CM योगी ने आकांक्षात्मक विकास खंडों की प्रगति पर जताई संतुष्टि, अंत्योदय लक्ष्य को जल्द पूरा करने के निर्देश
ब्यूरो: UP NEWS: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने आकांक्षात्मक जनपदों और आकांक्षात्मक विकास खंडों में आए बदलाव का स्थलीय परीक्षण करने के लिए वरिष्ठ अधिकारियों को भ्रमण पर भेजने के निर्देश दिए हैं। बुधवार को आकांक्षात्मक जनपद और आकांक्षात्मक विकास खंड कार्यक्रम की समीक्षा करते हुए मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए कि 08 आकांक्षात्मक जनपदों में प्रमुख सचिव/सचिव स्तर के 08 अलग-अलग अधिकारियों को 3 दिन के दौरे पर भेजा जाए, इसी तरह, 108 आकांक्षात्मक जनपदों में भ्रमण के लिए विशेष सचिव स्तर के 108 अधिकारियों को भेजा जाए। मुख्यमंत्री की मंशा है कि ये अधिकारी इन कार्यक्रमों के प्रारंभ से अब तक इन क्षेत्रों में आए वास्तविक बदलाव का स्थलीय निरीक्षण करें और विस्तृत रिपोर्ट तैयार करें। भ्रमण के लिए प्रमुख सचिव/सचिव तथा विशेष सचिव की सूची मुख्यमंत्री कार्यालय द्वारा तैयार की जाएगी।
मुख्यमंत्री ने बुधवार को आयोजित उच्चस्तरीय बैठक में उत्तर प्रदेश के आकांक्षात्मक जनपदों एवं आकांक्षात्मक विकास खंडों की अद्यतन स्थिति की गहन समीक्षा की। उन्होंने कहा कि नीति आयोग द्वारा संचालित इन कार्यक्रमों के माध्यम से शासन की प्राथमिकता अंतिम पंक्ति के व्यक्ति तक सेवा एवं विकास की पहुंच सुनिश्चित करना है। मुख्यमंत्री ने इन कार्यक्रमों को "अंत्योदय" की संकल्पना का जीवंत उदाहरण बताते हुए प्रत्येक जनपद एवं विकास खंड को सतत निगरानी और परिणाम आधारित रणनीति से आगे बढ़ाने के निर्देश दिए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि आकांक्षात्मक जनपदों में निरंतर प्रयास, समीक्षा और अनुश्रवण के कारण उल्लेखनीय सुधार देखने को मिल रहा है। यह संतोषजनक है कि देश के प्रथम 10 आकांक्षात्मक जनपदों में उत्तर प्रदेश के 6 जनपद सम्मिलित हैं। स्वास्थ्य एवं पुष्टाहार क्षेत्र में बलरामपुर, सिद्धार्थनगर, चंदौली, सोनभद्र, श्रावस्ती और फतेहपुर देश के टॉप-10 जिलों में शामिल हैं। इसी प्रकार, शिक्षा के क्षेत्र में बलरामपुर, सोनभद्र, श्रावस्ती, सिद्धार्थनगर और चित्रकूट ने भी देश स्तर पर शीर्ष 10 में स्थान बनाया है। वित्तीय समावेशन एवं कौशल विकास श्रेणी में सिद्धार्थनगर पांचवें स्थान पर है।
बैठक में आकांक्षात्मक विकास खंडों की प्रगति पर भी चर्चा की गई। बताया गया कि ब्लॉक डेवेलपमेंट स्ट्रेटेजी के सफल क्रियान्वयन का परिणाम है कि मार्च 2024 में 21 इंडिकेटर्स में 108 आकांक्षात्मक विकास खंडों का औसत प्रदर्शन राज्य औसत से बेहतर रहा। मार्च 2025 में यह संख्या बढ़कर 24 इंडिकेटर्स तक पहुंच गई है। इतना ही नहीं, 3 इंडिकेटर्स में प्रदेश के सभी 108 विकास खंडों की प्रगति राज्य औसत से अधिक हो गई है। वहीं 19 इंडिकेटर्स में कम प्रगति करने वाले विकास खंडों की संख्या में भी उल्लेखनीय कमी आई है। मुख्यमंत्री ने इसे राज्य के लिए बड़ी उपलब्धि बताते हुए इस प्रगति को बनाए रखने के निर्देश दिए।
प्रगति रिपोर्ट में बताया गया कि मार्च 2023 से मार्च 2024 की अवधि में ओवरऑल डेल्टा रैंकिंग में औरई (संत रविदास नगर) विकास खंड ने प्रथम स्थान प्राप्त किया है। स्वास्थ्य एवं पोषण श्रेणी में रिछा (बरेली) ने, शिक्षा में चहनिया (चंदौली) ने, कृषि एवं संबद्ध सेवाओं में सलारपुर (बदायूं) ने, आधारभूत अवसंरचना में खेसरहा (सिद्धार्थनगर) ने और सामाजिक विकास श्रेणी में शुकुलबाजार (अमेठी) ने शीर्ष स्थान हासिल किया।
मुख्यमंत्री ने आकांक्षात्मक विकास खंडों में तैनात सीएम फेलो की जिम्मेदारी और जवाबदेही सुनिश्चित करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि सीएम फेलो के कार्यों की साप्ताहिक मॉनिटरिंग हो। मुख्यमंत्री ने कहा कि अब इनकी तैनाती के लगभग ढाई वर्ष हो चुके हैं। तीन वर्ष का कार्यकाल पूरा होने पर इनकी रैंकिंग तैयार की जाए। राज्य सरकार, सीएम फेलो को शासकीय सेवा में आने पर वेटेज भी देगी। इस संबंध में नियमावली तैयार की जा रही है।
समीक्षा बैठक में मुख्यमंत्री ने कहा कि आकांक्षात्मक जनपदों और विकास खंडों में बीडीओ, सीडीओ, चिकित्साधिकारी, पशु चिकित्साधिकारी, एडीओ पंचायत, खंड शिक्षाधिकारी और अन्य महत्वपूर्ण पद रिक्त न रहें। जहां भी पद रिक्त हैं, बिना विलंब तैनाती की जाए। उन्होंने यह भी कहा कि इन क्षेत्रों में योजनाओं के सुचारु क्रियान्वयन के लिए माइक्रो प्लानिंग की जाए और नियमित अनुश्रवण हो। मुख्यमंत्री ने कहा कि जिलों में जनपद स्तरीय बैंकर्स कमेटी और राज्य स्तर पर राज्य स्तरीय बैंकर्स कमेटी की नियमित अंतराल पर बैठक होती रहे। वित्तीय समावेशन के लिए बैंकों से समन्वय बनाए रखें।
मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार का स्पष्ट लक्ष्य है कि किसी भी जनपद, ब्लॉक या व्यक्ति को विकास के लाभ से वंचित न रखा जाए। आकांक्षात्मक जनपद और विकास खंड जैसे कार्यक्रम ‘सबका साथ, सबका विकास’ को धरातल पर उतारने का प्रभावी माध्यम बन रहे हैं और उत्तर प्रदेश इस दिशा में एक राष्ट्रीय मॉडल के रूप में स्थापित हो रहा है।