Wednesday 16th of July 2025

मॉडल बनेंगे उत्कृष्ट आंगनबाड़ी केंद्र, दूसरे केंद्रों के लिए तैयार होंगे अनुकरणीय उदाहरण

Reported by: Gyanendra Kumar Shukla, Editor, PTC News UP  |  Edited by: Mohd. Zuber Khan  |  July 15th 2025 08:01 PM  |  Updated: July 15th 2025 08:01 PM

मॉडल बनेंगे उत्कृष्ट आंगनबाड़ी केंद्र, दूसरे केंद्रों के लिए तैयार होंगे अनुकरणीय उदाहरण

लखनऊ : कुपोषण के उन्मूलन और बच्चों के पोषण स्तर में सुधार के लिए संभव अभियान 5.0 का क्रियान्वयन जोर-शोर से चल रहा है। इस अभियान का मुख्य उद्देश्य 5 वर्ष तक की आयु के बच्चों में अतिगंभीर कुपोषण का चिन्हांकन, चिकित्सीय उपचार और स्टंटिंग (नाटापन) की दर में कमी लाना है। यह पहल सतत विकास लक्ष्यों को प्राप्त करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है, जो बच्चों और महिलाओं के शारीरिक व मानसिक विकास को सुनिश्चित करने पर केंद्रित है।

बाल विकास एंव पुष्टाहार विभाग की निदेशक सरनीत कौर ब्रोका ने बताया कि बीते 7 जुलाई को योगी सरकार ने संभव अभियान 5.0 का शुभारंभ किया था। इस अभियान के तहत प्रदेश के सभी 75 जनपदों में सबसे अधिक स्टंटिंग वाले 100-100 आंगनबाड़ी केंद्रों का चयन किया गया है, जहां स्टंटिंग की पहचान, निगरानी और न्यूट्रिशन ट्रैकिंग पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है। इन केंद्रों की सघन निगरानी के लिए प्रत्येक जनपद में ब्लॉक और जनपद स्तर के 100 अधिकारियों को नोडल अधिकारी नियुक्त किया गया है।

पूरे प्रदेश में पहली बार एक साथ स्टंटिंग की पहचान के लिए चल रहा अभियान

14 जुलाई 2025 को बाल विकास सेवा एवं पुष्टाहार निदेशालय से जूम वेबिनार के माध्यम से सभी नोडल अधिकारियों को प्रशिक्षण प्रदान किया गया। इसके बाद 15 जुलाई को पूरे प्रदेश में पहली बार एक साथ स्टंटिंग की पहचान और न्यूट्रिशन ट्रैकिंग के लिए विशेष मापन और निगरानी अभियान चलाया गया। इस दौरान नोडल अधिकारी, जिलाधिकारी, जिला कार्यक्रम अधिकारी और अन्य अधिकारी आंगनवाड़ी केंद्रों का निरीक्षण कर ग्रोथ मॉनिटरिंग प्रक्रिया की जांच की। यह प्रक्रिया बच्चों के पोषण स्तर का सटीक आकलन करने और समय पर हस्तक्षेप सुनिश्चित करने में महत्वपूर्ण है।

सकारात्मक परिणामों वाले आंगनवाड़ी केंद्रों बनेंगे मॉडल

इस अभियान का लक्ष्य कुपोषण के कारण होने वाले शारीरिक और मानसिक विकास में बाधा को समाप्त करना है। नोडल अधिकारियों द्वारा एकत्रित रिपोर्ट्स के आधार पर प्रत्येक माह जिला पोषण समिति की बैठक में स्टंटिंग की स्थिति की समीक्षा की जाएगी। इन बैठकों में जिलाधिकारी की अध्यक्षता में सकारात्मक परिणामों वाले आंगनवाड़ी केंद्रों को मॉडल के रूप में चिन्हित किया जाएगा, ताकि अन्य केंद्र इनसे प्रेरणा ले सकें।

यह प्रयास बच्चों, गर्भवती महिलाओं और धात्री माताओं के पोषण स्तर में गुणात्मक सुधार लाने की दिशा में एक मील का पत्थर है। संभव अभियान 5.0 न केवल कुपोषण के खिलाफ जंग को मजबूत कर रहा है, बल्कि उत्तर प्रदेश को स्वस्थ और सशक्त भविष्य की ओर ले जाने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है।

डीएम ने अपने सामने करायी बच्चे की माप, कमजोर बच्चों को पोषण उपलब्ध कराने के दिये निर्देश

लखीमपुर खीरी की जिलाधिकारी दुर्गा शक्ति नागपाल ने बताया कि सरकार की मंशा के अनुरूप सलेमपुर कोन व रंगीला स्थित आंगनवाड़ी का निरीक्षण किया गया। इस दौरान बच्चों की लंबाई, वजन व ऊंचाई की माप प्रक्रिया को बारीकी से देखा गया। उन्होंने खुद बच्चों का माप कराते हुए पूरी प्रक्रिया की गुणवत्ता को परखा और उपस्थित कार्मिकों को जरूरी दिशा-निर्देश दिए। उन्होंने स्पष्ट किया कि प्रशासन की सर्वोच्च प्राथमिकता कमजोर और नाटे बच्चों की समय पर पहचान कर उन्हें उपयुक्त पोषण उपलब्ध कराना है। इस दौरान डीएम दुर्गा शक्ति नागपाल का मातृत्व भरा व्यवहार देखने को मिला। बच्चों को स्नेहपूर्वक दुलारते हुए उन्होंने उनके स्वास्थ्य के बारे में जानकारी ली और उपस्थित माताओं से सीधे संवाद किया। उन्होंने साफ कहा कि सिर्फ सरकारी योजनाओं से नहीं, बल्कि जनभागीदारी से ही कुपोषण पर विजय संभव है।

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