Monday 21st of July 2025

आरओ/एआरओ परीक्षा को शुचितापूर्ण और पारदर्शी बनाने के लिए अभूतपूर्व तैयारी

Reported by: Gyanendra Kumar Shukla, Editor, PTC News UP  |  Edited by: Mohd. Zuber Khan  |  July 20th 2025 07:28 PM  |  Updated: July 20th 2025 07:28 PM

आरओ/एआरओ परीक्षा को शुचितापूर्ण और पारदर्शी बनाने के लिए अभूतपूर्व तैयारी

लखनऊ : उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग द्वारा 27 जुलाई को प्रस्तावित समीक्षा अधिकारी/सहायक समीक्षा अधिकारी (आरओ/एआरओ) परीक्षा-2023 को पूरी तरह शुचितापूर्ण, पारदर्शी और निर्बाध तरीके से संपन्न कराने के लिए प्रदेश सरकार की ओर से अभूतपूर्व व्यवस्थाएं की गई हैं। परीक्षा के दौरान कोई भी गड़बड़ी, लीक या अनुचित साधनों का प्रयोग परीक्षा को दूषित न कर सके, इसके लिए प्रौद्योगिकी, गोपनीयता, प्रशासनिक निगरानी और कड़े सुरक्षा उपायों की पूरी व्यवस्था की गई है। इसमें एआई के उपयोग से लेकर सीसीटीवी और सोशल मीडिया के जरिए भी निगरानी सुनिश्चित की जा रही है। उल्लेखनीय है कि 27 जुलाई को सभी 75 जनपदों में यह परीक्षा आयोजित की जा रही है। प्रातः 9:30 बजे से दोपहर 12:30 बजे तक एक पाली में आयोजित होने जा रही इस परीक्षा में 10.76 लाख से अधिक अभ्यर्थी शामिल होंगे। इसके लिए समस्त जनपदों में 2,382 परीक्षा केंद्र बनाए गए हैं। हर जिले में जिलाधिकारी को नोडल अधिकारी बनाया गया है जो परीक्षा की संपूर्ण व्यवस्था की निगरानी करेंगे और आवश्यकतानुसार त्वरित निर्णय ले सकेंगे।

फूलप्रूफ होगी प्रश्नपत्रों की सुरक्षा 

परीक्षा की गोपनीयता बनाए रखने के लिए प्रश्नपत्र दो अलग-अलग सेट में दो अलग-अलग मुद्रकों से तैयार कराए गए हैं। परीक्षा के दिन प्रश्नपत्र का चयन कंप्यूटर आधारित रैंडमाइजेशन से ठीक परीक्षा शुरू होने से 45 मिनट पूर्व किया जाएगा। सभी प्रश्नपत्र आठ मल्टीपल जंबल्ड सीरीज में होंगे, जिन पर यूनिक एवं वैरिएबल बारकोड अंकित होंगे। इन्हें त्रिस्तरीय लॉक वाले गोपनीय ट्रंक बॉक्स में रखा जाएगा, जो पांच स्तरीय टेम्पर्ड प्रूफ पैकिंग से सुरक्षित होंगे। इस गोपनीयता के साथ-साथ पूरी प्रक्रिया की निगरानी लाइव सीसीटीवी स्ट्रीमिंग के जरिए होगी, जिसे केंद्र, जिला और आयोग स्तर से देखा जा सकेगा।

बायोमेट्रिक और फेस रिकग्नीशन से होगा प्रवेश 

अभ्यर्थियों की पहचान और केंद्र निर्धारण भी पूरी तरह डिजिटल और सुरक्षित रखा गया है। केंद्र आवंटन की प्रक्रिया कंप्यूटर रैंडमाइजेशन से की गई है, ताकि किसी प्रकार की पक्षपात की संभावना न रहे। ई-प्रवेश पत्र को ओटीआर (वन टाइम रजिस्ट्रेशन) आधारित आठ स्तरीय सत्यापन प्रक्रिया से जोड़ा गया है, जिसमें अभ्यर्थी का नाम, पिता का नाम, जन्मतिथि, श्रेणी, हाईस्कूल वर्ष और रोल नंबर जैसे महत्वपूर्ण बिंदु शामिल हैं। प्रवेश के समय बायोमेट्रिक सत्यापन और फेस रिकग्निशन तकनीक के माध्यम से पहचान सुनिश्चित की जाएगी, जबकि डबल लेयर फ्रिस्किंग की जिम्मेदारी पुलिस बल और कार्यदायी संस्था साझा रूप से निभाएंगे।

परीक्षा केंद्रों पर होगा सख्त पहरा

परीक्षा केंद्रों पर हर कोण से निगरानी रखने के लिए एक सेक्टर मजिस्ट्रेट, एक स्टैटिक मजिस्ट्रेट, केंद्र व्यवस्थापक, दो सह केंद्र व्यवस्थापक तथा प्रशिक्षित अंतरीक्षक तैनात किए जाएंगे। इनमें से 50 प्रतिशत अंतरीक्षक केंद्र व्यवस्थापक द्वारा और शेष 50 प्रतिशत जिलाधिकारी या जिला विद्यालय निरीक्षक द्वारा नियुक्त किए जाएंगे। अंतरीक्षकों की ड्यूटी का निर्धारण भी कंप्यूटर रैंडमाइजेशन से किया जाएगा, जिससे निष्पक्षता बनी रहे। इसके अलावा सोशल मीडिया पर किसी भी अफवाह, लीक या अनुचित गतिविधि की निगरानी के लिए विशेष सोशल मीडिया मॉनिटरिंग सेल भी गठित किया गया है। परीक्षा केंद्रों में इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस पर पूर्ण प्रतिबंध रहेगा।

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