Sunday 9th of March 2025

CM योगी ने सुनाई नाविक पिंटू की सक्सेस स्टोरी, घर की महिलाओं के गहने बेच खरीदी 70 नावें, महाकुंभ में कमाए 30 करोड़

Reported by: PTC News उत्तर प्रदेश Desk  |  Edited by: Md Saif  |  March 06th 2025 10:44 AM  |  Updated: March 06th 2025 10:44 AM

CM योगी ने सुनाई नाविक पिंटू की सक्सेस स्टोरी, घर की महिलाओं के गहने बेच खरीदी 70 नावें, महाकुंभ में कमाए 30 करोड़

ब्यूरो: Prayagraj: प्रयागराज महाकुम्भ धार्मिक आस्था और अध्यात्म के साथ-साथ लाखों लोगों की जीविका और कारोबार का बड़ा मंच साबित हुआ है। ऑटो चलाने वाले, खाने-पीने की दुकान लगाने वालों से लेकर नाव चलाने वाले लाखों लोगों की जिंदगी इस महाकुम्भ ने बदल दी। ऐसे ही एक नाविक परिवार की सक्सेस स्टोरी का जिक्र यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ ने विधानसभा के बजट सत्र में किया है, जो प्रयागराज का रहने वाला है।

  

130 नाव वाले परिवार की कमाई 30 करोड़

प्रयागराज महाकुम्भ के 45 दिनों के मंथन से वैसे तो उपलब्धियों के रिकॉर्ड रूपी कई रत्न निकले, लेकिन सीएम योगी ने मंगलवार को प्रदेश की विधानसभा में जिस नौका रत्न की जानकारी दी, उसने हर किसी का ध्यान उस नाविक परिवार की तरफ खींचा है जिसने महाकुम्भ के 45 दिन में 30 करोड़ की कमाई की। यह नाविक है प्रयागराज के अरैल इलाके में रहने वाला पिंटू महरा। प्रयागराज में त्रिवेणी के किनारे स्थित गांव अरैल के रहने वाले इस नाविक के एक फैसले ने पूरे परिवार की जिंदगी बदल दी। जब महाकुम्भ खत्म हुआ, तो पिंटू करोड़पतियों की कतार में शामिल हो गया। पिंटू महरा का कहना है कि उसने 2019 के योगी सरकार के दिव्य और भव्य कुम्भ में नाव चलाई थी। उस कुम्भ से ही उसका अनुमान हो गया था कि इस बार के महाकुम्भ में बहुत श्रद्धालुओं की भीड़ आने वाली है। इसीलिए महाकुम्भ के पहले अपने पूरे परिवार के लिए 70 नावें खरीदी। पहले से उसके सौ से अधिक सदस्यों वाले परिवार में 60 नाव थीं। इस तरह इन 130 नावों को उसने महाकुम्भ में उतार दिया, जिससे उनके परिवार को इतनी कमाई करा दी कि अब इससे कई पीढ़ियों का जीवन स्तर सुधार जाएगा।

 

नाविकों की जिंदगी के खेवनहार बने योगी और मोदी

पिंटू महरा और उसके परिवार का कहना है कि योगी और मोदी जी के प्रयास से आयोजित हुए इस दिव्य, भव्य और डिजिटल महाकुम्भ ने उनकी ही नहीं, बल्कि हजारों नाव चलाने वाले परिवारों की जिंदगी बदल दी। पिंटू महरा बताते हैं कि उन्हें ही नहीं, बल्कि आसपास के हजारों नाविकों की जिंदगी इस महाकुम्भ ने बदल दी। जिन्होंने भी कर्ज लेकर नावें खरीदी, वो सब अब लखपति बनकर घूम रहे हैं। पिंटू की मां शुक्लावती देवी की आँखें यह बताते हुए नम हो जाती हैं कि उनके पति की मौत के बाद आर्थिक स्थिति ठीक नहीं थी। पूरा परिवार परेशान था। ऐसे में महाकुम्भ हमारे लिए संकट मोचक बनकर आया। योगी जी ने जिस तरह से इस महाकुम्भ का आयोजन कराया, उससे इतनी अधिक संख्या में लोग त्रिवेणी में डुबकी लगाने आए और उसी से हमारी कमाई हुई।

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