Saturday 9th of August 2025

सपा सुप्रीमो के बयान के बाद योगी के कैबिनेट मंत्री ने अखिलेश पर किया 'ABCD' का वार

Reported by: Gyanendra Kumar Shukla, Editor, PTC News UP  |  Edited by: Mangala Tiwari  |  August 08th 2025 07:49 PM  |  Updated: August 08th 2025 07:49 PM

सपा सुप्रीमो के बयान के बाद योगी के कैबिनेट मंत्री ने अखिलेश पर किया 'ABCD' का वार

Lucknow: उत्तर प्रदेश की राजनीति में इस समय 'एबीसीडी' की जंग सुर्खियों में है। समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव द्वारा हाल ही में दिए गए बयान के बाद सियासत और भी गर्मा गई है। अखिलेश ने जब सत्ताधारी भाजपा सरकार को ‘एबीसीडी’ के जरिए घेरा, तो प्रदेश सरकार के कद्दावर मंत्री ओम प्रकाश राजभर ने उसी एबीसीडी से पलटवार करते हुए सपा के शासनकाल को कठघरे में खड़ा कर दिया। उन्होंने कहा कि अगर समाजवादी पार्टी को वाकई एबीसीडी आती होती, तो आज उनकी पार्टी सत्ता से बाहर न होती।

राजभर ने कहा कि समाजवादी पार्टी ने सत्ता में रहते हुए जिस ‘एबीसीडी’ को अपनाया, उसी ने प्रदेश की हालत बिगाड़ दी। उन्होंने पूरे अंग्रेजी वर्णमाला को लेकर सपा शासन पर तीखे आरोप लगाए। उनके मुताबिक ‘A’ से अराजकता, ‘B’ से भ्रष्टाचार, ‘C’ से चोर और ‘D’ से दलाली] यही सपा शासन की असल पहचान थी। उन्होंने कहा कि इस पार्टी ने शासन में स्थायित्व नहीं दिया, भ्रष्टाचार को संस्थागत बना दिया, अपराधियों को संरक्षण दिया और हर निर्णय में सिफारिश व दलाली को प्राथमिकता दी। उन्होंने 'Y' से 'यादववाद' और 'Z' से 'जीरो बदलाव' तक पूरा वर्णन करते हुए सपा की नीतियों को जातिवादी, भाई-भतीजावादी और अव्यवस्थित करार दिया।

पढ़ाई के लिए नहीं, बल्कि नकल माफिया और भर्ती घोटालों के लिए कुख्यात थे स्कूल:

ओम प्रकाश राजभर ने खासतौर से सपा शासन में शिक्षा व्यवस्था की दुर्दशा पर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि जब अखिलेश यादव सत्ता में थे, तब सरकारी स्कूल बच्चों की पढ़ाई के लिए नहीं, बल्कि नकल माफिया और भर्ती घोटालों के लिए कुख्यात थे। उन्होंने आरोप लगाया कि सपा के पांच साल के शासन में एक भी ऐसा स्कूल नहीं बना, जिसे भविष्य की पीढ़ियों के लिए आदर्श कहा जा सके। टूटी हुई दीवारें, गिरती हुई छतें, गंदे टॉयलेट और घटती बच्चों की संख्या, यही उस समय की शिक्षा व्यवस्था का असली चेहरा था।

योगी सरकार में 96 प्रतिशत से अधिक सरकारी स्कूलों में बुनियादी सुविधाएं उपलब्ध कराई गई हैं:

इसके उलट भाजपा सरकार के कार्यकाल में शिक्षा व्यवस्था में क्रांतिकारी बदलाव लाए गए हैं। राजभर के अनुसार, ऑपरेशन कायाकल्प के तहत ₹11,500 करोड़ का निवेश किया गया है और 96 प्रतिशत से अधिक सरकारी स्कूलों में बुनियादी सुविधाएं उपलब्ध कराई गई हैं। ‘स्कूल चलो अभियान’ के तहत इस साल 27 लाख से अधिक बच्चों का नया नामांकन हुआ है, जो शिक्षा के प्रति जनता के भरोसे को दर्शाता है। मुख्यमंत्री मॉडल कम्पोजिट विद्यालय योजना के अंतर्गत हर जिले में दो अत्याधुनिक विद्यालय स्थापित किए जा रहे हैं, जिनमें ₹30 करोड़ प्रति विद्यालय की लागत से केजी से लेकर 12वीं तक की पढ़ाई राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 के अनुसार कराई जाएगी।

बालिका शिक्षा पर हमारी सरकार का विशेष ध्यान:

राजभर ने आगे बताया कि अटल आवासीय विद्यालय योजना के तहत सभी 18 मंडलों में स्कूल चालू हो चुके हैं, जहां 18,000 से अधिक श्रमिक और अनाथ बच्चों को मुफ्त आवासीय शिक्षा, खेल, स्किल ट्रेनिंग और आधुनिक प्रयोगशालाएं उपलब्ध कराई जा रही हैं। प्रदेश में 1,722 पीएम-श्री स्कूलों में स्मार्ट क्लास, डिजिटल लाइब्रेरी, ICT लैब और प्रोजेक्ट-बेस्ड लर्निंग की सुविधाएं शुरू की गई हैं। बालिका शिक्षा पर विशेष ध्यान दिया गया है और कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालयों को आधुनिक सुविधाओं से अपग्रेड किया गया है। राजभर ने कहा कि योगी शासन में शिक्षा व्यवस्था पारदर्शी और गुणवत्ता आधारित हुई है। ASER 2024 और PARAKH सर्वेक्षण की रिपोर्ट के अनुसार उत्तर प्रदेश के कक्षा 3 के छात्र राष्ट्रीय औसत से बेहतर प्रदर्शन कर रहे हैं। शिक्षक और छात्र उपस्थिति से लेकर संसाधनों की निगरानी तक सब कुछ ‘प्रेरणा पोर्टल’ के जरिए डिजिटल और पारदर्शी तरीके से किया जा रहा है।

सपा के शासनकाल में शिक्षा व्यवस्था जातिवाद, तुष्टीकरण और नकल माफिया के चंगुल में फंसी हुई थी:

राजभर ने कटाक्ष करते हुए कहा कि सपा के शासनकाल में शिक्षा व्यवस्था जातिवाद, तुष्टीकरण और नकल माफिया के चंगुल में फंसी हुई थी। वहीं भाजपा सरकार में ईमानदारी, पारदर्शिता और गुणवत्तापूर्ण शिक्षा को बढ़ावा दिया गया है। उन्होंने तंज कसते हुए कहा, “सपा राज में शिक्षा के मंदिर ढहे, भाजपा राज में ज्ञान के दीप जले। उन्होंने कहा कि अखिलेश यादव ने स्कूल बंद कराए, हमने बच्चों के लिए नए स्कूल बनाए। उन्होंने 3.45 करोड़ बच्चों को स्कूल से दूर किया, हमने उन्हें किताब और क्लास से जोड़ा।

क्या था अखिलेश काल में एबीसीडी का मतलब? ओपी राजभर ने सुनाई पूरी ABCD:

A – अराजकता (शासन में स्थायित्व की कमी)

B – भ्रष्टाचार (नेताओं पर बार-बार घोटालों के आरोप)

C – चोर (इनके राज में बोलबोला)

D – दलाली (टिकट और पद के बदले सिफारिश की राजनीति)

E – ईर्ष्या (दूसरे दलों की उपलब्धियों को नीचा दिखाना)

F – फर्जीवाद (उपलब्धियों को बढ़ा-चढ़ाकर पेश करना)

G – गुंडागर्दी (कार्यकर्ताओं पर दबंगई के आरोप)

H – हेराफेरी (योजनाओं में वित्तीय गड़बड़ी)

I – इंफ्रास्ट्रक्चर की अनदेखी (विकास की बजाय वोट बैंक की राजनीति)

J – जातिवाद (नीतियों का झुकाव खास जातियों की ओर)

K – कुशासन (प्रशासनिक नियंत्रण में ढिलाई)

L – लाल बत्ती संस्कृति (वीआईपी कल्चर को बढ़ावा)

M – मुलायम रुख (अपराधियों के प्रति नरम रवैया)

N – नौटंकी (चुनावी वादों में नाटकीयता)

O – ओछी राजनीति (विरोधियों पर निजी हमले)

P – पिछड़ापन (राज्य को आगे बढ़ाने में विफलता)

Q – क्वालिटी की कमी (शिक्षा और स्वास्थ्य सेवाओं में गिरावट)

R – रिश्तेदारवाद (अपने लोगों को पद देना)

S – सांप्रदायिक तुष्टिकरण (वोट के लिए धार्मिक वर्गों को खुश करना)

T – टोपी ड्रामा (प्रतीकों के ज़रिये दिखावटी सेक्युलरिज़्म)

U – उदासीनता (युवाओं और बेरोज़गारी के मुद्दों पर निष्क्रियता)

V – वोट बैंक (नीतियाँ विकास नहीं, जाति-धर्म के हिसाब से)

W – विकास का वादा अधूरा (केवल नारों में सीमित विकास)

X – X-फैक्टर की कमी (नया नेतृत्व देने में असफल)

Y – यादववाद (पार्टी पर एक जाति विशेष का नियंत्रण)

Z – Zero बदलाव (वर्षों बाद भी वही पुरानी राजनीति)

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