AMU के कुलपति तारिक मंसूर ने दिया इस्तीफा, योगी सरकार ने मंसूर और साकेत मिश्रा समेत 6 लोगों को बनाया MLC
ब्यूरो: अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के वाइस चांसलर तारिक मंसूर ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है. इसी के साथ ही उत्तर सरकार की ओर से उन्हें उत्तर प्रदेश विधान परिषद के सदस्य के तौर पर चुन लिया गया है. इस आदेश के लिए अधिसूचना भी जारी कर दी गई है. प्रोफेसर ने अपना कार्यकाल समाप्त होने से कुछ हफ्ते पहले ही अपने पद से इस्तीफा दिया है.
तारिक ने कुलपति के तौर पर लिखा आखिरी पत्र
जानकारी के मुताबिक, विश्वविद्यालय के प्रति कुलपति प्रोफेसर मोहम्मद गुलरेज अगले कुलपति की नियुक्ति तक कुलपति के रूप में काम संभालेंगे. आपको बता दें तारिक मंसूर ने विश्वविद्यालय के छात्रों और कर्मचारियों को एक पत्र लिखा. जिसमें उन्होंने कहा कि 'जैसा कि मैं पद छोड़ रहा हूं, ये आखिरी बार है जब मैं आपको कुलपति के रूप में संबोधित कर रहा हूं. मुझे अच्छे और चुनौतीपूर्ण समय के दौरान 6 साल तक संस्थान की सेवा करने का मौका मिला.' उन्होंने इस अवधि के दौरान विशेष रूप से कोविड-19 महामारी से उत्पन्न चुनौतियों का सामना करने के लिए एएमयू समुदाय को धन्यवाद दिया.
एएमयू के कुलपति प्रो. तारिक मंसूर के भाजपा से विधान परिषद सदस्य के लिए मनोनीत किया गया. वहीं बीजेपी में शामिल होने वाले वो एएमयू के पहले कुलपति हैं. उन्हें उत्तर प्रदेश सरकार में महत्वपूर्ण मंत्रालय भी मिलने की उम्मीद जताई जा रही है.
राज्यपाल के पास भेजे गए थे 6 लोगों के नाम
जानकारी के मुताबिक, राज्यपाल के पास कुलपति के साथ साथ 6 भेजे गए थे. जिन नामों से वाइस चांसलर तारिक मंसूर के नाम पर मुहर लगी. आपको बता दें तारिक मंसूर 2017 में वाइस चांसलर बने थे. 17 मई 2022 को उनका कार्यकाल खत्म होने के बाद उन्हें एक साल का सेवा विस्तार दिया गया. वहीं अब उनका कार्यकाल 17 मई 2023 को पूरा हो रहा है. एएमयू में कुलपति के कार्यकाल की अवधि 5 साल की होती है.
कौन होगा नया कुलपति?
वहीं प्रोफेसर तारिक मंसूर के एमएलसी बनने के बाद एएमयू का नया वाइस चांसलर कौन होगा इस पर अटकलें बनी हुई हैं. केंद्रीय विश्वविद्यालय के कुलपति का चयन यूजीसी के नियमों के तहत ही होगा.