ब्यूरो: UP News: उत्तर प्रदेश सरकार ग्रामीण महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने के लिए हमेशा प्रयासरत रहती है। इस कड़ी में ग्रामीण महिलाओं को 'रुरल मेसन ट्रेनिंग' कार्यक्रम (रानी मिस्त्री) के तहत कुशल राजमिस्त्री के रूप में प्रशिक्षित किया जा रहा है। महिला सशक्तिकरण की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम होने के साथ ही यह परियोजना ग्रामीण विकास और मजबूत आवास निर्माण के लिए एक सशक्त माध्यम के रूप में विकसित हो रही है।
इस कार्यक्रम के तहत अब तक राज्य में 45,000 से अधिक पुरुषों और 7,017 महिलाओं को प्रशिक्षण मिल चुका है। मुख्यमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) और प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) के तहत बनाए जा रहे घरों की मजबूती और गुणवत्ता की गारंटी के लिए इन रानी मिस्त्रियों की सेवाओं का उपयोग किया जा रहा है। ये महिलाएं वर्तमान में निर्माण परियोजनाओं पर पुरुषों के साथ मिलकर काम कर रही हैं।
एनएसडीसी के साथ मिलकर दी जा रही ट्रेनिंग
इस कार्यक्रम को आयोजित करने के लिए राष्ट्रीय कौशल विकास निगम (एनएसडीसी) हमारे साथ काम कर रहा है। जहां नए प्रशिक्षुओं को 45 दिनों का गहन प्रशिक्षण दिया जाता है, वहीं वर्तमान में राजमिस्त्री का काम कर रही महिलाओं को 15 दिनों का प्रशिक्षण दिया जाता है। कोर्स के समापन पर उन्हें प्रमाणपत्र भी मिलते हैं, जिससे उन्हें सरकारी और व्यावसायिक निर्माण परियोजनाओं में नौकरी मिलती है और उनका वेतन भी बढ़ता है।
रानी मिस्त्री परियोजना के माध्यम से महिलाएं आर्थिक रूप से स्वतंत्र हो रही हैं। साथ ही, इससे उनके परिवारों की आय में वृद्धि हो रही है और ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूती मिल रही है। साथ ही, कुशल राजमिस्त्री की उपलब्धता के कारण निर्माण कार्यों की गति और क्षमता में वृद्धि हुई है।
आपको बता दें कि ग्रामीण विकास विभाग द्वारा इच्छुक महिलाओं की पहचान कर उन्हें प्रशिक्षण से जोड़ा जा रहा है। प्रशासन के अनुसार, यह योजना डॉ. भीमराव अंबेडकर की सामाजिक उन्नति और समानता की आकांक्षाओं को पूरा करने का एक महत्वपूर्ण प्रयास भी है।