लखनऊ/जय कृष्ण: प्रदेश में नक्सली संगठन को मजबूत करने के लिए अभियान चलाने वाले बलिया जिले से एटीएस की गिरफ्त में आए कथित नक्सलियों के मंसूबे बेहद खतरनाक थे। केंद्रीय कमेटी के नेताओं के इशारे पर वह बलिया, आजमगढ़, वाराणसी और चंदौली को केंद्र बनाकर प्रदेश में नक्सली गतिविधियां बढ़ाने की साजिश को अमली जामा पहना रहे थे। इसकी साजिश करीब दो साल से रची जा रही थी। आरोपियों ने पूर्वांचल के साथ बिहार और छत्तीसगढ़ के सीमावर्ती इलाकों को निशाना बनाया था।
गिरफ्तार किए गए आरोपियों के बारे में केंद्रीय खुफिया एजेंसियों ने जानकारी दी थी, कि यूपी के बिहार, झारखंड के सीमावर्ती जिलों में नक्सली गतिविधियों को विस्तार देने के लिए मुखौटा संगठनों के माध्यम से सशस्त्र विरोध करने और प्रतिबंधित संगठन भाकपा (माओवादी) का शासन स्थापित करने की साजिश रची जा रही है। एटीएस को कथित नक्सलियों के पास से एक डायरी भी मिली है, जिसमें लिखी जानकारी से उनके खतरनाक मंसूबों का पता चलता है। यूपी एटीएस मामले की जांच तेज कर दी है।
सूत्रों के मुताबिक, कथित नक्सलियों के पास से बरामद डायरी में बीते दिनों एनकाउंटर में मारे गए नक्सलियों के नाम और संगठन को होने वाली फंडिंग का ब्योरा दर्ज है। साथ ही, नक्सलियों के लिए कोरियर का काम करने वाले वालों के मोबाइल नंबर भी मिले है। इनके आधार पर एटीएस सभी की तलाश कर रही है। वहीं, एटीएस को बड़ी संख्या में नक्सली साहित्य और ऐसे पम्पलेट भी मिले हैं, जिनमें कृषि कानूनों को लेकर किसानों को भड़काने वाली बातें लिखी है। तीन कॉपी के पन्ने बरामद हुए है, जिसमें भड़काऊ गीत लिखे है। जांच एजेंसियां लगातार पूरे मामले पर नजर बनाए हुए हैं। जल्द यूपी एटीएस आरोपियों से पूछताछ के कुछ और लोगों को भी हिरासत में ले सकती है।
जांच एजेंसियों ने आरोपियों के पास से बड़ी मात्रा में दस्तावेज बरामद किए हैं। जानकारी के मुताबिक आरोपियों ने युवाओं को बरगलाने के लिए पूरा खाका तैयार किया हुआ था। इसके लिए ग्राफिक्स भी तैयार किए गए थे, ताकि आरोपी आसानी से अपना मकसद दूसरों को समझा सके। इसके अलावा भाकपा (माओवादी) का मुख्य पत्र की प्रतियां भी मिली हैं। लेनिन द्वारा लिखी गई किताब साम्राज्यवाद पूंजीवादी की चरम अवस्था लोकचेतना, लेखक अनीता की पुस्तक मुक्ति औरतों की समाज की... कम्युनिस्ट पार्टी का घोषणा पत्र मार्क्स एंगेल्स, भारतीय उपमहाद्वीप में सांप्रदायिकता का विकास, कारण और निवारण भाकपा माओवादी संगठन के लोगों के लिए है, इत्यादि भी बरामद हुआ है। वहीं एक पम्पलेट मिला है, जो भारत सरकार की जनविरोधी नीतियों के विरुद्ध प्रगतिशील जन संगठन व मेहनतकश जनता से अपील से संबंधित है। यह पम्पलेट बलिया की ग्राम विकास मंच इकाई का है। इसके अलावा संयुक्त किसान मोर्चा का पम्पलेट भी मिला है जिसमें किसान नाराज, तीनों काले कानून का राज मुद्दे पर भड़काऊ बातें लिखी है।
तीन आरोपियों की एटीएस को मिली 10 दिन की रिमांड
वहीं दूसरी ओर शुक्रवार को राजधानी स्थित एटीएस/एनआईए कोर्ट ने तीन आरोपियों लल्लू राम, उसकी बेटी तारा देवी उर्फ मनीषा और राममूरत उर्फ राममूर्ति को 10 दिन की पुलिस कस्टडी रिमांड पर एटीएस के सुपुर्द करने का आदेश दिया है। एटीएस की ओर से शासकीय अधिवक्ता एमके सिंह ने अदालत से अनुरोध किया कि गिरफ्तार किए गए कथित नक्सली लल्लू राम से वांछित नक्सली कमांडर विनय राम उर्फ सीताराम द्वारा दी गई पिस्टल के पार्ट बरामद करने हैं। साथ ही नक्सली नेता प्रमोद मिश्रा द्वारा भेजे गए संदेशों व नक्सली नेताओं को शरण देने वाले स्थानों के बारे में विस्तृत पूछताछ की जानी है। उसके मोबाइल के डाटा के आधार पर बरामदगी और पूछताछ की जानी है।
वहीं तारा देवी से संगठन को मिली रकम बरामद करनी है और बैठकों का स्थान और उसमें शामिल होने वाले लोगों का पता लगाना है। इसके अलावा राममूरत से आंदोलन के लिए जुटाए गए हथियारों को बरामद करना है। इसके लिए आरोपियों को आजमगढ़, बलिया, गाजीपुर और बिहार ले जाना है। विशेष न्यायाधीश दिनेश कुमार मिश्रा ने दोनों पक्षों की दलील सुनने के बाद तीनों आरोपियों को 10 दिन की रिमांड मंजूर की है।