ब्यूरो: Mahakumbh 2025: महाकुंभ का आयोजन भारत में हर 12 साल में एक बार होता है। इसे दुनिया का सबसे बड़ा धार्मिक मेला माना जाता है, जिसमें करोड़ों श्रद्धालु, साधु-संत और पर्यटक आते हैं। इस साल महाकुंभ का आयोजन प्रयागराज में किया जा रहा है। महाकुंभ में न सिर्फ भारत से बल्कि विदेश से भी लोग शामिल होने आते हैं। यह आयोजन न केवल आध्यात्मिकता का प्रतीक है बल्कि भारतीय संस्कृति और परंपराओं की अद्भुत झलक पेश करता है। ऐसे में अगर आप भी अपने परिवार के साथ महाकुंभ जाने की योजना बना रहे हैं, तो अपनी यात्रा को सुगम और यादगार बनाने के लिए इन जरूरी बातों का विशेष ध्यान रखें।
महाकुंभ जाने से पहले जरूरी है कि उसके लिए सही प्लानिंग कर लें। महाकुंभ जाने से पहले डेट और आने-जाने की व्यवस्था का इंतजाम कर लें। आपको बता दें कि कुंभ में स्नान करने की अलग-अलग तारीखें होती हैं, आप किस दिन स्नान का प्लान बना रहे हैं, उसको ध्यान में रखें। महाकुंभ में शुरुआत में शाही अखाड़े स्नान करते हैं।
महाकुंभ मेले में जाने से पहले क्या करें
1. पहले तैयारी करें, पहले से की गई प्लानिंग काम आएगी। महाकुंभ मेले में करोड़ों श्रद्धालु आते हैं, इसलिए अपनी यात्रा की योजना का प्लान पहले ही बना लें। अपने रुकने की जगह, ट्रेन या बस के टिकट पहले से बुक करें ताकि लास्ट मूवमेंट पर कोई परेशानी न हो।
2. स्वास्थ्य और सुरक्षा का ख्याल रखें
अपने साथ एक बेसिक मेडिकल किट, पानी की बोतल, आपातकालीन संपर्क नंबर जरूर रखें। मेले के दौरान भीड़भाड़ वाले क्षेत्रों में अपनी सुरक्षा का विशेष ध्यान रखें और अपना सामान सुरक्षित रखें।
3. सांस्कृतिक व धार्मिक सम्मान बनाए रखें
महाकुंभ का धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व काफी है। पवित्र स्थानों पर शांति और सम्मान बनाए रखें। स्थानीय परंपराओं व नियमों का पालन करें जिससे बाकी श्रद्धालुओं के अनुभव में बाधा न आए।
4. पर्यावरण संरक्षण का पालन करें
कुंभ मेला प्लास्टिक मुक्त हो रहा है। इसलिए अपने साथ प्लास्टिक बैग या किसी भी तरह की प्रदूषण फैलाने वाली वस्तुएं न लाएं। कचरा फेंकने के लिए कूड़ेदान का ही प्रयोग करें।
महाकुंभ मेला में क्या न करें
1. अनावश्यक सामान न ले जाएं
केवल वही सामान लेकर जाएं जो जरूरी हो, भारी सामान ले जाने से परेशानी हो सकती है और खोने का खतरा भी बना रहता है।
2. अवैध गतिविधियों से दूर रहें
महाकुंभ का माहौल शांत और आध्यात्मिक होता है, इसलिए किसी भी प्रकार के विवाद व अवैध क्रियाकलापों से दूर रहें।
3. पूजा सामग्री या अन्य वस्तुओं को नदी में न फेंके। गंगा को स्वच्छ और प्रदूषण मुक्त बनाए रखने में योगदान दें।
4. स्नान के लिए सिर्फ निर्धारित घाटों का प्रयोग करें। अनधिकृत स्थानों पर स्नान करना खतरनाक हो सकता है।