Saturday 4th of January 2025

Mahakumbh 2025: डिजिटल स्वरूप में भूमि आवंटन एवं सुविधा देने में दिखाई दे रही "डिजिटल महाकुम्भ" की बानगी

Reported by: PTC News उत्तर प्रदेश Desk  |  Edited by: Md Saif  |  January 01st 2025 01:00 PM  |  Updated: January 01st 2025 01:00 PM

Mahakumbh 2025: डिजिटल स्वरूप में भूमि आवंटन एवं सुविधा देने में दिखाई दे रही "डिजिटल महाकुम्भ" की बानगी

ब्यूरो: Mahakumbh 2025: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के डिजिटल महाकुम्भ के विज़न को उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ महाकुम्भ-2025 में साकार कर रहे हैं। योगी सरकार उत्तर प्रदेश के नए 76वें जनपद "महाकुम्भ नगर" को रिकॉर्ड समय में सभी नागरिक सुविधाओं के साथ बसा रही है। महाकुम्भ 2025 में पहली बार मेला को बसाने का काम डिजिटल तरीके से किया जा रहा है। "महाकुम्भ भूमि एवं सुविधा आवंटन" की साइट पर भूमि और सुविधाएं एक क्लिक में मिल रही हैं। प्रयागराज मेला प्राधिकरण मेले में जमीन आवंटन और मूलभूत सुविधाओं के काम में विभागों की जवाबदेही के साथ पूरी पारदर्शिता बरत रही है। जिससे ऑनलाइन आवेदन के साथ ही आवेदक अपनी जमीन और मेला में सरकार द्वारा दी जाने वाली सुविधाओं का स्टेटस ऑनलाइन कभी भी देख सकता है। कुम्भ 2019 में 5500 से अधिक संस्थाओं का सम्पूर्ण विवरण एवं उनके आवंटन का डिजिलाइजेशन किया गया है। पूरे मेले में 10 हजार से अधिक संस्थाओं को भूमि आवंटन किया जा रहा है, इसमें सरकारी, आपातकालीन, सामाजिक और धार्मिक संस्थाएं आदि शामिल हैं। सरकार की इस पारदर्शी व्यवस्था से साधु संतों और संस्थाओं का काम बिना कतार में लगे आसानी और जल्द हो रहा है।

 

गूगल मैप्स पर मुख्य स्थानों को मिली जगह

महाकुम्भ सनातन के धार्मिक अनुष्ठानों का माहयज्ञ है। अमृत काल में लग रहे अमृत महोत्सव महाकुम्भ में आस्था की डुबकी लगाने के लिए 40 करोड़ से अधिक श्रद्धालुओं का प्रयागराज में आने का अनुमान है। जबकि करोड़ों लोग महाकुम्भ के दौरान यहाँ कल्पवास करेंगे। अपर मेला अधिकारी विवेक चतुर्वेदी ने बताया कि कुंभ मेला के लिए 25 सेक्टरों में फैले 4000 हेक्टेयर क्षेत्र का लेआउट जीआईएस आधारित नक्शे का उपयोग करके तैयार किया गया है। मानसून के पहले और बाद में विभिन्न समय में ड्रोन सर्वेक्षण कर जमीन की टोपोग्राफी और भू-भाग का सटीक नक्शा तैयार किया गया। सर्वेक्षणों के माध्यम से हाई-रिज़ॉल्यूशन के नक्शे, जीआईएस बेस लेयर, और 0.5 सेमी की एकुरेसी के साथ जियो-रेफरेंस कैड फ़ाइल तैयार की गई। प्रमुख सार्वजनिक उपयोगिताओं और अन्य आपातकालीन मुख्य स्थानों को श्रद्धालुओं के लिए गूगल मैप्स पर उपलब्ध कराया गया है। इसमें मुख्य रूप से आपातकालीन सेवाएं, थाने, चौकियां, कमांड और कंट्रोल सेंटर, अस्पताल, पार्किंग क्षेत्र, फूड कोर्ट, वेंडिंग ज़ोन, शौचालय, पांटून ब्रिज, सड़क इत्यादि हैं।

सुविधा पर्चियों का किया गया डिजिटलाइजेशन?

प्रयागराज मेला प्राधिकरण ने पारदर्शिता बरतने और सभी को अवसर देने के लिए जो संस्थाएं कुंभ 2019 में मेला का हिस्सा रहीं हैं, उनके भी आवेदनों को स्वीकार किया है। इसके लिए मेला प्राधिकरण ने स्थानीय और राष्ट्रीय समाचार पत्रों में व्यापक प्रचार किया है, और पोर्टल पर 29 अक्टूबर 2024 से 12 नवंबर 2024 तक आवेदन प्राप्त किए। भूमि और सुविधा आवंटन के लिए कुंभ 2019 के डेटा का विश्लेषण किया गया और जमीन आवंटन के लिए तय नियमों के अनुसार कार्य किया गया। आवेदनों के विश्लेषण, प्राधिकरण द्वारा आवंटन और स्वीकृति के बाद, डिजिटाइज्ड सुविधा पर्चियां बनाई गईं। मेला प्राधिकरण द्वारा संस्था को दी सुविधा पर्ची को वेंडर ऑनलाइन देख सकते हैं, और संस्था को दी गई सुविधा को उनके समन्वय के साथ फोटो के साथ अपडेट कर सकते हैं। डिजिटल और ऑनलाइन सुविधा की सबसे बड़ी पारदर्शिता ये है कि आवेदक जब चाहे अपने जमीन के आवंटन संबंधित जानकारी और सुविधा का अपडेट देख सकता है, और कमियों पर अपनी आपत्ति जता सकता है। श्रद्धालुओं की सुविधा और उनके कामों को जल्दी निपटाने के लिए मेला प्रशासन की मदद के लिए बड़ी तादाद में "कुम्भ फेलो" तैनात किए गए हैं।

ढाई साल से जुटे अधिकारी

महाकुम्भ की तैयारियों की नींव लगभग ढाई साल पहले पड़ चुकी थी। जिसको लेकर प्रशासनिक अधिकारी लगातार जुटे रहे हैं। जिसकी जमीन अब पूरी तरह से तैयार हो गई है। महाकुम्भ में श्रद्धालुओं की श्रद्धा को देखते हुए सरकार महाकुम्भ को दिव्य, भव्य और सुरक्षित बना रही है। महाकुम्भ 2013 की तुलना में महाकुम्भ 2025 में क्षेत्रफल दोगुना हो गया है। वहीं सेक्टर की संख्या 18 से 25 और जाने की संख्या 7 से बढ़कर 10 हो गई है।

 

डिजिटलाइजेशन के प्रमुख बिंदु और लाभ

- आवेदनों की सम्पूर्ण जानकारी का डाटा डिजिटलाईज़ेशन और आवेदन की स्थिति की लाइव ट्रैकिंग के साथ आवंटन

- समयबद्ध स्थापना के लिए सुविधा पर्चियों से संबंधित विक्रेताओं और सरकारी विभागों में स्वचालित ऑटोमेटेड डाटा फ्लो

- सुविधाओं की स्थापना के फोटोग्राफिक साक्ष्य के साथ सत्यापन के लिए थर्ड पार्टी इंस्पेक्शन और सत्यापन समिति मॉडल

- प्रयागराज मेला प्राधिकरण, कस्टमाइज्ड एमआईएस रिपोर्ट और व्यापक संस्था विश्लेषण, यह सॉफ्टवेयर प्रयागराज मेला प्राधिकरण को संस्थाओं के प्रतिनिधियों द्वारा न्यूनतम कतार और भौतिक नियुक्तियों के साथ भूमि और सुविधा आवंटन को समय पर पूरा करने में सक्षम बनाएगा।

Latest News

PTC NETWORK
© 2025 PTC News Uttar Pradesh. All Rights Reserved.
Powered by PTC Network