ब्यूरो: Ayodhya Ram Mandir: केंद्रीय खुफिया एजेंसियों से मिले इनपुट के आधार पर गुजरात एटीएस और हरियाणा एसटीएफ की टीमों ने फरीदाबाद में सोहना रोड के पाली इलाके में दबिश दी। यहां से अब्दुल रहमान को दबोचा गया जो शंकर नाम से रह रहा था। ये अयोध्या के मिल्कीपुर का रहने वाला है। पूछताछ में इस संदिग्ध आतंकी ने अयोध्या के राम मंदिर को उड़ाने की साजिश का खुलासा किया। इस नापाक मंसूबे को काम को अंजाम देने के लिए इसे दो हैंड ग्रेनेड भी मुहैया कराए गए थे। जिन्हें बरामद किया गया है। सुरक्षा एजेंसियों को हाई अलर्ट पर किया गया है। पकड़े गए शख्स से मिले इनपुट के आधार पर एटीएस की टीमें कई जगहों पर छापेमारी कर रही हैं।
अयोध्या निवासी युवक को राम मंदिर पर हमले के लिए खासतौर से चुना गया था
सुरक्षा एजेंसियां लगातार अब्दुल रहमान से पूछताछ कर रही हैं। इसने जानकारी दी है कि अयोध्या के मजनाई बाजार में इसकी अब्दुल चिकन शॉप नाम से दुकान है। दसवीं तक की पढ़ाई करने वाला अब्दुल अपने पिता के साथ मिलकर रिक्शा भी चलवाता था। पिछले दिनों वो जमात में शामिल होने के लिए दिल्ली गया था। सोशल मीडिया के जरिए इसका संपर्क आंतकी गतिविधियों में शामिल लोगों से हुआ। दस महीने पहले आईएसआई के इस्लामिक स्टेट खुरासान प्रोविंस (आईएसकेपी) मॉड्यूल से इसका जुड़ाव हो गया। अपनी चिकन शॉप पर बैठकर वीडियो कॉल के जरिए इसने ट्रेनिंग लेनी शुरू कर दी। ट्रेनिंग के दौरान इसे कई टास्क सौंपे गए। राम मंदिर पर हमले की योजना भी इन्हीं टास्क में शामिल थी। कई दूसरे धार्मिक संगठनों को भी निशाना बनाने के लिए कहा गया था। इसके मोबाइल में कई धार्मिक स्थलों के फोटो और वीडियो भी मिले हैं।
दिल्ली में मरकज में जाने की बात कहकर निकला और फरीदाबाद में जा ठहरा
पांच दिनों पहले वह अपने घर से दिल्ली मे मरकज में शामिल होने की बात कहकर निकला। लेकिन वहां से फरीदाबाद जा पहुंचा। जहां नाम बदल कर रह रहा था। पूछताछ में उसने बताया है कि उसे राम मंदिर पर हमले के लिए हैंड ग्रेनेड तो दे दिए गए लेकिन उसे अगले संदेश तक फरीदाबाद में ही ठहरने के लिए कह गया था। जांच टीमों के मुताबिक इस साजिश में अब्दुल के अलावा कुछ और लोग भी शामिल हैं। इन्हीं को दबोचने के लिए अब्दुल को दस दिन की पुलिस रिमांड पर लिया गया है।
आतंक आरोपी के घर से भी कई आपत्तिजनक दस्तावेज बरामद हुए हैं
अब्दुल की गिरफ्तारी के बाद अयोध्या में इसके घर पर भी छापा मारा गया था। छापेमारी के दौरान जब्त की गई एक पेन ड्राइव में एजेंसी को कई ‘आपत्तिजनक सामग्री’ भी मिली हैं। जिसमें प्रस्तावित हमले के ब्लूप्रिंट, संभावित टारगेट और उसके हैंडलर्स से मिलने वाले निर्देशों का ब्यौरा शामिल है। अब्दुल रहमान के पिता अबू बकर को पुलिस टीम थाने ले गई थी बाद में पूछताछ के बाद घर वापस भेज दिया था। उसका मोबाइल फोन जब्त कर लिया गया है। पड़ोसियों के मुताबिक अब्दुल रहमान पांच वक्त का नमाजी और धार्मिक रूप से कट्टर प्रवृत्ति का था। तब्लीगी जमात और मरकज में जाते-जाते वह मुस्लिम कट्टरपंथियों के संपर्क में आ गया।
सर्वाधिक खतरनाक इस्लामिक जिहादी संगठन माना जाता है आईएस-के को
-दुनिया के तमाम इस्लामिक जिहादी संगठनों में सबसे खतरनाक संगठन आईएसआईएस-के को माना जाता है। इस आतंकी संगठन का भी जन्मदाता पाकिस्तान ही है। एक प्राचीन इलाके खुरासान या खुरासान (Khorasan) के नाम पर इसका नामकरण किया गया है। फारसी में 'खुरासान' का मतलब होता है- वो जगह जहां से सूरज उगता है'। इस्लामिक स्टेट खुरासान प्रोविंस (आईएसकेपी) को आईएसआईएस-के भी कहा जाता है। ये संगठन मुख्य रूप से दक्षिण और मध्य एशिया, खासकर अफगानिस्तान और पाकिस्तान में सक्रिय रहा है। माना जाता है कि तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान, अल-कायदा और अफगान तालिबान के कुछ सदस्यों ने मिलकर इसका गठन किया था। आईएसआईएस ने जनवरी 2015 में औपचारिक रूप से इसे अपनी 'खुरासान प्रांत' शाखा के रूप में मान्यता दी थी।
आतंकी संगठन आईएसकेपी अपना मकसद पूरा करने के लिए दुनिया भर के देशों में जड़े फैलाने में जुटा है
आईएसकेपी खुद को सलाफी-जिहादी संगठन मानता है। जिसका मकसद है हिंसा के जरिए कट्टर इस्लामिक शरिया कानून के आधार पर एक वैश्विक खलीफा यानी इस्लामिक राज्य गठित करना। इस संगठन का तालिबान से खासा टकराव रहा है। अहमदिया और शिया समुदाय भी इसके निशाने पर रहे हैं। एक दौर में काबुल हवाई अड्डे पर विस्फोट करके और रूस की राजधानी मास्को कॉन्सर्ट हॉल पर हमला करके इसने दहशत फैलाई थी। इसमें अफगान और पाकिस्तानी लड़ाकों के अलावा मध्य एशियाई (ताजिक, उज्बेक) और अन्य विदेशी जिहादी भी शामिल हैं। इसकी गतिविधियां अफगानिस्तान, पाकिस्तान, ईरान और सीरिया से संचालित होती रही हैं।
भारत में पैठ बनाने की आईएसकेपी के कोशिशें लंबे वक्त से जारी हैं
आईएसआईएस-के की मान्यता है कि उसकी सीमाएं महज अफगानिस्तान या ईरान ही नहीं बल्कि भारत से भी जुड़ी हैं। और यहां कब्जा करने के मकसद से इसी 'खुरासान' मॉडल के तहत क्रूर आतंकी संगठन ने भारत में भी पैठ बनानी शुरू कर दी थी। इसकी गतिविधियों का बड़ा केंद्र केरल रहा था। जहां से दर्जनों नौजवान देश छोड़कर आईएसआईएस में शामिल हो चुके हैं। इनमें महिलाएं भी शामिल रही हैं। 2017 में भारत में पहली बार मध्य प्रदेश के उज्जैन में हुए ट्रेन धमाके में इस खुरासान मॉडल का नाम उजागर हुआ था।
यूपी में युवाओं को बरगलाकर आतंकी वारदातों में शामिल कराने की मुहिम जारी है
साल 2017 में यूपी की राजधानी लखनऊ में एक पुलिसिया मुठभेड़ में सैफुल्लाह नाम के संदिग्ध आतंकी को ढेर कर दिया गया था। यूपी में आईएसआईएस के लिए आतंकियों की भर्ती का जिम्मा सैफुल्लाह को मिला हुआ था। देश के अलग-अलग हिस्सों से खुरासान मॉडल के कई आतंकी पकड़े जा चुके हैं। जब यूपी में सीएए के विरोध में हिंसा भड़की थी तब उसमें इस्लामिक संगठन पीएफआई के साथ ही आईएसआईएस से जुड़े लोगों की भूमिका सामने आई थी। भारत में खुरासान मॉडल के तहत आतंकी सोशल मीडिया और एडवांस इंटरनेट एप्स के जरिये एक-दूसरे के संपर्क बनाते हैं। सुरक्षा एजेंसियों के मुताबिक इंडियन मुजाहिदीन पर भारत में प्रतिबंध लगने के बाद उसके ज्यादातर सदस्यों ने आईएसआईएस से नाता जोड़ लिया।
अब्दुल रहमान की गिरफ्तारी के बाद यूपी में सुरक्षा एजेंसियों की सक्रियता में हुआ इजाफा
हरियाणा में आंतकी की गिरफ्तारी और राम मंदिर पर हमले की योजना के खुलासे के बाद यूपी एटीएस और एसटीएफ की टीमें विशेष तौर से सतर्क हो गई हैं। मिल्कीपुर क्षेत्र से मरकज, तब्लीगी जमात में जाने वालों के साथ अयोध्या शहर में इन संगठनों से जुड़े लोगों की छानबीन की जा रही है। अयोध्या तो पहले से ही आतंकी संगठनों के निशाने पर रहा है। पर अब रामनगरी के साथ अन्य धार्मिक स्थलों के बाबत भी गहरी साजिश के संकेत मिले हैं। आशंका जताई जा रही है कि अब्दुल रहमान सरीखे युवाओं के सहारे आतंकी संगठन बड़ी साजिश का कुचक्र रच रहे थे, जिसका भंडाफोड़ हुआ है। जांचकर्ताओं को आशंका है कि ये हमला ‘बहुत जल्द’ होने वाला था। फिलहाल एटीएस की टीमें यूपी के कई हिस्सों में छापेमारी कर रही हैं। आतंकी संगठनों के स्लीपिंग माड्यूल्स को नेस्तानाबूद करने की कवायद जारी हैं।