ब्यूरो: UP DGP Appointment: उत्तर प्रदेश में पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) पद पर तैनाती के लिए नियमों में बदलाव किया गया है। सोमवार को हुई कैबिनेट बैठक में इस प्रस्ताव को मंजूरी मिल गई है। साथ ही अब यूपी के डीजीपी का कार्यकाल 2 साल का होगा। सीएम योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में हुई बैठक में इस प्रस्ताव को मंजूरी दे दी गई है। इस प्रस्ताव को मंजूरी मिलने के बाद अब डीजीपी की नियुक्ति के लिए यूपीएससी को पैनल नहीं भेजना पड़ेगा, बल्कि राज्य स्तर पर ही डीजीपी की नियुक्ति हो सकेगी।
Uttar Pradesh: New manual for appointment of UP DGP approved. DGP will be appointed for at least 2 years. A Nominating Committee, headed by a retired High Court judge, will be constituted for the appointment of DGP. As per the new manual, the DGP will be appointed only when there…
— ANI UP/Uttarakhand (@ANINewsUP) November 5, 2024
राज्य का डीजीपी नियुक्त करने पर सुप्रीम कोर्ट का आदेश
पूर्व डीजीपी प्रकाश सिंह की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट का आदेश आया था कि किसी भी राज्य का डीजीपी नियुक्त करने के लिए उस राज्य के तीन सबसे वरिष्ठ अधिकारियों का नाम यूपीएससी को भेजा जाएगा। उनमें से ही कोई एक नाम यूपीएससी तय करके राज्य को भेज देगा। सुप्रीम कोर्ट के इसी आदेश को योगी कैबिनेट ने बदल कर रख दिया है। अब नए डीजीपी का चुनाव राज्य स्तर पर ही हो जाएगा।
अब कैसे होगा डीजीपी का चयन?
योगी कैबिनेट ने पुलिस महानिदेशक उत्तर प्रदेश (यूपी के पुलिस बल प्रमुख) चयन एवं निर्देशावली 2024 को मंजूरी दे दी गई है। इस नियम के अनुसार नए हाईकोर्ट के रिटायर जज की अध्यक्षता में एक कमेटी बनेगी। यही कमेटी नए डीजीपी के नाम का चयन करेगी। डीजीपी बनने के लिए कम से कम 6 महीने की नौकरी बची होनी चाहिए। वहीं, एक बार डीजीपी का चुनाव होने के बाद उसका कार्यकाल 2 साल का होगा। अगर तैनाती के बाद डीजीपी की सेवा अवधि 6 महीने तक रह जाती है, तो फिर सेवा अवधि बढ़ाई जा सकती है।
कमेटी के सदस्य
इस कमेटी की अध्यक्षता हाईकोर्ट के रिटायर जज करेंगे। इसमें ये सदस्य भी शामिल होंगे:
यूपी के मुख्य सचिव
यूपीएससी की ओर से नामित एक सदस्य
उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग के अध्यक्ष या उनकी ओर से नामित सदस्य
अपर मुख्य सचिव या प्रमुख सचिव गृह
एक रिटायर्ड पूर्व डीजीपी