Saturday 9th of August 2025

अयोध्या में दिखेंगे दक्षिण भारत के तीन महान संगीतज्ञ,जीर्णोद्धार हो रहे वृहस्पति कुंड से पर्यटन को लगेंगे पंख

Reported by: Gyanendra Kumar Shukla, Editor, PTC News UP  |  Edited by: Mangala Tiwari  |  August 08th 2025 07:17 PM  |  Updated: August 08th 2025 07:17 PM

अयोध्या में दिखेंगे दक्षिण भारत के तीन महान संगीतज्ञ,जीर्णोद्धार हो रहे वृहस्पति कुंड से पर्यटन को लगेंगे पंख

ब्यूरो: प्रदेश की योगी सरकार अयोध्या के ऐतिहासिक कुंडो का जीर्णोद्धार करा रही है। बदहाल रहे अब तक कई कुंडो का स्वरुप बदल चुका है। इसी क्रम में टेढ़ीबाजार स्थित वृहस्पति कुंड का सौंदर्य करण कराया जा रहा है। यह कुंड दक्षिण भारत के पर्यटको को भी खूब भायेगा। ऐसा इसलिए क्योंकि यहां पर दक्षिण भारत के तीन महान व भक्ति गीतों के दिवंगत संगीतकारों की मूर्तियां सुशोभित की जाएंगी। तक़रीबन 4.49 करोड़ की लागत से तैयार हो रहे इस कुंड को महीने डेढ़ महीने में पर्यटकों के लिए खोल दिया जाएगा।

श्रीराम की पावन नगरी एक बार फिर अपनी प्राचीन और आध्यात्मिक धरोहरों को सहेजने की दिशा में कदम बढ़ा रही है। योगी सरकार के नेतृत्व में अयोध्या के टेढ़ी बाजार के समीप स्थित वृहस्पति कुंड का जीर्णोद्धार कार्य तेजी से चल रहा है। इस महत्वाकांक्षी परियोजना को उत्तर प्रदेश राजकीय निर्माण निगम द्वारा अंजाम दिया जा रहा है, जिसकी कुल लागत 4.49 करोड़ रुपये है। अयोध्या संरक्षण विकास समिति इस परियोजना की मॉनिटरिंग कर रही है, ताकि कुंड को न केवल आध्यात्मिक, बल्कि भव्य और पर्यटन के लिए आकर्षक स्वरूप प्रदान किया जा सके।

पुराणों में भी है वृहस्पति कुंड का उल्लेख:

वृहस्पति कुंड अयोध्या के 108 प्राचीन कुंडों में से एक है, जिनका उल्लेख वेदों, पुराणों और उपनिषदों में मिलता है। यह कुंड धार्मिक और ऐतिहासिक दृष्टि से अत्यंत महत्वपूर्ण है, क्योंकि मान्यता है कि त्रेतायुग में भगवान राम और उनके भाइयों ने इन कुंडों में स्नान और अन्य धार्मिक कार्य किए थे। लंबे समय तक उपेक्षा का शिकार रहे इन कुंडों को योगी सरकार ने अपने सौंदर्यीकरण और संरक्षण के एजेंडे में शामिल किया है। वृहस्पति कुंड का जीर्णोद्धार न केवल इसकी प्राचीन गरिमा को बहाल करेगा, बल्कि इसे पर्यटकों के लिए एक प्रमुख आकर्षण के रूप में भी स्थापित करेगा।

जानिये क्या कार्य हुआ और क्या है बाकी:

इस परियोजना के तहत कुंड के आसपास के क्षेत्र को आधुनिक सुविधाओं से सुसज्जित किया जा रहा है। इसमें पक्के घाटों का निर्माण, स्वच्छ जल की व्यवस्था, और पर्यटकों के लिए बैठने की उचित व्यवस्था शामिल है। कुंड के आसपास हरियाली और लैंडस्केपिंग पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है, जिससे यह स्थल पर्यटकों के लिए और अधिक आकर्षक बने। टॉयलेट ब्लॉक, सिक्योरिटी केबिन, सेपटीक टैंक, आर्क, सीसी रोड चाहरदिवारी व वाटर ट्रीटमेंट प्लांट का कार्य अंतिम चरण में है, जबकि रेन वाटर हार्वेस्टिंग व आरसीसी रिटेनिंग वाल का कार्य पूरा हो चुका है।

इनकी लगनी है मूर्तियां, लता मंगेशकर की वीणा पहले ही लग चुकी:

अयोध्या का संगीतकारों से नाता जुड़ता ही जा रहा है। हाल ही में सरकार ने सुप्रसिद्ध गायिका लता मंगेशकर की भारी भरकम वीणा नया घाट चौराहे पर लगवाकर उन्हें नमन किया है। ठीक इसी तरीके अब तीन सांगितज्ञ की मूर्तियां लगने जा रहीं हैं। इनमें दक्षिण भारत के भक्ति गीतों के महान संगीतकारों त्यागराज स्वामीगल (1767-1847), पुरंदर दास (1484-1564) व अरुणाचल कवि (1711-1779) की मूर्तियां आनी प्रस्तावित है, जिनकी स्थापना के लिए 3 फाउन्डेशनों का कार्य पूर्ण हो चुका है। मूर्तियों का 10 दिन में परियोजना पर आना प्रस्तावित है। मूल परियोजना में उक्त फाउन्डेशनों का कार्य सम्मिलित नही था, लेकिन कमिश्नर के मौखिक निर्देशों के कम में उक्त फाउन्डेशनों का कार्य कार्यदायी संस्था उप्र राजकीय निर्माण निगम द्वारा अतिरिक्त रूप से कराया जा चुका है।

धार्मिक पर्यटन को मिलेगा बढ़ावा:

राजकीय निर्माण निगम के प्रोजेक्ट मैनेजर रविंद्र यादव ने बताया की परियोजना लगभग पूरी हो चुकी है। दो वर्ष पहले कार्य शुरू हुआ था। वृहस्पति कुंड के जीर्णोद्धार से धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा। अयोध्या में पहले ही सूर्य कुंड और भरत कुंड जैसे स्थलों का जीर्णोद्धार हो चुका है, जो अब पर्यटकों के लिए आकर्षण का केंद्र बन चुके हैं।

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