Sunday 19th of January 2025

वाराणसी: अन्तर्राज्यीय सिंथेटिक ड्रग तस्कर गिरोह का पर्दाफाश, नशा तैयार कर बड़े शहरों में करते थे सप्लाई

Reported by: PTC News उत्तर प्रदेश Desk  |  Edited by: Shagun Kochhar  |  August 04th 2023 06:35 PM  |  Updated: August 04th 2023 06:37 PM

वाराणसी: अन्तर्राज्यीय सिंथेटिक ड्रग तस्कर गिरोह का पर्दाफाश, नशा तैयार कर बड़े शहरों में करते थे सप्लाई

वाराणसी: यूपी एसटीएफ ने बड़ी कार्रवाई करते हुए एक अन्तर्राज्यीय सिंथेटिक ड्रग तस्कर गिरोह का पर्दाफाश करने में सफलता हासिल की है. ये गिरोह सिंथेटिक ड्रग तैयार कर बड़े शहरों में सप्लाई किया करता था.

जानकारी के मुताबिक, यूपी एसटीएफ और नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो ने संयुक्त कार्रवाई करते हुए इस गिरोह को धर दबोचा. ये कार्रवाई यूपी एसटीएफ की वाराणसी इकाई की अभिसूचना पर अमल में लाई गई. टीम ने अन्तर्राज्यीय सिंथेटिक ड्रग तस्कर गिरोह का खुलासा करते हुए  clandestine Lab को बर्स्ट करने में सफलता हासिल की.

तस्करों से ये सामान हुआ बरामद

वहीं कार्रवाई के दौरान तस्करों को जनपद वाराणसी के शिवपुर थाना क्षेत्र से गिरफ्तार किया गया. इसी के साथ ही तैयार ड्रग और ड्रग तैयार करने के रसायन मिथाइल अमोनियम क्लोराइड, हाइड्रो क्लोरिक एसिड आदि, कुछ उपकरण और एक 32 बोर की कंट्री मेड पिस्टल और 40 हजार रुपये की बरामदगी की गई है.

इन तस्करों की हुई गिरफ्तारी

वहीं पुलिस ने गिरोह के सदस्य सुशील उपाध्याय पुत्र रामधारी उपाध्याय निवासी अबरना थाना सुरियावां जनपद भदोही, प्रमोद यादव पुत्र लालचंद यादव निवासी महमदपुर पट्टी थाना बरसठी जनपद जौनपुर, अकरम चुन्नू खड्डे पुत्र चुन्नू खड्डे निवासी गरीब नवाज नगर कोकरी हागल थाना एन्टोफिल, मुम्बई, आनन्द तिवारी पुत्र कृष्णानन्द तिवारी निवासी चौगड़ा थाना सुरियावां जनपद भदोही और संदीप तिवारी पुत्र इंद्रेश तिवारी निवासी पाली थाना बरसठी जनपद जौनपुर को गिरफ्तार किया.

प्राथमिक पूछताछ में तस्करों ने बताया कि ये लोग जनपद वाराणसी के शिवपुर थाना अंतर्गत इंद्रपुरी इन्क्लेव कादीपुर स्थित एक मकान में clandestine Lab डालकर कृतिम रूप से सिंथेटिक ड्रग तैयार कर अपने एजेंटों के माध्यम से मुंबई और अहमदाबाद आदि शहरों में बड़ी मात्रा में भेज कर भारी अवैध लाभ कमा रहे थे. सिंथेटिक ड्रग की पहचान प्रथम दृष्टया Mephedrone के रूप में हुई है. इस ड्रग को M-CAT, White Magic, meow meow और bubble के नाम से भी जाना जाता है.

फिलहाल पुलिस आरोपियों से पूछताछ कर इनके गिरोह के बारे में और जानकारी निकाल रही है, ताकि ये पता लगाया जा सकते की इनके इस अवैध धंधे का जाल कहां तक फैला है.

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