ब्यूरो: UP News: उत्तर प्रदेश में बीते आठ सालों में काफी बदलाव देखने को मिला है। भाजपा का दावा है कि प्रदेश 2017 तक बीमारू राज्य माना जाता था, अब वह प्रदेश देश की अर्थव्यवस्था का ग्रोथ इंजन बनकर उभरा है। सीएम योगी की सरकार ने औद्योगिक निवेश, रोजगार और कारोबारी सुगमता को प्राथमिकता दी, जिसका असर यह हुआ कि प्रदेश अब उद्यम प्रदेश बन चुका है।
योगी सरकार के प्रयासों के परिणामस्वरूप, राज्य को कुल 45 लाख करोड़ रुपये के निवेश प्रस्ताव प्राप्त हुए हैं, जिनमें से 15 लाख करोड़ रुपये का क्रियान्वयन किया जा चुका है। अब तक 60 लाख से अधिक युवाओं को काम मिल चुका है। सरकार की पहलों के परिणामस्वरूप उत्तर प्रदेश की अर्थव्यवस्था दोगुनी हो गई है, और राज्य जल्द ही 30 लाख करोड़ रुपये की जीडीपी सीमा को पार कर जाएगा।
उद्योगों को समर्थन देने के लिए नीतियों का उपयोग करना
योगी सरकार ने राज्य के निवेश को बढ़ावा देने के लिए 33 सेक्टोरल पॉलिसी को लागू किया। "निवेश मित्र" पोर्टल के शुभारंभ और "ईज ऑफ डूइंग बिजनेस" को प्राथमिकता देने की बदौलत अब 43 विभागों की 487 से अधिक सेवाएँ ऑनलाइन उपलब्ध हैं। विश्व बैंक की व्यापार करने में आसानी रैंकिंग में यूपी 2017 में 14वें स्थान से 2022 में दूसरे स्थान पर पहुंच गया है।
निवेश आकर्षित करने के लिए उत्तर प्रदेश सरकार ने 2018 में पहली बार ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट (जीआईएस) की मेजबानी की। फरवरी 2023 में आयोजित यूपी ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट-2023 ने निवेश का नया अध्याय लिखा। निवेश को मूर्त रूप देने के लिए ग्राउंड ब्रेकिंग सेरेमनी (जीबीसी) भी आयोजित की गई और करोड़ों रुपये की परियोजनाओं पर काम किया गया। राज्य के एमएसएमई सेक्टर में 90 लाख से अधिक रोजगार के अवसर पैदा हुए हैं। निर्यात 86 हजार करोड़ रुपये से बढ़कर 2 लाख करोड़ रुपये हो गया है। इसमें वन डिस्ट्रिक्ट-वन प्रोडक्ट (ओडीओपी) कार्यक्रम की अहम भूमिका रही।