यूपी में फार्मा उद्योग को मिली नई उड़ान, सिंगल विंडो पोर्टल बना गेम-चेंजर

By  Mangala Tiwari May 23rd 2025 04:14 PM -- Updated: May 23rd 2025 04:22 PM

Lucknow: उत्तर प्रदेश में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में शुरू किया गया 'निवेशमित्र' सिंगल विंडो पोर्टल फार्मास्युटिकल उद्योग के लिए एक क्रांतिकारी कदम साबित हो रहा है। इस डिजिटल, पेपरलेस पोर्टल के जरिए अब तक 1,71,404 लाइसेंस प्रदान किए गए हैं, जिसने राज्य में फार्मा क्षेत्र को तेजी से आगे बढ़ाया है। इसके साथ ही, 2023 में लागू उत्तर प्रदेश फार्मास्युटिकल एवं चिकित्सा उपकरण नीति और केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन (सीडीएससीओ) के सहयोग से व्यवसाय करने की सुगमता में उल्लेखनीय सुधार हुआ है। इस पहल ने न केवल फार्मा उद्योग में निवेश को प्रोत्साहन दिया है, बल्कि रोजगार सृजन को भी नया बल प्रदान किया है।


सीएम योगी के मार्गदर्शन में सिंगल विंडो पोर्टल से फार्मा क्षेत्र में मिले 1.7 लाख से अधिक लाइसेंस:

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की देखरेख में लागू निवेशमित्र सिंगल विंडो पोर्टल और उत्तर प्रदेश फार्मास्युटिकल एवं चिकित्सा उपकरण नीति, 2023 ने फार्मा उद्योग को नई गति दी है। इसके परिणामस्वरूप निवेश में वृद्धि के साथ-साथ विनिर्माण और रोजगार के अवसरों में भी बढ़ोतरी हुई है। पिछले तीन वर्षों में इस पोर्टल के माध्यम से फार्मा उद्योग में लगभग 2,845 करोड़ रुपये का निवेश आकर्षित हुआ, जिसमें विनिर्माण इकाइयों, रक्त केंद्रों और औषधि विक्रय प्रतिष्ठानों का योगदान शामिल है। वर्ष 2022-23 से 2024-25 के बीच 167 विनिर्माण इकाइयों की स्थापना से 3,340 रोजगार, 195 रक्त केंद्रों से 1,365 रोजगार और 32,475 औषधि विक्रय इकाइयों से 64,995 रोजगार सृजित हुए।


फार्मा नीति 2023 से मिली 3.89 करोड़ रुपये की स्टांप ड्यूटी छूट:

सीएम योगी के नेतृत्व में खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन विभाग द्वारा लागू उत्तर प्रदेश फार्मास्युटिकल एवं चिकित्सा उपकरण नीति, 2023 ने फार्मा उद्योग को और मजबूती प्रदान की है। इस नीति के तहत 3.89 करोड़ रुपये की स्टांप ड्यूटी छूट दी गई, जिसने निवेशकों का विश्वास बढ़ाया और विनिर्माण इकाइयों के साथ-साथ विक्रय प्रतिष्ठानों की स्थापना को प्रोत्साहित किया। इसके अतिरिक्त, केंद्र सरकार के सीडीएससीओ के सहयोग से ऑनलाइन नेशनल ड्रग लाइसेंसिंग सिस्टम (ओएनडीएलएस) पोर्टल लागू किया गया, जो औषधि, कॉस्मेटिक्स और रक्त केंद्रों के लिए लाइसेंस जारी करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है।  


मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की इन नीतियों ने उत्तर प्रदेश में फार्मा उद्योग में व्यवसाय करने की सुगमता को बढ़ावा दिया है। यह पहल न केवल फार्मा क्षेत्र को नई ऊंचाइयों तक ले जा रही है, बल्कि राज्य की आर्थिक प्रगति और रोजगार सृजन में भी महत्वपूर्ण योगदान दे रही है।

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