UP DGP Appointment: अब केंद्र में नहीं, यूपी में तय होगा DGP का नाम, जानें क्या है नई प्रक्रिया
ब्यूरो: UP DGP Appointment: उत्तर प्रदेश में पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) पद पर तैनाती के लिए नियमों में बदलाव किया गया है। सोमवार को हुई कैबिनेट बैठक में इस प्रस्ताव को मंजूरी मिल गई है। साथ ही अब यूपी के डीजीपी का कार्यकाल 2 साल का होगा। सीएम योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में हुई बैठक में इस प्रस्ताव को मंजूरी दे दी गई है। इस प्रस्ताव को मंजूरी मिलने के बाद अब डीजीपी की नियुक्ति के लिए यूपीएससी को पैनल नहीं भेजना पड़ेगा, बल्कि राज्य स्तर पर ही डीजीपी की नियुक्ति हो सकेगी।
राज्य का डीजीपी नियुक्त करने पर सुप्रीम कोर्ट का आदेश
पूर्व डीजीपी प्रकाश सिंह की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट का आदेश आया था कि किसी भी राज्य का डीजीपी नियुक्त करने के लिए उस राज्य के तीन सबसे वरिष्ठ अधिकारियों का नाम यूपीएससी को भेजा जाएगा। उनमें से ही कोई एक नाम यूपीएससी तय करके राज्य को भेज देगा। सुप्रीम कोर्ट के इसी आदेश को योगी कैबिनेट ने बदल कर रख दिया है। अब नए डीजीपी का चुनाव राज्य स्तर पर ही हो जाएगा।
अब कैसे होगा डीजीपी का चयन?
योगी कैबिनेट ने पुलिस महानिदेशक उत्तर प्रदेश (यूपी के पुलिस बल प्रमुख) चयन एवं निर्देशावली 2024 को मंजूरी दे दी गई है। इस नियम के अनुसार नए हाईकोर्ट के रिटायर जज की अध्यक्षता में एक कमेटी बनेगी। यही कमेटी नए डीजीपी के नाम का चयन करेगी। डीजीपी बनने के लिए कम से कम 6 महीने की नौकरी बची होनी चाहिए। वहीं, एक बार डीजीपी का चुनाव होने के बाद उसका कार्यकाल 2 साल का होगा। अगर तैनाती के बाद डीजीपी की सेवा अवधि 6 महीने तक रह जाती है, तो फिर सेवा अवधि बढ़ाई जा सकती है।
कमेटी के सदस्य
इस कमेटी की अध्यक्षता हाईकोर्ट के रिटायर जज करेंगे। इसमें ये सदस्य भी शामिल होंगे:
यूपी के मुख्य सचिव
यूपीएससी की ओर से नामित एक सदस्य
उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग के अध्यक्ष या उनकी ओर से नामित सदस्य
अपर मुख्य सचिव या प्रमुख सचिव गृह
एक रिटायर्ड पूर्व डीजीपी