गाजियाबाद पुलिस ने शनिवार को 14 लोगों की गिरफ्तारी के साथ ही इंदिरापुरम के ज्ञान खंड II इलाके में एक फर्जी कॉल सेंटर का भंडाफोड़ करने का दावा किया, जो मुख्य रूप से अमेरिकी नागरिकों को उनके कंप्यूटर सिस्टम में हैक करके ठगता था।
पुलिस ने कहा कि जालसाज अपने कंप्यूटर को ठीक करने के बहाने 'एनी डेस्क' और 'टीमव्यूअर' जैसे ऐप और सॉफ्टवेयर इंस्टॉल करने का लालच देकर सिस्टम को हैक कर लेता था और बैंक खातों तक पहुंच जाता था। गिरफ्तार किए गए लोगों की पहचान मास्टरमाइंड विजय तलवार, संजय, सार्थक, मयंक, नोएल, लोकेंद्र सिंह, विपिन उपेती, प्रशांत, आशु त्यागी, ध्रुव सिंह, आकिब हुसैन, मनमीत सिंह, अभिषेक मित्तल और मोहित त्रेहान के रूप में हुई है।
पुलिस ने बताया कि आरोपी दिल्ली और आसपास के इलाकों के रहने वाले हैं। गिरोह सबसे पहले सिस्टम में एक लिंक भेजता था जो एक वायरस रहता था। एक बार जब कोई लिंक पर क्लिक करे तो सिस्टम खराब हो जाता था। फिर मदद के लिए उनसे संपर्क करता था और घटना को अंजाम देता था।
अतिरिक्त डीसीपी विवेक चंद्र यादव ने कहा कि गिरोह कॉल का जवाब देता था और वायरस को ठीक करने के लिए कुछ ऐप और सॉफ्टवेयर इंस्टॉल करने के लिए कहता था। यादव ने कहा कि गिरोह सिस्टम को हैक कर बैंक खता साफ़ कर देता था। आरोपी ने पिछले दो साल में दिल्ली और गुड़गांव में कॉल सेंटर बनाए थे।
पुलिस ने करीब 10-12 करोड़ रुपये की ठगी का अनुमान लगाया है। एक अन्य पुलिस अधिकारी ने कहा कि उन्होंने न केवल अमेरिका बल्कि भारत के लोगों से भी ठगी की थी। हमारी टीमें पैसे के बारे में जानने के लिए उनके बैंक खातों की जांच कर रही हैं। कॉल सेंटर से 19 मोबाइल फोन, 17 कंप्यूटर, कीबोर्ड, हेडफोन, लैपटॉप और अन्य संदिग्ध सामग्री जब्त की गई है।