Friday 15th of August 2025

2017 के बाद यूपी में सरकारी सोच व अप्रोच में दिखा सार्थक बदलावः मुख्यमंत्री

Reported by: Gyanendra Kumar Shukla, Editor, PTC News UP  |  Edited by: Mangala Tiwari  |  August 15th 2025 07:57 AM  |  Updated: August 15th 2025 07:57 AM

2017 के बाद यूपी में सरकारी सोच व अप्रोच में दिखा सार्थक बदलावः मुख्यमंत्री

Lucknow: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि प्रधानमंत्री के विकसित भारत की संकल्पना को आगे बढ़ाने के लिए 'विकसित भारत-विकसित उत्तर प्रदेश' की चर्चा यूपी विधानमंडल के उच्च सदन में 26 घंटे से चल रही थी, जिसे सदन के नेता और उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने प्रारंभ किया। सदन में अनवरत तमाम विघ्न-बाधाओं को पार करते हुए सदस्यों ने विकास, भविष्य व प्रदेश के बेहतरीन विजन को लेकर 26 घंटे से इस चर्चा को बढ़ाने का कार्य किया है। सीएम ने सभापति व सदन के सभी सदस्यों और विकसित भारत के विकसित उप्र की संकल्पना के लिए धन्यवाद ज्ञापित किया। उन्होंने कहा कि 2017 के बाद यूपी में इंफ्रास्ट्रक्चर के साथ सरकारी सोच व अप्रोच में सार्थक बदलाव देखने को मिला है। 

सीएम ने यूपी के परिदृश्य में चर्चा करते हुए कहा कि दो बातें स्पष्ट हो जाती हैं कि 2017 के पहले की संभावनाएं क्या थीं और इसके बाद क्या हुआ। अगले 22 वर्ष के अंदर विकसित भारत के संकल्पों को पूरा करने की दिशा में कौन सी कार्ययोजना बनानी होगी, जो लक्ष्यों को प्राप्त करने में मदद कर सके। यूपी में संभावनाएं पहले भी थीं। इसके बावजूद यूपी की भूमिका अलग-अलग समय में क्या रहीं, यह किसी से छिपा नहीं है। 1947 से लेकर 1960 के दशक में देश की अर्थव्यवस्था में यूपी का योगदान 14 फीसदी से अधिक था। 2017 आते-आते यह घटकर मात्र 8 फीसदी रह गया। सीएम ने 1947 से 2017, 2017 से 2025 के मध्य एनडीए सरकार के प्रयासों का परिणाम व 2025 से 2047 के बीच की व्यापक कार्ययोजना को लेकर चर्चा की। 

पीएम ने भी कहा था- यूपी में है आशा, यह बन चुका उम्मीद

सीएम ने कहा कि जीआईएस के दौरान लखनऊ आए प्रधानमंत्री ने कहा था कि यूपी में एक आशा है। यूपी उम्मीद बन चुका है। भारत दुनिया के लिए ब्राइट स्पॉट है तो यूपी भारत की ग्रोथ को ड्राइव करने वाला अहम नेतृत्व भी दे रहा है। अमृतकाल में भारत के सारथी के रूप में पीएम ने भारत को विजन 2047 दिया। विकसित भारत में यूपी की भूमिका पर चर्चा करने के लिए इन मुद्दों को समझने और उसके अनुरूप कार्य करने की आवश्यकता है। 

2017 के पहले लगातार पिछड़ता गया यूपी:

सीएम ने कहा कि विशाल सामर्थ्य के बावजूद नीतिगत उदासीनता के कारण 2017 के पहले यूपी लगातार पिछड़ता गया। इसकी गिनती बीमारू राज्य के रूप में हो गई। योजनाएं बनती थीं- घोषणाएं होती थीं, लेकिन न इच्छाशक्ति थी, न पारदर्शिता और न क्रियान्वयन का संकल्प। सरकार की उदासीनता के कारण बिजली, सड़क, जल, स्वास्थ्य जैसी बुनियादी सुविधाएं भी उपलब्ध नहीं हो पाती थीं। युवाओं के लिए न रोजगार था, न ही किसानों को राहत, निवेशकों को प्रदेश पर भरोसा भी नहीं था। अपराध व अराजकता का बोलबाला था। पलायन की पीड़ा थी। सीएम ने इंसेफेलाइटिस का जिक्र करते हुए बच्चों की मौत और उनके परिजनों का दर्द बयां किया। सीएम ने सरकारी नौकरियों में भ्रष्टाचार व भाई-भतीजावाद पर भी प्रहार किया। 

2017 के बाद प्रदेश में आए परिवर्तन को सदन के सामने रखा

सीएम ने 2017 के बाद प्रदेश के अंदर आए परिवर्तन को सदन के सामने रखा। बोले कि अब कानून का राज, अपराध-अपराधियों के लिए जीरो टॉलरेंस नीति, उद्योगों के लिए सुरक्षित वातावरण, निवेशकों के लिए यूपी ड्रीम डेस्टिनेशन के रूप में उभरा है। जल, थल, नभ की बेहतरीन कनेक्टिविटी, एक्सप्रेसवे-मेट्रो का बेहतरीन जुड़ाव है। शासन की सहायता सीधे किसानों के खाते में पहुंच रही है। युवाओं के हाथ में कौशल, रोजगार, सरकारी नौकरी है। बिना भेदभाव और बिना तुष्टिकरण के डबल इंजन सरकार लाभार्थी परक योजनाओं का क्रियान्वयन कर रही है। प्रधानमंत्री ने सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास, सबका प्रयास का जो मंत्र दिया था, उसने प्रदेश की दिशा-दशा को बदलने में निर्णायक भूमिका का निर्वहन किया है। अब यूपी की पहचान सुशासन, गुड गवर्नेंस, बेहतर कानून व्यवस्था, शांति व स्थिरता से होती है। यूपी में इंफ्रास्ट्रक्चर के साथ सरकारी सोच व अप्रोच में सार्थक बदलाव देखने को मिला है। 

2014 में हुआ भारत का भाग्योदय:

सीएम योगी ने कहा कि 1947 में भारत वैश्विक जीडीपी में मात्र 2 फीसद की हिस्सेदारी रखता था, लेकिन उस समय भारत दुनिया की छठवीं अर्थव्यवस्था थी। 1960 में कांग्रेस सरकार की गलत नीतियों के कारण भारत 10वें स्थान पर पहुंचा। 1980 से लेकर 2014 तक भारत 11वें स्थान पर पहुंचा। 2014 में नरेंद्र मोदी के पीएम बनने पर भारत का भाग्योदय हुआ। पिछले 11 वर्ष में भारत ने आर्थिक विकास के नए प्रतिमान स्थापित किए हैं, उसका परिणाम है कि भारत आज चौथी बड़ी अर्थव्यवस्था के रूप में स्थापित हुआ है। 

कभी काफी धीमी थी यूपी की रफ्तार:

सीएम ने कहा कि 1990 के दशक में औद्योगिक इकाइयों में तालाबंदी, निवेशक हतोत्साहित, ऐतिहासिक व पौराणिक नगर होने के बावजूद यूपी में निराशा का वातावरण था। उपजाऊ भूमि, नदियां और श्रम बल के बावजूद आर्थिक रफ्तार काफी धीमी थी। आजादी के बाद 2016-17 तक राष्ट्रीय जीडीपी में यूपी का योगदान लगातार घटता गया। 2017 में यूपी के योगदान की स्थिति बहुत दयनीय थी। यूपी का बजट केंद्रीय करों- सहायता पर अधिक निर्भर हो गया था। नीति आयोग के फिजिकल हेल्थ इंडेक्स में यूपी को पिछड़े राज्य के रूप में माना गया था। 

2017 से 2025 के अंदर जीएसडीपी में यूपी ने लगाई लंबी छलांग

सीएम ने कहा कि 2017 से 2025 के अंदर जीएसडीपी में यूपी ने लंबी छलांग लगाई है। 2016-17 में यूपी की जीएसडीपी 13 लाख करोड़ था, जो इस वित्तीय वर्ष के अंत तक बढ़कर 35 लाख करोड़ होने जा रही है। यूपी का जीडीपी में योगदान मात्र 8 फीसदी रह गया था, वह इस वित्तीय वर्ष के अंत तक बढ़कर साढ़े 9 फीसदी तक पहुंचेगा। 2016-17 में प्रति व्यक्ति आय 43 हजार थी, वह इस वित्तीय वर्ष के अंत तक बढ़कर 1.20 लाख हो जाएगी। नेशनल पर कैप्टा इनकम दो लाख है, हमने आधे से अधिक की दूरी तय की है। यूपी का एक्सपोर्ट 84 हजार करोड़ से बढ़कर 1 लाख 86 हजार करोड़ हुआ है। यूपी में अब केंद्रीय करों पर निर्भरता कम हुई है। यूपी ने अपने राजस्व को बढ़ाने में सफलता प्राप्त की है। रेवेन्यू सरप्लस स्टेट के रूप में मजबूती के साथ बढ़ने वाले राज्यों में यूपी का अग्रणी स्थान है। 

अन्न महाशक्ति के रूप में यूपी को स्थापित करने की है गाथा

सीएम योगी ने कहा कि कृषि व उससे संबद्ध क्षेत्र में अन्नदाता से अन्न महाशक्ति के रूप में यूपी को स्थापित करने की गाथा है। 1947 से 2017 में किसानों के उत्पादकता की रफ्तार सीमित थी यानी लागत ज्यादा होती थी। गेहूं, चावल, दलहन में राष्ट्रीय योगदान सीमित था। सिंचाई परियोजना के विस्तार की गति धीमी थी। पशुधन, डेयरी व मत्स्य क्षेत्र में योजनाबद्ध निवेश का अभाव था। कृषि आधारित उद्योग सीमित क्षमता से चल रहे थे, लेकिन 2017 के बाद प्रदेश सरकार ने इस दिशा में जो प्रयास प्रारंभ किए, उससे यूपी में कृषि विकास दर 14 फीसदी है। जो नेशनल एवरेज से 4.5 फीसदी अधिक है। सीएम ने कहा कि यूपी देश के अंदर कृषि योग्य भूमि का 10 फीसदी योगदान रखता है। इसमें 86 फीसदी से अधिक भूमि सिंचित है। इस कारण यूपी की संभावनाएं बढ़ी हैं। यूपी 21 फीसदी खाद्यान्न उत्पादन कर रहा है। देश में गेहूं उत्पादन में यूपी नंबर एक स्थान पर है। दलहन-तिलहन में प्रदेश में उत्पादन क्षमता को काफी बढ़ाया है। 

कभी बंद होती थीं चीनी मिलें, आज 120 मिलें हैं संचालित

सीएम ने कहा कि यूपी के अंदर कभी चीनी मिलें बंद हो रही थीं, लेकिन आज अकेले 55 फीसदी उत्पादन यूपी कर रहा है। 2017 से अब तक दो लाख 86 हजार करोड़ रुपये गन्ना मूल्य का भुगतान किया गया है। यहां 120 चीनी मिलें संचालित हैं, इसमें से 105 चीनी मिलें एक सप्ताह के अंदर गन्ना मूल्य का भुगतान कर रही हैं। शेष 15 पर भी सरकार ने समय से भुगतान का दबाव बनाया है। तीन नई चीनी मिलों की स्थापना हुई। छह पुनः संचालित हुईं। 38 की क्षमता का विस्तार हुआ। चीनी मिलों के साथ 1.25 लाख नए रोजगार का सृजन हुआ है। 2017 में यूपी जहां 42 करोड़ लीटर एथेनॉल उत्पादन करता था, वहीं 2024-25 में यह बढ़कर 177 करोड़ लीटर हो गया है। यह देश में नंबर एक पर है। देश में आलू उत्पादन में 40 फीसदी से अधिक योगदान यूपी का है। केला व सब्जी उत्पादन में 19-19 फीसदी, अन्य औद्योगिक फसलों में यूपी का योगदान 16 फीसदी से अधिक है। कृषि विविधीकरण में फल व सब्जियों के उत्पादन में यूपी नंबर एक पर है। 

किसानों की आमदनी बढ़ाने के लिए हुआ निर्यात प्रोत्साहन बोर्ड का गठन

सीएम ने कहा कि यूपी में किसानों की आमदनी बढ़ाने के लिए निर्यात प्रोत्साहन बोर्ड का गठन भी किया गया है। खाद्यान्न खरीद का जिक्र करते हुए सीएम ने बताया कि 7-8 वर्ष में धान के लिए किसानों को 88 हजार951 करोड़ 11 लाख रुपये का भुगतान डीबीटी के माध्यम से किया है। गेहूं में 8 वर्ष में 45 हजार 935 करोड़ 40 लाख रुपये किसानों के खाते में दिया है। बाजरा खरीद के लिए 2022-23 से 2024-25 के मध्य 458 करोड़ 47 लाख का भुगतान किसानों को किया है। 

यूपी के किसानों को दी गई सुविधाओं का किया जिक्र:

सीएम ने बताया कि पीएम किसान सम्मान निधि में 2.86 करो़ड किसानों के खाते में 90 हजार करोड़ रुपये खाते में भेजी गई। पीएम कुसुम योजना में एक लाख सोलर पैनल किसानों के पास गए हैं। 2017 से अब तक 31 सिंचाई परियोजनाएं पूर्ण हुई हैं। इसके माध्यम से 23 लाख हेक्टेयर भूमि को अतिरिक्त सिंचाई की सुविधा प्राप्त हुई है। लखनऊ में पूर्व प्रधानमंत्री भारत रत्न चौधरी चरण सिंह के नाम पर प्रदेश का पहला अत्याधुनिक सीड पार्क एक हजार एकड़ में बनाने की कार्रवाई को यूपी सरकार ने बढ़ाया है। यूपी में पहली बार 15 लाख से अधिक निजी नलकूपों को फ्री में बिजली कनेक्शन उपलब्ध कराया है।

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