लोकसभा चुनाव नजदीक आ गया है ऐसे में राजनीतिक दल विश्वविद्यालय परिसरों से समर्थन जुटाने में बड़ी दिलचस्पी दिखा रहे हैं। उत्तर प्रदेश में लिंगदोह समिति की सिफारिशों के बाद अब राज्य के विश्वविद्यालयों और अन्य उच्च शिक्षा संस्थानों में जल्द ही छात्र संघ चुनाव कराये जा सकते हैं।
यूपी के उच्च शिक्षा मंत्री योगेंद्र उपाध्याय ने दिया कहा कि सरकार ने छात्र संघ चुनाव पर रोक नहीं लगाई है। विश्वविद्यालय चुनाव कराने के लिए स्वतंत्र हैं, लेकिन उन्हें लिंगदोह पैनल की सिफारिशों का पालन करना चाहिए।
आपराधिक तत्वों और राजनीतिक दलों से चुनाव प्रक्रिया को सुरक्षित रखने के लिए लिंगदोह समिति ने केवल कॉलेज और विश्वविद्यालय के छात्रों को चुनाव में भाग लेने की अनुमति देने की सिफारिश की है। छोटे विश्वविद्यालयों के लिए सीधे चुनाव होंगे। बड़े विश्वविद्यालयों के लिए पैनल सुझाव देता है कि अलग-अलग कॉलेजों को अपने प्रतिनिधि निकाय बनाने चाहिए।
ये चुनाव शैक्षणिक सत्र शुरू होने के छह से आठ सप्ताह के भीतर सालाना आयोजित किए जाने चाहिए। इसके अतिरिक्त केवल 17 से 22 वर्ष के बीच के स्नातक छात्र ही चुनाव में भाग लेने के पात्र होंगे।
बता दें कि 2006 में कैंपस में हिंसा की खबरों के कारण लखनऊ विश्वविद्यालय ने अपने संघ चुनावों में देरी की। सितंबर 2007 में राज्य सरकार ने बाहरी लोगों को कैंपस चुनावों में भाग लेने से रोकने के उद्देश्य से राज्य भर में छात्र संघ चुनावों पर अस्थायी प्रतिबंध लगा दिया था। हालांकि मार्च 2008 में राज्य सरकार द्वारा प्रतिबंध हटा लिया गया।