लखनऊ: उत्तर प्रदेश पुलिस में संभल के सीओ यानी सर्कल अफ़सर अनुज चौधरी एक बार से विवादों में घिर गए हैं। होली के त्योहार और जुमे की नमाज़ से जुड़ा उनका बयान देशभर में वायरल हो चुका है और उस पर पक्ष-विपक्ष की प्रतिक्रियाएं भी देखने को मिल रही हैं। हालाकि विपक्षी दलों ने भले ही यूपी पुलिस के अधिकारी अनुज चौधरी की टिप्प्णी पर नाराज़गी ज़ाहिर की हो, लेकिन राज्य के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने उनकी हिमायत की है।
हालाकि विपक्षी नेताओं ने अनुज चौधरी के बयान पर तीखी प्रतिक्रियाएं सामने आ रही हैं। विपक्ष का कहना है कि लोकतंत्र में किसी भी पुलिस अधिकारी को इस तरह के बयान देने की इजाज़त नहीं दी जा सकती। समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता राम गोपाल यादव, आम आदमी पार्टी के सांसद संजय सिंह और कांग्रेस के सांसद इमरान मसूद ने एक सुर में अनुज चौधरी की टिप्पणी पर एतराज़ जताया है।
संभल हिंसा के बाद से सुर्ख़ियों में रहे हैं अनुज चौधरी
गौरतलब है कि अनुज चौधरी 2012 से पुलिस उपाधीक्षक पद पर हैं। अनुज चौधरी खेल कोटे से भर्ती हुए थे। वो मूल रूप से उत्तर प्रदेश के मुज़फ़्फ़रनगर के रहने वाले हैं। अनुज चौधरी को अर्जुन पुरस्कार मिल चुका है। यही नहीं, वो कुश्ती में भारत की तरफ़ से कई अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में भी हिस्सा ले चुके हैं। संभल में पिछले साल हुई हिंसा में जब पुलिस अधिकारी दावा कर रहे थे कि पुलिस ने गोली नहीं चलाई थी, तब चौधरी ने कहा था, ''एक पढ़े-लिखे आदमी को इस तरह के जाहिल मार देंगे. हम कोई पुलिस में मरने के लिए थोड़े ही भर्ती हुए हैं।''
सीओ के ख़िलाफ़ एकजुट नज़र आ रहे हैं विपक्षी नेता
क़रीब तीन महीने पहले संभल में एक शिव मंदिर को क़रीब 46 साल के बाद खोला गया था। मंदिर खोलने के बाद अनुज चौधरी एक बार फिर चर्चा में तब आए, जब वो मंदिर तक निकल रही शोभायात्रा में पुलिस वर्दी में गदा लेकर आगे-आगे चल रहे थे। इससे पहले रामपुर में तैनाती के दौरान उनकी समाजवादी पार्टी के नेता आज़म ख़ान से भी तीखी बहस हो चुकी है।
बहरहाल उत्तर प्रदेश के संभल में अदालत के आदेश पर, स्थानीय जामा मस्जिद के सर्वे के बाद पिछले साल 24 नवंबर को हुई हिंसा में चार लोगों की मौत हो गई थी। इस घटना के बाद संभल में शांति बनाने की कोशिश जारी है और इसी के तहत होली के त्योहार को लेकर भी खासी तैयारियां की गई हैं। इत्तेफाक़ से इस साल 14 मार्च को होली का त्योहार है और इसी दिन रमज़ान का दूसरा जुमा भी है, ऐसे में लोगों से सामूहिक तौर पर शांति बनाने की दिशा में क़दम बढ़ाने की अपील की जा रही हैं, जिसकी एवज में लोगों की सकारात्मकता देखने को मिल रही हैं।