गाजियाबाद: सरकार लोगों की सुविधा के लिए योजनाएं बनाती है, लेकिन अधिकारी-कर्मचारी ही इन योजनाओं पर पलीता लगाने में जुटे हुए हैं. मामला लोनी स्वास्थ्य केन्द्र का है. जहां इलाज कराने आये लोगों ने विभाग के मौजूदा डॉक्टरों पर अवैध वसूली के गंभीर आरोप लगाए हैं.
उत्तर प्रदेश के योगी सरकार में सख़्त निर्देशों के बाद भी विभाग में लोगों से वसूली की जा रही है. सरकार लोगों तक इलाज पहुंचना के लिए योजनाएं बनाकर उन्हें सहारा देते की कोशिश करती है, लेकिन शायद उन तक ये फायदा पहुंच नहीं पा रहा.
मामला गाज़ियाबाद के लोनी स्वास्थ्य केन्द्र का है. आरोप है कि यहां इलाज कराने आये लोगों से विभाग के मौजूदा डॉक्टर अवैध वसूली कर रहे हैं. जानकारी के मुताबिक, लोगों से डिलीवरी के दौरान, इमरजेंसी में वसूली की जा रही है. साथ ही साथ पंजीकरण शुल्क 1 रुपये होने के बावजूद भी उनसे पांच रुपये वसूले जा रहे हैं.
लोनी स्वास्थ्य केन्द्र बना रिश्वत का अड्डा!
जानकारी के मुताबिक, लोनी अस्पताल में इलाज करवाने आई महिला के पति को किसी ने संविदा कर्मी डॉक्टर बता कर अपना संपर्क सूत्र देकर बाहर जांच के लिए भेज दिया. वहीं महिला के पति के विरोध करने पर सीएससी लोनी में हड़कम मच गया. जिसके बाद अस्पताल में इलाज करवाने आए लोगों ने अवैध वसूली को लेकर प्रदर्शन किया और उच्च अधिकारी को शिकायत सौंपी.
फिलहाल, सीएससी लोनी प्रभारी ने पीड़ित से तहरीर ले ली है और प्रभारी ने उचित जांच की बात कही है. लेकिन बताया जा रहा है कि पहले भी कई बार इस मामले को लेकर शिकायत दी गई पर कोई कार्रवाई नहीं हुई इसलिए ये रिश्वत का खेल अभी भी जारी है. अब देखने वाली बात ये होगी कि वसूली का ये खेल कब बंद होगा और लोगों को कब राहत मिलेगी.