Lucknow: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ शुक्रवार को गोरखपुर से स्वदेशी मेले का औपचारिक शुभारंभ करेंगे। स्वदेशी मेले का उद्देश्य स्थानीय उत्पादों को प्रोत्साहन देना, उद्योगों को बढ़ावा देना और ‘वोकल फॉर लोकल’ के संकल्प को जन-जन तक पहुंचाना है। हालांकि, कई जनपदों में गुरुवार को ही स्वदेशी मेले की अनौपचारिक शुरुआत हो गई है। हालांकि, इसकी औपचारिक शुरुआत मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के द्वारा शुक्रवार को की जाएगी। दस दिवसीय स्वदेशी मेलों का आयोजन शहर के व्यवसायिक दृष्टि से महत्वपूर्ण और उपयुक्त स्थलों पर किया जा रहा है, ताकि आम जनता सुगमता से पहुंच सके और सक्रिय रूप से सहभागिता कर सके।
उल्लेखनीय है कि यूपी इंटरनेशनल ट्रेड शो 2025 के अंतर्गत जनपद स्तर पर स्वदेशी मेलों के आयोजन के निर्देश जारी किए गए हैं। आयोजन के दौरान जनपद के प्रभारी मंत्री समेत अन्य जनपद प्रतिनिधियों को अनिवार्य रूप से आमंत्रित किया गया है। प्रत्येक जनपद के उपायुक्त उद्योग नोडल अधिकारी के रूप में मेले की व्यवस्था देखेंगे और जिलाधिकारी से मार्गदर्शन प्राप्त करते हुए मेले की गरिमा एवं गुणवत्तापूर्ण आयोजन सुनिश्चित कर रहे हैं।
उपलब्ध कराए गए निशुल्क स्टॉल
स्वदेशी मेला में उद्योग विभाग, खादी एवं ग्रामोद्योग बोर्ड, माटी कला बोर्ड, हथकरघा एवं वस्त्रोद्योग विभाग, रेशम विभाग, ग्रामीण आजीविका मिशन, सीएम युवा, ओडीओपी, विश्वकर्मा श्रम सम्मान योजना, पीएमईजीपी, मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना के लाभार्थियों, वित्त पोषित इकाईयों, स्वयं सहायता समूहों और अन्य उत्पादकों को निःशुल्क स्टॉल उपलब्ध कराए गए हैं। इसके अतिरिक्त, पूर्व में उपलब्ध कराए गए जन उपयोगी योजनाओं/कार्यक्रमों के स्टॉल भी लगवाए गए हैं। मेले में वस्तुओं एवं सेवाओं के क्रय के लिए जेम पोर्टल का उपयोग अनिवार्य रूप से किया गया है।
स्वदेशी मेले बनेंगे जीएसटी बचत उत्सव का आधार
स्वदेशी मेले को जीएसटी बचत उत्सव के रूप में भी मनाया जा रहा है। केन्द्र और राज्य सरकार द्वारा की गई जीएसटी दरों में कमी की जानकारी आम जनता तक पहुंचाई जा रही है, ताकि वे दीपावली और अन्य अवसरों पर अपने दैनिक उपयोग की वस्तुएं खरीद सकें। कार्यक्रम को उल्लासपूर्ण और रोचक बनाने के लिए स्थानीय स्तर पर संस्कृति विभाग, युवक मंगल दल, नेहरू युवा केंद्र, विभिन्न शैक्षिक एवं स्वैच्छिक संस्थाओं के समन्वय और सहयोग से सामाजिक तथा सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे।
स्थानीय कारीगरों, उद्यमियों को मिलेगा मंच
इन मेलों में स्थानीय कारीगरों, उद्यमियों, स्वयं सहायता समूहों, हस्तशिल्पियों और ग्रामीण उद्योगों को अपनी कला और उत्पाद प्रदर्शित करने का मंच मिलेगा। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश के 75 जिलों में सजने वाले ये मेले दिवाली के पूर्व “वोकल फॉर लोकल” अभियान को जन आंदोलन का स्वरूप देंगे, जिससे ग्रामीण और शहरी दोनों अर्थव्यवस्थाओं को नई दिशा मिलेगी। प्रदेश सरकार का उद्देश्य केवल उत्पादों की प्रदर्शनी तक सीमित नहीं है, बल्कि छोटे कारीगरों और उद्यमियों को आर्थिक सहयोग एवं बाजार से सीधा जुड़ाव दिलाना है।