लखनऊ (उत्तर प्रदेश) , 25 फरवरी: योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व वाली यूपी सरकार परिषदीय स्कूलों में सीखने के परिणामों (सीखने की प्रक्रिया) को बढ़ावा देने के लिए कई प्रयोग कर रही है।
विभिन्न पहलों के बीच, गतिविधि का उद्देश्य दो-तरफ़ा गतिविधियों के माध्यम से शिक्षकों और छात्रों के बीच सौहार्दपूर्ण संबंधों को प्रोत्साहित करना और स्थापित करना है ताकि वे अनुकूल वातावरण में बेहतर प्रदर्शन कर सकें। इसके लिए एक उचित समयरेखा भी बनाई गई है, जिसमें शिक्षक शिक्षण के अलावा विभिन्न खेलों और अन्य आयोजनों के माध्यम से अपनी सीखने की प्रक्रिया में और सुधार करेंगे, सरकार को सूचित किया।
शिक्षकों को निर्देश दिया गया है कि वे हर शुक्रवार को 'प्रेरणा ऐप' पर गतिविधियां आयोजित करें और फोटोग्राफ अपलोड करें।
गतिविधि कलैण्डर का पालन करना होगा स्कूली शिक्षा महानिदेशक विजय किरण आनंद ने आदेश में कहा है कि परिषदीय विद्यालयों के शिक्षकों को विद्यार्थियों के साथ मैत्रीपूर्ण संबंध मजबूत करने होंगे. गतिविधि कैलेंडर के प्रभावी कार्यान्वयन को सुनिश्चित करने के लिए विशिष्ट दिशानिर्देश भी जारी किए गए हैं।
योजना में आवश्यकतानुसार शिक्षक संकुल बैठकों में इन गतिविधियों के आयोजन का भी विवरण है।
सरकार ने एक विज्ञप्ति के माध्यम से कहा कि आदेश में आगे कहा गया है कि साप्ताहिक स्कूल पर्यवेक्षण के दौरान भेजी जाने वाली गतिविधियों के माध्यम से शिक्षण कार्य संचालित करने के लिए एसआरजी, एआरपी और डाइट मेंटर को प्रेरित और प्रोत्साहित करके सहयोग भी पूरा किया जाए।
परिणामस्वरूप, प्रधानाध्यापकों और शिक्षकों को प्रेरणा गतिविधि मॉड्यूल में गतिविधियों को अपलोड करने की आवश्यकता होनी चाहिए। इन गतिविधियों की समीक्षा प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी एवं जिला बेसिक शिक्षा पदाधिकारी द्वारा विद्यालय, प्रखंड एवं जिला स्तर पर की जायेगी।
शिक्षकों और छात्रों के बीच संबंध सुधारने के लिए इस अभियान के लिए एक गतिविधि कैलेंडर जारी किया गया है। इस कैलेंडर के अनुसार शिक्षकों को फरवरी के तीसरे सप्ताह में भ्रमण कार्यक्रम आयोजित करना होगा।
विद्यार्थियों को स्कूल के आसपास के खेत, पोस्ट ऑफिस, फैक्ट्री व ऐतिहासिक स्थलों पर ले जाकर उनके बारे में जानकारी दी जाएगी। इसी प्रकार चौथे सप्ताह में टीम निर्माण गतिविधि एवं प्रतियोगिता आयोजित की जाएगी। बच्चों को टीमों में बांटकर कबड्डी, क्रिकेट, कैरम, बैडमिंटन आदि स्थानीय खेलों का आयोजन किया जाएगा।
मार्च के प्रथम सप्ताह में सिचुएशन बेस्ड एक्टिविटी आयोजित की जाएगी, जिसमें बच्चे अपनी समस्याओं को रचनात्मक तरीके से हल करने और सिचुएशन प्रदान कर सवाल पूछने के लिए जिम्मेदार होंगे। मार्च के दूसरे सप्ताह में आउटडोर लर्निंग एक्टिविटी होगी।
बोलने और प्रस्तुतीकरण में छात्रों के कौशल को बढ़ाने के लिए गतिविधियां भी की जाएंगी।
कैलेंडर के अनुसार शिक्षकों को मार्च के तीसरे व चौथे सप्ताह में भी गतिविधियां संचालित करनी होंगी। तीसरे सप्ताह में छात्रों के लेखन कौशल के लिए रचनात्मकता आधारित गतिविधियां होंगी। इसी तरह मार्च के अंतिम सप्ताह में बोलचाल की गतिविधि होगी।