वाराणसी: काशी विश्वनाथ मंदिर में देश ही नहीं दुनियाभर से श्रद्धालु दर्शनों के लिए पहुंचते हैं. गर्मी हो या सर्दी अपने आराध्य के दर्शन पाने के लिए भक्तों के कदम कभी डगमगाते नहीं. जेठ की तीखी धूप में भी श्रद्धालुओं की लंबी लंबी लाइनें लगी रहती है. तपती दोपहरी में लोग भोलेनाथ के अवलोकन के लिए तपते पत्थरों पर खड़े रहते हैं, लेकिन अब भक्तों को बाबा विश्वनाथ के दर्शनों के लिए अग्नि परीक्षा नहीं देनी होगी.
श्री काशी विश्वनाथ मंदिर प्रशासन ने की अनूठी पहल
श्री काशी विश्वनाथ मंदिर प्रशासन ने श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए पहल की है. विश्वनाथ धाम में आए श्रद्धालुओं के लिए खास इंतजाम करते हुए गंग द्वार से बाबा विश्वनाथ के मुख्य परिसर तक जूट की विशेष मैट बिछावा दी है. यही नहीं गर्भगृह जाने वाले और दर्शन कर रहे भक्तों को खुले परिसर में धूप से होकर न गुजरना पड़े इसके लिए चौक परिसर में जर्मन हैंगर पंडाल भी लगाया गया है.
बता दें गंगा द्वार से गर्भगृह की दूरी करीब 500 मीटर की है और तेज धूप में गर्भगृह पहुंचने के लिए श्रद्धालुओं को परेशानी झेलनी पड़ती थी. जिसके चलते ये फैसला लिया गया और धूप से बचने के लिए टेंट की भी व्यवस्था की जाएगी. वहीं मंदिर में इस व्यवस्था से भक्त भी काफी खुश नजर आए.
बाबा विश्वनाथ को भी गर्मी से बचाने के लिए किए गए इंतजाम
प्रशासन ने केवल भक्त ही नहीं बल्कि बाबा विश्वनाथ को भी गर्मी से बचाने के लिए व्यवस्था कर ली है. प्रशासन की तरफ से गर्भगृह में शावर जलधारा लगाया गया है. ये शावर बाबा पर गंगा जल छिड़कता रहेगा.
काशी विश्वनाथ मंदिर के मुख्य कार्यपालक अधिकारी सुनील कुमार वर्मा ने बताया कि शिव भक्तों के लिए गर्मी को देखते हुए मैट और टेंट के अलावा पीने के पानी की भी व्यवस्था की गई है.