लखनऊ: सरकार समीक्षा अधिकारी और सहायक समीक्षा अधिकारी की परीक्षा 27 जुलाई को कराने जा रही है। परीक्षा को सकुशल संपन्न कराने और शुचिता, पारदर्शिता बनाए रखने के लिए अधिकारियों को आवश्यक दिशा-निर्देश दिये गये हैं। प्रदेश भर में परीक्षा को लेकर तैयारियां तेज कर दी गयीं हैं। प्रदेश के 75 जिलों में आयोजित होने वाली परीक्षा में करीब 10 लाख 76 हजार 4 अभ्यर्थी हिस्सा लेंगे। इसके लिए प्रदेशभर में 2 हजार से अधिक परीक्षा केंद्र बनाए जा रहे हैं।
सकुशल और पारदर्शी परीक्षा संपन्न कराने के लिए की जा रही विशेष तैयारियां
परीक्षा केंद्रों के चयन और निर्धारण के लिए मानक निर्धारित किए गए हैं। इसके लिए जिलाधिकारी की अध्यक्षता में एक उच्चस्तरीय समिति का गठन किया गया है, जिसमें वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक, अपर जिलाधिकारी, जिला विद्यालय निरीक्षक, तकनीकी शिक्षा अधिकारी समेत अन्य जिम्मेदार अधिकारी शामिल हैं। समिति के माध्यम से परीक्षा केंद्रों का निर्धारण दो श्रेणियों में किया गया है। इसमें श्रेणी 'ए' में सरकारी या राजकीय सहायता प्राप्त उच्च माध्यमिक विद्यालय, राजकीय महाविद्यालय, विश्वविद्यालय, पॉलिटेक्निक संस्थान और राजकीय मेडिकल कॉलेज सम्मिलित किए जाएंगे। वहीं श्रेणी 'बी' में पूर्व से परीक्षाओं में श्रेष्ठ प्रदर्शन करने वाले प्रतिष्ठित निजी संस्थानों का चयन किया जाएगा।
बस स्टैंड, रेलवे स्टेशन और कोषागार से 10 किमी की परिधि में होंगे परीक्षा केंद्र
परीक्षा के लिए कुल 2,242 केंद्र 480 अभ्यर्थियों की बैठने की क्षमता वाले और 2,803 केंद्र 384 अभ्यर्थियों की बैठने की क्षमता वाले चिन्हित किए गए हैं। वहीं अब तक 75 में से 63 जनपदों से प्राप्त आंकड़ों के अनुसार 1,750 केंद्रों के माध्यम से 7,63,532 अभ्यर्थियों की बैठने की व्यवस्था सुनिश्चित हुई है जबकि शेष 3,12,472 अभ्यर्थियों के लिए केंद्र चिन्हित किये जा रहे हैं। मानक के अनुसार, परीक्षा केंद्र बस स्टैंड, रेलवे स्टेशन या कोषागार से 10 किलोमीटर की परिधि में होंगे। केंद्र का चयन नगरीय क्षेत्र में ही होगा ताकि अभ्यर्थियों को परिवहन और मूलभूत सुविधाएं आसानी से उपलब्ध हो सकें। इसके अलावा, एक पॉली में अधिकतम 5 लाख अभ्यर्थियों तक की सीमा रखी गई है, जिससे परीक्षा का संचालन सुगमता से हो सके। वहीं यदि किसी जिले में परीक्षार्थियों की संख्या बहुत अधिक होती है, तो परीक्षा को दो पालियों में आयोजित किया जाएगाा।
सीएम योगी की सख्त निगरानी, खुद करेंगे नियमित समीक्षा
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ परीक्षा को प्रदेश में सुशासन और प्रशासनिक पारदर्शिता बनाने के उद्देश्य से खुद इसकी नियमित समीक्षा करेंगे। इसके साथ ही सुरक्षा व्यवस्था के लिए पुलिस बल की तैनाती, सीसीटीवी निगरानी, फ्लाइंग स्क्वॉड और गोपनीय जांच टीमें तैनात की जाएंगी। परीक्षा केंद्रों के आसपास निषेधाज्ञा लागू रहेगी और किसी भी अव्यवस्था या अनुचित गतिविधि पर त्वरित कार्रवाई सुनिश्चित की जाएगी। सीएम योगी के नेतृत्व में प्रदेश सरकार की यह पहल न केवल उत्तर प्रदेश में निष्पक्ष परीक्षा प्रणाली को स्थापित करेगी, बल्कि योग्यता और पारदर्शिता के नए मानक भी तय करेगी।