ब्यूरो: UP: प्रदेश के सीएम योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में गोरखपुर ने पिछले सालों में विकास के नए आयाम स्थापित किए हैं। हाल ही में गोरखपुर ने अपने आप को ज्ञान की नगरी के रूप में स्थापित किया है। महंत दिग्विजयनाथ ने साल 1932 में महाराणा प्रताप शिक्षा परिषद की स्थापना कर ज्ञान की नगरी की नींव रखी थी।
इस संरचना को विस्तारित करने और उसे ठोस आधार देने का कार्य महंत अवेद्यनाथ महाराज ने किया। पूर्वी उत्तर प्रदेश में शिक्षा के प्रसार से राष्ट्रीयता, मूल्यपरकता और स्वावलंबन को मजबूत करने के दादागुरु और अपने गुरुदेव के संकल्पों का मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बीड़ा उठाया।
गोरखपुर बना शिक्षा का केंद्र
गोरक्षपीठ की तीन पीढ़ियों के सतत संकल्पित प्रयास का परिणाम है कि आज महाराणा प्रताप शिक्षा परिषद की अगुवाई में गोरखपुर ज्ञान नगरी की ख्याति अर्जित कर चुका है। गोरखपुर जनपद पूर्वी उत्तर, पश्चिमी बिहार और नेपाल की तराई तक करीब पांच करोड़ की आबादी के लिए शिक्षा का एक बड़ा केंद्र बनकर उभरा है।
उच्च व तकनीकी शिक्षा के अंतर्गत एमपीएसपी के अधीन तीन विश्वविद्यालय, चिकित्सा शिक्षा के लिए एम्स और मेडिकल कॉलेज, पॉलीटेक्निक, इंजीनियरिंग शिक्षण संस्थान, आईटीआई, नर्सिंग-पैरामेडिकल कॉलेज और प्राथमिक से लेकर महाविद्यालयों तक की सूची है।