Tuesday 16th of September 2025

ई-चालानों में बड़ी राहत, 2017 से 2021 तक के गैर-कर चालान होंगे खत्म

Reported by: Gyanendra Kumar Shukla, Editor, PTC News UP  |  Edited by: Mangala Tiwari  |  September 16th 2025 04:44 PM  |  Updated: September 16th 2025 04:44 PM

ई-चालानों में बड़ी राहत, 2017 से 2021 तक के गैर-कर चालान होंगे खत्म

Lucknow: उत्तर प्रदेश परिवहन विभाग ने जनता को बड़ी राहत दी है। विभाग ने 2017 से 2021 तक के गैर-कर ई-चालानों को समाप्त करने का फैसला लिया है। अब इन चालानों को पोर्टल पर “Disposed – Abated” (यदि मामला कोर्ट में लंबित था) और “Closed – Time-Bar” (यदि कार्यालय में लंबित था और समय-सीमा निकल चुकी है) की श्रेणी में दिखाया जाएगा। साथ ही इन चालानों से जुड़े फिटनेस, परमिट, वाहन ट्रांसफर और एचएसआरपी (हाई सिक्योरिटी रजिस्ट्रेशन प्लेट) जैसे अवरोध भी स्वतः हट जाएंगे। हालांकि, टैक्स से जुड़े चालान इस राहत के दायरे से बाहर रहेंगे।

एक महीने में पूरा होगा काम

विभाग के अनुसार यह पूरी प्रक्रिया 30 दिनों में पूरी कर दी जाएगी। इसके बाद वाहन स्वामी पोर्टल पर जाकर अपनी चालान स्थिति देख सकेंगे। कोर्ट में लंबित प्रकरण “Disposed – Abated” और ऑफिस लेवल पर समय-सीमा निकल चुके प्रकरण “Closed – Time-Bar (Non-Tax)” के रूप में दर्ज होंगे। विभाग ने साफ किया है कि यह केवल क्लोजर है यानि न तो किसी को रिफंड मिलेगा और न ही पुराने चालान दोबारा खोले जाएंगे।

30 लाख से ज्यादा ई-चालान प्रभावित

आंकड़ों के मुताबिक 2017 से 2021 के बीच 30.52 लाख ई-चालान बने थे। इनमें से 17.59 लाख का निस्तारण पहले ही हो चुका है, जबकि 12.93 लाख चालान लंबित थे। लंबित चालानों में 10.84 लाख कोर्ट में और 1.29 लाख ऑफिस लेवल पर पेंडिंग थे। अब इन सभी का डिजिटल निस्तारण समय-सीमा में पूरा किया जाएगा। फ्रंट-एंड पर सभी अवरोध हटेंगे, जबकि बैक-एंड पर पूरा रिकॉर्ड और ऑडिट ट्रेल सुरक्षित रहेगा।

जनता को क्या करना है?

▪️यदि आपका चालान 2017–2021 का है और पोर्टल पर अभी भी लंबित या कोई ब्लॉक दिखा रहा है, तो एक महीने बाद ई-चालान/परिवहन पोर्टल पर जाकर स्थिति जांचें।

▪️अगर मामला कोर्ट में पेंडिंग था, तो “Disposed – Abated” दिखेगा और सभी अवरोध हट जाएंगे।

▪️अगर चालान कोर्ट भेजा ही नहीं गया था और समय-सीमा निकल चुकी है, तो “Closed – Time-Bar (Non-Tax)” दिखेगा और उससे जुड़े ब्लॉक हट जाएंगे।

▪️टैक्स वाले मामलों में यह राहत लागू नहीं होगी और वे केवल टैक्स कानून के तहत ही निस्तारित होंगे।

▪️मदद के लिए हेल्पलाइन 149 या नजदीकी RTO/ARTO से संपर्क किया जा सकता है।

क्यों ज़रूरी था यह फैसला?

इस फैसले के तहत केवल उन्हीं चालानों को माफ (abated) किया जाएगा जो 31 दिसंबर 2021 तक कोर्ट में लंबित थे। वहीं, जो चालान कभी कोर्ट नहीं भेजे गए और अब समय-सीमा पार कर चुके हैं, उन्हें भी प्रशासनिक रूप से बंद किया जाएगा। टैक्स से जुड़े चालान, गंभीर अपराध, दुर्घटना या IPC से जुड़े मामले इस राहत से बाहर रहेंगे। यह निर्णय कानून का पालन सुनिश्चित करने, जनता को अनावश्यक चालानों और ब्लॉकों से राहत देने, सेवाओं को समय पर उपलब्ध कराने और पूरी प्रक्रिया को पारदर्शी बनाने के लिए लिया गया है।

समय-सीमा और निगरानी

30 दिनों के भीतर सभी पेंडिंग चालानों का पोर्टल पर निपटारा दिखेगा। इसके लिए हर हफ्ते एक डैशबोर्ड पर प्रगति रिपोर्ट डाली जाएगी। एनआईसी पोर्टल में जरूरी बदलाव कर रहा है ताकि पूरी प्रक्रिया पारदर्शी और सुरक्षित रहे। टैक्स से जुड़ी देनदारियां, पहले से जमा जुर्माना और कोर्ट आदेश यथावत रहेंगे।

परिवहन आयुक्त का बयान

परिवहन आयुक्त ब्रजेश नारायण सिंह ने कहा कि यह निर्णय कानूनन सही, जन-हितैषी और पारदर्शी प्रशासन की प्रतिबद्धता का प्रतीक है। हमारा लक्ष्य है कि नागरिकों को सुगमता, सुरक्षा और सम्मानजनक सेवा अनुभव मिले। सभी अधिकारी और कर्मचारी तय समय-सीमा में शत-प्रतिशत अनुपालन सुनिश्चित करें।

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