Thursday 19th of June 2025

चिकित्सा में एआई का कमाल, पीजीआई का लैब लाएगा अनोखा बदलाव

Reported by: Mangala Tiwari  |  Edited by: Mangala Tiwari  |  June 19th 2025 12:08 PM  |  Updated: June 19th 2025 12:08 PM

चिकित्सा में एआई का कमाल, पीजीआई का लैब लाएगा अनोखा बदलाव

ब्यूरो: संजय गांधी पीजीआई में जल्द ही एक आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस (एआई) लैब स्थापित होने जा रही है, जो उत्तर प्रदेश के किसी भी मेडिकल संस्थान में अपनी तरह की पहली पहल होगी। इस प्रस्ताव को एकेडमिक काउंसिल ने मंजूरी दे दी है। यह लैब सभी विभागों के लिए साझा सुविधा के रूप में उपलब्ध होगी, जिसका उपयोग वे कोर लैब की तरह कर सकेंगे।

संस्थान के निदेशक प्रो. आरके धीमन ने बताया कि चिकित्सा क्षेत्र में एआई की भूमिका तेजी से बढ़ रही है और इसमें अनंत संभावनाएं हैं। इस लैब का उद्देश्य सर्जरी, पैथोलॉजी और अन्य डायग्नोस्टिक प्रक्रियाओं में एआई की उपयोगिता को बढ़ाना है। साथ ही, नई संभावनाओं की खोज भी की जाएगी। उनका कहना है कि इस लैब के जरिए पीजीआई को एआई आधारित चिकित्सा का एक प्रमुख केंद्र बनाया जाएगा, जिससे चिकित्सा सेवाएं और सटीक होंगी और नवाचार को बढ़ावा मिलेगा।

केजीएमयू में शुरू हुई एआई की पढ़ाई:

जहां पीजीआई प्रदेश का पहला एआई लैब स्थापित कर रहा है, वहीं किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी (केजीएमयू) ने चिकित्सा में एआई की भविष्य की उपयोगिता को देखते हुए इसे अपने पाठ्यक्रम में शामिल किया है। न्यूरोलॉजी, पैथोलॉजी और फोरेंसिक विभागों में एआई से संबंधित प्रश्नपत्र जोड़े गए हैं।

एआई से चोट का आकलन:

केजीएमयू, लोहिया संस्थान और सहारनपुर के एसएमएनएच मेडिकल कॉलेज के संयुक्त शोध के अनुसार, एआई गंभीर रूप से घायल मरीजों की जान बचाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है। यह तकनीक चोट की गंभीरता और प्रकार का सटीक आकलन करने में सक्षम है। इस शोध के नतीजे जर्नल ऑफ फोरेंसिक साइंस एंड मेडिसिन में प्रकाशित हुए हैं।

पीजीआई बनेगा एआई हब:

प्रो. आरके धीमन ने कहा कि इस एआई लैब के माध्यम से पीजीआई को चिकित्सा के क्षेत्र में एआई का एक प्रमुख केंद्र बनाया जाएगा। यह लैब प्रदेश में अपनी तरह की पहली सुविधा होगी, जो सभी विभागों के लिए कोर लैब के रूप में कार्य करेगी।

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