अनुप्रिया पटेल के बयान के बाद ओबीसी आरक्षण पर गरमाई सियासत
लखनऊ: अपना दल ने केंद्रीय उद्योग एवं वाणिज्य राज्य मंत्री अनुप्रिया पटेल की अगुवाई में मासिक बैठक की। इस बैठक में प्रदेश भर से अपना दल (एस) के कार्यकर्ताओं ने बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया।
निकाय चुनाव से पहले इलाहाबाद हाई कोर्ट द्वारा ओबीसी रिज़र्वेशन को रद्द किए जाने के मसले पर अनुप्रिया पटेल ने कहा कि आरक्षण रद्द होने के बाद तत्काल बिना देरी किए प्रदेश सरकार ने पिछड़ा वर्ग आयोग का गठन किया और उसकी पहली बैठक भी संपन्न हो गई है, जिसमें पिछड़ों की स्थिति और उनकी संख्या का आकलन किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि इसमें हो सकता है कि समय लगे, लेकिन हमारी एनडीए सरकार और अपना दल (एस) का भी स्पष्ट मत है कि पिछड़ों का आरक्षण तय करने के बाद ही नगर निकाय चुनाव कराए जाए।
केंद्रीय उद्योग एवं वाणिज्य राज्य मंत्री ने कहा कि सरकार ने लगातार 2014 से पिछड़े वर्ग को लेकर कई ऐतिहासिक फैसले लिए हैं क्योंकि मैं ख़ुद ही सरकार से जुड़ी रही। ऐसे में चाहे वह पिछड़ा वर्ग को संवैधनिक दर्जा देने का विषय हो या केंद्रीय और सैनिक विद्यालय में पिछड़े वर्ग के बच्चों को कोटे के तौर पर एक सुनिश्चित व्यवस्था करके अपनी प्रतिबद्धता को ज़ाहिर करने की बात हो।
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वहीं, जातीय जनगणना से जुड़े सवाल पर अनुप्रिया ने कहा कि जाति जनगणना 2021 में होनी चाहिए थी, जिसमें अभी थोड़ी देरी हो रही है। उन्होंने ज़ोर देते हुए कहा कि जाति जनगणना ज़रूर होनी चाहिए, ताकि पता चले कि हमारे देश के अंदर सामाजिक ढांचे में जो अलग-अलग जातीय समुदाय के लोग रहते हैं, उनकी सही संख्या के क्या आंकड़े हैं, संख्या के साथ-साथ शैक्षिक पिछड़ेपन और सामाजिक दृष्टि से उनकी क्या तस्वीर है, वो सही आंकड़े देशवासियों के सामने आना चाहिए।