शीतला माता मंदिर में होता है ये चमत्कार !

By  Mohd. Zuber Khan March 25th 2023 09:28 AM -- Updated: March 25th 2023 06:06 PM

फर्रुखाबाद: शहर के मोहल्ला बढ़पुर में मौजूद शीतला माता मंदिर का इतिहास लगभग 400 वर्ष पुराना है। ऐसी मान्यता है कि जो भी भक्त अपनी मन्नत पूरी होने पर ज़मीन पर लेटकर मां के दर्शन करने आता है, उसकी मनोकामना पूरी होती है। 

बढ़पुर शीतला माता मंदिर में रोज़ाना सुबह-शाम को आरती के बाद प्रसाद बांटा जाता है। मंदिर में आने वाले भक्तों के लिए मंदिर परिसर में पानी का इंतज़ाम किया गया है। जानकारी के मुताबिक़ मंदिर समिति के अध्यक्ष की पत्नी ने भजन संध्या की ज़िम्मेदारी अपने ऊपर ले रखी है। यही नहीं, पूरे नवरात्र में शाम को संगीत के साथ भजन संध्या का आयोजन किया जाता है, जिसमें सैकड़ों भक्तगण भजन सुनकर अपने आप को ख़ुशनसीब मानते हैं।

ऐसी भी मान्यता है कि एक बार जिस समय माता की प्रतिमा तालाब में थी, उस समय पूरे शहर में चेचक की बीमारी फैली हुई थी। हर तरफ़ चेचक की बीमारी के मरीज़ दिखाई दे रहे थे। भक्तों की मानें तो इस मंदिर के पीछे भवानी नाम का बहुत बड़ा तालाब था। बढ़पुर के पंडित सदानन्द तिवारी रोज़ाना गंगा स्नान करने जाते थे। उन्हें एक रात में शीतला माता का सपना आया की मैं तालाब के अंदर हूं, मेरी मूर्ति तालाब से निकल कर मंदिर बनवाओ।

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माता शीतला देवी के आदेश पर तालाब में पड़ी मूर्ति स्थापित करने के लिए बाहर लाई गई तो उसके दो दिन बाद चेचक का प्रकोप कम होने लगा । लोग तभी से, जब भी किसी के चेचक निकलती है, तो वे मंदिर आकर माथा टेकते हैं और उनकी चेचक पीड़ा दूर हो जाती है। इस मंदिर में लोग बहुत सी मन्नते मांगते हैं और मनोकामनाएं पूरी भी होती हैं। 

आपको बता दें कि शीतला माता मंदिर में दूर-दूर से लोग मुंडन संस्कार अन्न प्रश्न का कार्यक्रम करते हैं। नवरात्र में सुबह-शाम बहुत अधिक भीड़ होती है। इस मंदिर में जिस तरह से आस्था का जनसैलाब दिखाई देता है, उससे यही प्रतीत होता है कि इस मंदिर में साक्षात मां लोगो को दर्शन दे रही हैं। गौरतलब है कि प्राचीन मंदिर में 100 वर्ष पहले बनाए गए घंटे लगे हुए हैं, जिनको लोग पंचायती घंटा बोलते हैं।

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