Wednesday 3rd of September 2025

गोरखा सैनिकों की वीरगाथा को संजोया जाएगा, करीब 45 करोड़ रुपये की आएगी लागत

Reported by: Gyanendra Kumar Shukla, Editor, PTC News UP  |  Edited by: Mangala Tiwari  |  September 03rd 2025 12:32 AM  |  Updated: September 03rd 2025 12:32 AM

गोरखा सैनिकों की वीरगाथा को संजोया जाएगा, करीब 45 करोड़ रुपये की आएगी लागत

ब्यूरो: मां भारती की आन, बान व शान में सर्वस्व न्योछावर करने का जज्बा रखने वाले गोरखा सैनिकों की वीरगाथा को संजोने के लिए बड़ी पहल की जा रही है। इसके तहत प्रदेश का संस्कृति विभाग गोरखा रेजिमेंट के गोरखा भर्ती डिपो (जीआरडी) गोरखपुर में स्थित गोरखा युद्ध स्मारक का सौंदर्यीकरण कराने के साथ यहां एक भव्य संग्रहालय (म्यूजियम) बनवाने जा रहा है। इसका शिलान्यास 4 सितंबर (गुरुवार) को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (सीडीएस) जनरल अनिल चौहान के हाथों होने जा रहा है। 

जनता पहली बार देख और जान सकेगी गोरखा रणबाकुरों की कहानी

उल्लेखनीय है कि आम जनता के अवलोकनार्थ बनने वाला यह गोरखा रेजिमेंट का पहला संग्रहालय होगा। इस तरह देश विदेश में अपने शौर्य से खास पहचान बनाने वाले गोरखा रणबाकुरों की कहानी से आम लोग पहली बार रूबरू हो सकेंगे। उस तरह का यह देश का पहला संग्रहालय होगा।

गोरखा युद्ध स्मारक के सौंदर्यीकरण और संग्रहालय निर्माण के लिए कार्यदायी संस्था के रूप में उत्तर प्रदेश जलनिगम नगरीय की सीएंडडीएस यूनिट 42 का चयन किया गया है। स्मारक के सौंदर्यीकरण और संग्रहालय के निर्माण पर 44 करोड़ 73 लाख 37 हजार रुपये की लागत आएगी। इसके तहत संग्रहालय, टॉयलेट ब्लॉक, टिकट काउंटर, वर्तमान भवन का जीर्णोद्धार, वाटर बॉडी, चहारदीवारी, लिफ्ट आदि का निर्माण कराया जाएगा। इसके अलावा लाइट एंड साउंड शो, सेवन डी थिएटर, म्यूरल पेंटिंग आदि की व्यवस्थाएं भी रहेंगी। 

गोरखा सैनिक भारतीय सेना में अपने विशेष युद्ध कौशल के लिए विख्यात हैं। ब्रिटिश काल से लेकर अब तक भारतीय सेना में गोरखा जवानों ने 2700 से अधिक वीरता पुरस्कार प्राप्त किए हैं। गोरखा जवानों ने प्रथम और द्वितीय विश्वयुद्ध में महत्वपूर्ण योगदान दिया था। देश के आजाद होने के बाद गोरखा सैनिकों ने युद्ध के साथ ही शांति अभियानों में अतुलनीय भूमिका का निर्वहन किया है। वर्तमान समय में करीब 40000 गोरखा सैनिक भारतीय सेना के माध्यम से राष्ट्र की सेवा कर रहे हैं। 

सौ साल पुराना है गोरखा युद्ध स्मारक

1866 में स्थापित गोरखा भर्ती डिपो गोरखपुर, सबसे पुराना भर्ती डिपो है। यहां अभी जो युद्ध स्मारक है उसकी स्थापना प्रथम विश्वयुद्ध में गोरखा जवानों के योगदान की स्मृति में 1925 में हुई थी। इस स्मारक में अब तक आठ ऐसे रणबांकुरों की कांस्य प्रतिमा स्थापित की गई है जिन्होंने युद्धकाल में अपूर्व शौर्य का परिचय दिया और उल्लेखनीय पुरस्कार प्राप्त किए। इनमें पहले फील्ड मार्शल मानेकशॉ, परमवीर चक्र विजेता कैप्टन जीएस सलारिया, लेफ्टिनेंट कर्नल धन सिंह थापा, कैप्टन4 मनोज पांडेय, अशोक चक्र विजेता लेफ्टिनेंट कर्नल जेआर चिटनिस, लेफ्टिनेंट पुनीत नाथ दत्त, मेजर मान बहादुर राय और नायक नर बहादुर की प्रतिमा स्थापित है।

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