ब्यूरो: UP NEWS: उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार ने आउटसोर्स कर्मचारियों के लिए एक बड़ा फैसला लिया है। इसके तहत अब इन कर्मचारियों को संगठनों द्वारा परेशान नहीं किया जाएगा और उनकी सभी समस्याओं का त्वरित समाधान किया जाएगा। उत्तर प्रदेश में जल्द ही आउटसोर्स सेवा निगम की स्थापना की जाएगी। यह कंपनी विभिन्न विभागों के लिए आउटसोर्स कर्मचारियों की नियुक्ति, उन्हें वेतन और उनकी छुट्टियों के प्रबंधन समेत सभी कामों को संभालेगी। माना जा रहा है कि योगी सरकार की आगामी कैबिनेट बैठक में इस सुझाव पर चर्चा की जाएगी।
आउटसोर्स सेवा निगम की स्थापना के बाद सरकार को एजेंसियों को नियुक्त करने की जरूरत नहीं पड़ेगी। इसके तहत सरकार के पैसे बचेंगे और कर्मचारियों को बेहतर कर्मचारी लाभ मिलेगा। आउटसोर्स कर्मचारियों से जुड़े कई मामले हाल ही में सामने आए हैं, जिसमें कुछ लोगों का दावा है कि एजेंसियां कर्मचारियों के चयन से लेकर उनके नवीनीकरण तक के पैसे वसूल रही हैं। जिम्मेदार विभागों के मुताबिक इन कर्मचारियों के ईपीएफ और ईएसआई खाते अक्सर नहीं खोले जाते और जब खोले जाते हैं तो उनमें धनराशि जमा नहीं की जाती।
योगी सरकार करेगी आउटसोर्स सेवा निगम का गठन
आउटसोर्स पर रखे जाने वाले कर्मचारियों को अक्सर ईएसआई और ईपीएफ का लाभ नहीं मिल पाता। इस मामले में, निगम की स्थापना से इन सभी मुद्दों का समाधान हो जाएगा। निगम को एक गैर-लाभकारी संस्था के रूप में स्थापित किया जाएगा। इससे एक केंद्रीकृत भर्ती प्रक्रिया की पेशकश की जाएगी और विभागीय आवश्यकताओं के अनुसार कर्मचारियों को नियुक्त किया जाएगा। इसके निर्माण से सरकार को भी लाभ होगा, क्योंकि इससे देश के बाहर से कर्मचारियों को काम पर रखने की लागत पर 22.5% तक की बचत होगी। इन श्रमिकों के लिए, सरकार को वर्तमान में कमीशन और जीएसटी का भुगतान करना पड़ता है।
निगम के निर्माण के बाद आउटसोर्स किए गए श्रमिकों को ईएसआई और ईपीएफ लाभ मिलेगा। जिसके तहत 180 दिनों की मातृत्व अवकाश, ईएसआई अस्पतालों में मुफ्त चिकित्सा देखभाल, सेवा पूरी होने पर पेंशन और चिकित्सा अवकाश और आकस्मिक अवकाश तक पहुंच जैसे लाभ प्रदान किए जाएंगे।