ब्यूरो: UP News: राजधानी में अपराध पर नकेल कसने के लिए पुलिस ने नया दांव खेला है। अपराधियों की धरपकड़ और निगरानी के लिए "ईगल मोबाइल" नाम से विशेष टीमें गठित की गई हैं। ये टीमें न केवल अपराधियों पर पैनी नजर रखेंगी, बल्कि रोजाना उनके डोजियर तैयार करेंगी और घर-घर जाकर उनकी पहचान की पुष्टि करेंगी। लखनऊ के 51 थानों में इन टीमों को तैनात किया गया है, जिनमें एक हेड कांस्टेबल और एक कांस्टेबल शामिल हैं। इस अभियान की कमान डीसीपी क्राइम को सौंपी गई है, जो नोडल अधिकारी के तौर पर काम करेंगे।
पुलिस ने ईगल मोबाइल टीम की निगरानी के लिए डीसीआरबी में एक समर्पित कंट्रोल रूम स्थापित करने का भी फैसला किया है। पुलिस कमिश्नर अमरेंद्र कुमार सेंगर ने बताया कि इस टीम को 'क्रिमिनल सर्विलांस एंड मॉनिटरिंग यूनिट' के नाम से भी जाना जाएगा। टीम के सदस्यों को दोपहिया वाहन उपलब्ध कराए गए हैं, ताकि वे हिस्ट्रीशीटर और शातिर अपराधियों तक आसानी से पहुंच सकें।
20 डोजियर रोजाना, डिजिटल ट्रैकिंग
पुलिस कमिश्नर के मुताबिक, ईगल मोबाइल टीम को हर दिन 20 अपराधियों के डोजियर तैयार करने होंगे। इन डोजियर को स्कैन कर डीसीआरबी को भेजा जाएगा और त्रिनेत्र ऐप पर अपलोड किया जाएगा। इसके लिए एक विशेष व्हाट्सएप ग्रुप भी बनाया गया है, जहां टीमें अपनी दैनिक रिपोर्ट साझा करेंगी। इस टीम का एकमात्र मिशन अपराधियों की निगरानी है, और इन्हें कोई अन्य जिम्मेदारी नहीं दी जाएगी। डीसीपी क्राइम इनके कामकाज की नियमित समीक्षा करेंगे। पुलिस कमिश्नर ने दावा किया कि ईगल मोबाइल टीम की सक्रियता से अपराधियों में खौफ पैदा होगा और लखनऊ में अपराध की वारदातों पर प्रभावी अंकुश लगेगा।