49 लोगों को गिरफ्तार किया था।

चंदन गुप्ता हत्याकांड की गूंज सोशल मीडिया पर छाई, मामले को एनआईए को सौंपा गया

चंदन की हत्या की वारदात को लेकर सोशल मीडिया पर कई तरह के हैशटैग भी ट्रेंड हुए थे। अधिकांश सोशल मीडिया यूजर्स ने कासगंज की घटना का जिक्र करते हुए यूपी की कानून व्यवस्था और पुलिस की कार्यशैली पर सवाल उठाए थे। इस केस में स्थानीय पुलिस ने तफ्तीश शुरू तो की लेकिन उसकी कार्रवाई को लेकर चंदन गुप्ता के परिजनों ने सवाल उठाए। जिसके बाद अपराध की प्रवृत्ति, कृत्यों की गंभीरता और राष्ट्रविरोधी प्रकृति के मद्देनजर केस को राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) को सौंप दिया गया। मुख्य आरोपियों सहित बाकी नामजद अभियुक्तों की गिरफ्तारी की गई।

  

मामले की सुनवाई एटा जिला अदालत से होते हुए लखनऊ की एनआईए कोर्ट तक पहुंची

चंदन के पिता सुशील गुप्ता ने घटना के बाद 20 नामजद समेत अन्य अज्ञात आरोपियों के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराई थी। एसआईटी ने इस मामले में 11 और नाम जोड़ते हुए कुल 31 लोगों को आरोपी माना। ।जांच एजेंसी ने शुरुआती तफ्तीश के बाद 26 अप्रैल, 2018 को प्रारंभिक आरोपपत्र दाखिल किया था। जिसमें तीस आरोपी बनाए गए थे। इस मामले में साल 2019 से ट्रायल शुरू हो गया था। साल 2020 में दो मुख्य आरोपी वसीम और नसीम जमानत पर जेल से बाहर आ गए। नवंबर 2021 में यह मुकदमा एटा की जिला अदालत में पहुंचा| इस मामले में चंदन के पिता द्वारा सीएम योगी से सख्त कार्रवाई कराए जाने की गुहार लगाई गई थी। इस केस में आरोपियों के खिलाफ राजद्रोह की धाराएं दर्ज हुई थीं, लिहाजा 10 मार्च 2022 को इस केस को एनआईए कोर्ट लखनऊ में ट्रांसफर कर दिया गया।

  

हत्यारोपियों ने याचिका दायर करके फैसला आने में अड़ंगा पैदा करने की कोशिश की

लखनऊ एनआईए अदालत में लगातार चंदन गुप्ता केस की सुनवाई हो रही थी। इस मामले में 25 अक्तूबर 2024 को एनआईए अदालत अपना फैसला सुनाने वाली थी। लेकिन तभी आरोपियों ने इलाहाबाद हाईकोर्ट में याचिका दायर कर दी। याचिका की सुनवाई करते हुए हाई कोर्ट ने 5 नवंबर तक एनआईए अदालत की कार्रवाई पर रोक लगा दी। जिसके बाद चंदन के पिता सुशील लखनऊ पहुंचे और हजरतगंज में गांधी प्रतिमा के नीचे धरने पर बैठ गए। उन्होंने ऐलान किया था कि इंसाफ न मिलने तक वह धरने से नहीं हटेंगे। हालांकि, बाद में पुलिस व प्रशासनिक अफसरों ने विधिक प्रावधानों का हवाला देते हुए समझा बुझा कर धरना खत्म करा दिया था। इसके बाद सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने 20 दिसंबर को आरोपियों की याचिका को खारिज कर दिया। जिसके बाद एनआईए अदालत द्वारा फैसला सुनाए जाने की राह साफ हो सकी।

  

चंदन के परिजनों संग किए गए सरकारी वादे अधूरे ही साबित हुए

सरकार की ओर से कासगंज की हिंसा में जान गंवाने वाले चंदन के नाम पर कासगंज में एक चौक बनाने का ऐलान किया गया था। चंदन के परिवार को एक वर्ष तक सुरक्षा मुहैया कराई गई थी जिसे बाद में हटा दिया गया। चंदन की बहन कीर्ति को 24 जनवरी, 2019 को लोकमित्र के पद पर संविदा के तहत नौकरी दी गई, 5 जुलाई, 2019 को पद से हटा दिया गया। चंदन का बड़े भाई विवेक गुप्ता मेडिकल रिप्रंजेटेटिव की नौकरी करता था, धमकियों व खतरे की आशंका से उसकी नौकरी भी छुड़वा दी गई थी।

 

लखनऊ की एनआईए कोर्ट ने 28 आरोपियों को दोषी करार दिया 

2 जनवरी, बृहस्पतिवार को देते एनआईए अदालत के स्पेशल जज विवेकानंद शरण त्रिपाठी ने चंदन गुप्ता केस में फैसला सुनाया। सभी आरोपियों को आईपीसी की धारा 147, 148, 149, 341, 336, 307, 504, 506 और वसीम, नसीम, मोहसिन, राहत, बबलू और सलमान को राष्ट्रीय ध्वज अपमान निवारण अधिनियम की धारा - 2 और आयुध अधिनियम की धारा 2/25 जबकि अभियुक्त सलीम को आयुध अधिनियम की धारा 25/27 के अंतर्गत भी दोषी करार दिया गया है। अदालत ने दोष सिद्ध हो चुके आरोपी बरकतुल्लाह के खिलाफ गैर जमानती अधिपत्र (एनबीडब्ल्यू) जारी करने का भी आदेश दिया। दोषी पाए गए आरोपी सलीम के अदालत में पेश नहीं होने पर उसके खिलाफ भी एनबीडब्ल्यू जारी किया था।

   

संदेह का लाभ पाकर दो आरोपी बरी हो गए जबकि एक की सुनवाई के दौरान मौत हो गई

इस मुकदमे के एक आरोपित अजीजुद्दीन की सुनवाई के दौरान हुई मौत हो गई थी, जिसके बाद उसकी कार्रवाई समाप्त कर दी गयी। मुकदमे के 2 आरोपी नसरुद्दीन और असीम कुरैशी को न्यायालय ने सबूतों के अभाव में संदेह का लाभ देते हुए बरी कर दिया। इस केस में अभियोजन की ओर से 18 गवाहों को पेश किया गया वही बचाव पक्ष की ओर से 23 गवाह पेश किये गये थे। मामले में देशद्रोह की धारा 124 ए पर सुनवाई नहीं हुई, क्योंकि इसे सुप्रीम कोर्ट ने निलंबित कर रखा है। 3 जनवरी की तारीख सजा के लिए मुकर्रर की थी।

   

इन आरोपियों को उम्रकैद और जुर्माने की  सजा सुनाई गई

शुक्रवार को सरकार बनाम सलीम केस के सभी आरोपी वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से अदालत में पेश किए गए। एनबीडब्लू जारी होने के बाद सलीम भी शुक्रवार को अदालत में हाजिर हो गया। जिन 28 आरोपियों को कोर्ट ने उम्रैकैद की सजा सुनाई उनमें शामिल हैं, आसिफ कुरेशी उर्फ हिटलर, असलम कुरैशी ,असीम कुरैशी, शबाब, साकिब, मुनाजिर रफी, आमिर रफी, सलीम, वसीम, नसीम, बबलू, अकरम, तौफीक, मोहसिन, राहत, सलमान, आसिफ जिम वाला, निशु, वासिफ, इमरान ,शमशाद ,जफर, शाकिर, खालिद परवेज, फैजान, इमरान, शाकिर, जाहिद उर्फ जग्गा को दोषी करार दिया है। इनमें से मुनाजिर रफी अधिवक्ता मोहनी तोमर हत्याकांड का भी आरोपी है। तिरंगा के अपमान पर तीन-तीन साल की सजा दी गई तो मुख्य आरोपी सलीम सहित छह दोषियों को आर्म्स एक्ट में भी सजा दी गई है। सभी पर भारी जुर्माना भी लगाया गया है।

  

चंदन के कई साथियों के गवाही के दौरान मुकर जाने से परिवार को सदमा लगा

गुरुवार को हत्यारोपियों के दोष सिद्ध होने की जानकारी मिलते ही मृतक चंदन के माता-पिता फफक पड़े थे। मां संगीता ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि चंदन का तिरंगे में लिपटा शव उनकी आंखों में सदा घूमता रहता है। दिन हो या रात उसकी स्मृतियां दिल और दिमाग में छाई रहती हैं। चंदन को इंसाफ दिलाने के उसके पिता सुशील गुप्ता और भाई विवेक ने दिनरात संघर्ष किया। खुद की जान की परवाह किए बिना यहां से लखनऊ तक कोर्ट में पैरवी की। चंदन के पिता सुशील ने कहा कि एनआईए कोर्ट में सुनवाई के दौरान चंदन के तीन दोस्त अपने बयान से पलट गए थे। जिससे भारी ठेस पहुंची, भरोसा ही नहीं था कि जो दोस्त हर पल साथ रहते थे वह बयान से पलट जाएंगे। हालांकि उसके एक दोस्त सौरभ पाल काफी सहयोग किया, वह शुरू से अंत तक हमारे साथ रहा। परिजनों के मुताबिक जिन दो आरोपियों को बरी किया गया है, उनके खिलाफ वह हाईकोर्ट में याचिका दाखिल करेंगे। वहीं, उम्रकैद को अधूरा इंसाफ करार देते हुए परिजन दोषियो को फांसी की सजा दिलवाने के लिए विधिक कवायद करेंगे।

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