लखनऊ: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सोमवार को एक उच्च स्तरीय बैठक की अध्यक्षता की. इस बैठक में सीएम ने निराश्रित गोवंश आश्रय स्थलों के प्रबंधन और प्रदेश में दुग्ध उत्पादन/संग्रह की ताजा स्थिति की समीक्षा की. साथ ही मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को आवश्यक दिशा-निर्देश दिए.
मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को दिए निर्देश
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार पशु संवर्धन, संरक्षण के लिए लगातार कोशिशें कर रही है. गोवंश के साथ-साथ सभी पशुपालकों के प्रोत्साहन के लिए सरकार ने कई योजनाएं चलाई हैं. सीएम ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि पात्र लोगों को इसका लाभ मिलना सुनिश्चित कराया जाए. सीएम ने बताया कि बीते 20 जनवरी से 31 मार्च तक 1.23 लाख गोवंश संरक्षित किए गए हैं. सीएम ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि ये सुनिश्चित किया जाए कि प्रदेश के सभी ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में कोई भी गोवंश निराश्रित न हो.
प्रयोग में लाएं डीबीटी प्रणाली- सीएम
सीएम ने अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि डीबीटी प्रणाली उपयोग में लाई जाए. हर महीने की 25 से 30 तारीख तक गोवंश का सत्यापन करते हुए विकासखंड स्तर पर पशुपालन अधिकारी और एडीओ पंचायत/बीडीओ जिला प्रशासन को रिपोर्ट भेजें. इसके बाद, अगले महीने 5 तारीख तक मुख्य पशुपालन अधिकारी और मुख्य विकास अधिकारी शासन को रिपोर्ट भेजें. इससे ये सुनिश्चित किया जाए कि गोवंश के लिए जारी धनराशि का सदुपयोग हो रहा है या नहीं.
गोवंश संरक्षण के लिए प्रदेश सरकार कर रही काम
गोवंश संरक्षण के लिए प्रदेश में वृहद संरक्षण केंद्र बनाए जा रहे हैं. फिलहाल 274 वृहद गोवंश संरक्षण केंद्र क्रियाशील हो गए हैं और आगामी 6 महीने में बाकी 75 वृहद गोवंश स्थल तैयार कर लिए जाएंगे. सीएम ने निर्देश देते हुए कहा कि गोवंश संरक्षण स्थलों पर केयर टेकर की तैनाती हो. गायों को समय-समय पर घुमाने भी ले जाया जाए. गोवंश की बीमारी/मृत्यु की दशा में ये केयर टेकर सभी आवश्यक व्यवस्था सुनिश्चित करेंगे. इसके अलावा गोवंश संरक्षण के लिए संचालित मुख्यमंत्री सहभागिता योजना के अच्छे आशातीत परिणाम मिले हैं. अब तक 17 लाख 74 हजार से अधिक गोवंश इस योजना के तहत आमजन को सौंपे गए. गोवंश की सेवा कर रहे सभी परिवारों को हर महीने 900 रुपये दिए जाएं. डीबीटी के माध्यम से धनराशि सीधे परिवार को भेजी जाए.
अंत्येष्टि स्थल और श्मशान घाट पर उपयोग किया जाए गोवंश उपला और गोइठा
सीएम ने बैठक में ये भी कहा कि श्मशान घाट में इस्तेमाल होने वाली कुल लकड़ी में 50 फीसदी गोवंश उपला और गोइठा का उपयोग किया जाए और ये निराश्रित गोवंश स्थल से उपलब्ध कराया जाएगा. गोइठा से होने वाली आय उस गोवंश स्थल के प्रबंधन में उपयोग की जाए. साथ ही सभी नगर निगमों और नगर पालिका वाले जिला मुख्यालयों पर कैटल कैचर वाहन की उपलब्धता सुनिश्चित की जाए.
राज्य सरकार ने कानपुर, मुरादाबाद, गोरखपुर, आजमगढ़ और प्रयागराज में निजी क्षेत्र के सहयोग से नए डेयरी प्लांट स्थापित करने का फैसला लिया है. सीएम ने कहा जिसके लिए मंत्रिपरिषद के फैसले के अनुसार आवश्यक कार्य किया जाए. दुग्ध और दुग्ध पदार्थों की ऑनलाइन बिक्री की व्यवस्था के लिए ई-कॉमर्स पोर्टल paragdairy.com काफी सफल साबित हो रहा है. प्रदेश के शहरी क्षेत्रों में पराग मित्र और ग्रामीण क्षेत्रों में महिला स्वयं सहायता समूहों के माध्यम से ऑनलाइन दूध और दुग्ध उत्पादों को बेचा जा रहा है. ई-कॉमर्स पोर्टल के जरीए अब तक 71,068 उपभोक्ता, 89 महिला स्वंय सहायता समूह और 215 पराग मित्र जोड़े जा चुके हैं. ई-कॉमर्स पोर्टल के माध्यम से लगभग 6 करोड़ का व्यवसाय किया गया है. इसे और मजबूत बनाने के लिए काम किया जाए.