समाजवादी पार्टी के मुखिया और उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने कहा कि प्रधानमंत्री की कुर्सी का रास्ता भले ही उत्तर प्रदेश से होकर जाता है, लेकिन मौजूदा सरकार ने राज्य को पूरी तरह से छोड़ दिया है।
यादव ने दावा किया कि गुजरात मॉडल के बजाय केंद्र मैनपुरी मॉडल पर शोध करने में व्यस्त है क्योंकि उसने लोकसभा उपचुनाव में भाजपा को हराया था। उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री केशव प्रसार मौर्य के अयोध्या में भाजपा द्वारा भव्य मंदिर बनाने के बयान पर तंज कसते हुए यादव ने कहा कि रामचरितमानस की चौपाई से शुरू हुआ विवाद खत्म होने का नाम नहीं ले रहा है।
यूपी के मंदिरों में रामचरितमानस का पाठ होने की घोषणा पर अखिलेश यादव ने कहा कि अगर सरकार इस तरह का पाठ कराती है तो राज्य के सभी मंदिरों को भी इस आयोजन के लिए फंड मुहैया कराया जाए और सपा कार्यकर्ता और पदाधिकारी प्रसाद के लिए आएंगे।
यादव ने कहा कि 2024 का लोकसभा चुनाव देश की राजनीति की दिशा तय करेगा। उन्होंने कहा कि केंद्र और यूपी में भाजपा के नेतृत्व वाली सरकारें समाज में नफरत फैला रही हैं, जबकि सपा देश को एक करने की बात कर रही है।